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Solar Eclipse: 2 अक्टूबर को लगेगा सुर्य ग्रहण, जानें भारत के लोगों पर पडेगा कितना असर? यहां देखें ग्रहण का सही समय

Ring of Fire Solar Eclipse 2024: आपको बता दें कि अक्टुबर के पहले सप्ताह में ही सुर्य ग्रहण लगने जा रहा हैं। इसी के चलते आपको बता दें कि दुनिया में फिर से रिंग ऑफ फायर नजर आएगा। इस बार सुर्य ग्रहण भारत में दिखेगा या नहीं आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से...
 
Solar Eclipse: 2 अक्टूबर को लगेगा सुर्य ग्रहण, जानें भारत के लोगों पर पडेगा कितना असर? यहां देखें ग्रहण का सही समय

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : Solar Eclipse 2024 Updates: इस साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के दिन ही सुर्य ग्रहण लगने जा रहा हैं। लेकिन बहुत लोगों को इस ग्रहण के बारे में पुरी जानकारी नहीं हैं। इस दिन सूर्य चंद्रमा से छोटा दिखाई देगा। जी हां इस दौरान सुर्य के केंद्र में अंधेरा दिखाई देगा तथा इसके चारों ओर प्रकाश का लालिमा दिखेगी। सूर्य को इस रूप में ‘रिंग ऑफ फायर’ कहा जाता है। यह खगोलीय घटना अंतरिक्ष की दुनिया में घटने वाली खूबसूरत घटनाओं में से एक मानी जाती है।

बता दें कि सूर्य ग्रहण तब लगता है, जब चांद, सूर्य और पृथ्वी एक सीधी लाइन में आ जाते हैं। यह कुछ सेंकेंड, मिनटों, घंटों का हो सकता है और ग्रहों-नक्षत्रों, राशियों पर इसका असर पड़ता है। ग्रहण लगने के दौरान पूरी दुनिया में लोग तरह-तरह के नियमों का पालन करते हैं। इस दौरान मंदिरों के कपाट बंद रखे जाते हैं। गर्भवती महिलाओं को संभलकर रहने की सलाह दी जाती है। आइए सूर्यग्रहण के बारे में सब कुछ जानते हैं…
कब लगेगा और किस समय दिखाई देगा?


रिपोर्ट के अनुसार, सूर्य ग्रहण करीब 6 घंटे तक लगेगा। 2 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण करीब सवा 9 बजे शुरू होगा और रात सवा 3 बजे तक लगेगा। वहीं सूर्य ग्रहण को सीधी आंखों से देखना खतरनाक साबित हो सकता है। इसलिए सूर्य ग्रहण देखने के लिए स्पेशल चश्मे, साधारण पिनहोल प्रोजेक्टर का या अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया जा सकता है।


क्या भारत में नजर आएगा सूर्य ग्रहण?
2 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, क्योंकि जिस समय यह लगेगा, उस समय भारत में रात होगी और रात में सूर्य ग्रहण देखना संभव नहीं होगा। सूर्य ग्रहण अमेरिका के हवाई शहर में, चिली के कुछ शहरों में, अर्जेंटीना, दक्षिण अमेरिका में आंशिक रूप में देखा जा सकेगा। प्रशांत महासागर, साउथ-वेस्ट अटलांटिक महासागर के आसपास रिंग ऑफ फायर रूप में नजर आएगा, लेकिन भारत में रहने वाले भारतीय इसे नहीं देख पाएंगे।