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Credit Card से आप करते हैं पैसा खर्च और बैंक करता हैं कमाई, जानिए क्या हैं पुरा मामला

क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल लोगों के लिए आम बात हो गई हैं। इसी के चलते लोग क्रेडिट से मिले ऑफर्स के चलते जरूरत से ज्यादा शॉपिंग भी कर लेते हैं। इसी के चलते आपको इस बात की खबर भी नहीं होगी कि जब आप क्रेडिट कार्ड से खर्च करते हैं तो इससे बैंक को ही कमाई होती हैं आइए जानते हैं कैसे... 
 
Credit Card से आप करते हैं पैसा खर्च और बैंक करता हैं कमाई, जानिए क्या हैं पुरा मामला

Trending Khabar tv (ब्यूरो)। investing lessons: आजकल के युवा क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल बहुत ज्यादा करते हैं बल्कि एक से अधिक क्रेडिट कार्ड रखना भी आम बात हो गई हैं। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल खरीदारी से​लेकर ऑनलाइन बुकिंग में जमकर हो रहा है। इसके चक्कर में कई लोग कर्ज के बोझ में फंस रहे हैं। हर दिन किसी ने किसी बैंक से नया क्रेडिट कार्ड लेने के लिए कॉल आ ही जाते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा हैं कि हर बैंक आपको क्रेडिट कार्ड बेचने के लिए इतने प्रयासरत क्यों रहते हैं। आपको बता दें कि क्रेडिट कार्ड से बैंकों की जबरदस्त कमाई होती है। आइए समझते बैंकों की पुरी कैलकुलेश्न...


क्रेडिट कार्ड पर ब्याज (interest on credit card)
बैंक आमतौर पर 45 दिन तक खरीदारी पर ब्याज नहीं लेते हैं। लेकिन ड्यू डेट के बाद क्रेडिट कार्ड के लिए ब्याज (Interest for credit card after due date) दर सालाना 30 से 48 प्रतिशत के बीच होती है। बहुत सारे लोग अपने बिल का पूरा पेमेंट नहीं कर पाते हैं। उस स्थिति में बैंक मोटा ब्याज वसूलते हैं। वहीं, कई बार बड़ी खरीदारी के बाद ईएमआई में कन्वर्ट कराने पर बैंक ब्याज वसूलते हैं। इससे बैंक की तगड़ी कमाई होती है। 

मर्चेंट फीस-
यह बात तो भली भांती जानते होगें कि जब भी आप अपना कुछ खर्च चलाने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं और फिर बाद में भुगतान करते समय बैंक आपसे उस बैंलेस का शुल्क भी लेता हैं। यह शुल्क बैंक कारोबारी से वसूलते हैं। मर्चेंट फीस बैंकों और क्रेडिट कार्ड प्रोसेसिंग नेटवर्क के बीच साझा किया जाता है। मर्चेंट फीस आमतौर 2-3 प्रतिशत के बीच होते हैं। 

मार्केटिंग टाई-अप चार्ज (Marketing tie-up charge)
बैंकों द्वारा ब्रांड या सेवा प्रदाताओं के सहयोग से जारी किए गए को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड, के लिए मार्केटिंग टाई-अप शुल्क लेते हैं। टाई-अप और सहयोग व्यवसाय तब होता है जब कोई कंपनी किसी उत्पाद का उत्पादन करने, सेवा प्रदान करने या किसी ब्रांड को बढ़ावा देने के लिए किसी अन्य कंपनी के साथ काम करती है। ऐसे कार्ड कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं। बैंकों के साथ साझेदारी करके, ब्रांड विभिन्न छूट देकर अधिक ग्राहकों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। 

क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले अन्य चार्ज-

क्रेडिट कार्ड लेते वक्त आपसे जितने शुल्क लिए जाते हैं उन सबके बारे में आपको जानकारी नहीं होती हैं। क्रेडिट कार्ड पर ग्राहकों के लिए कई तरह के शुल्क लगते हैं, जैसे निकासी शुल्क, वार्षिक शुल्क, देर से भुगतान शुल्क, बैलेंस ट्रांसफर शुल्क, विदेशी लेनदेन शुल्क आदि। 

निकासी शुल्क: यह शुल्क तब लिया जाता है जब आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके नकद निकालते हैं। यह आमतौर पर कुल लेनदेन राशि का 2.5 से 3 प्रतिशत होता है।
वार्षिक शुल्क: यह क्रेडिट कार्ड को बनाए रखने के लिए हर साल लिया जाने वाला शुल्क है। यह हर बैंक में अलग-अलग होता है।
बैलेंस ट्रांसफर शुल्क: जब आप एक क्रेडिट कार्ड से दूसरे क्रेडिट कार्ड में ऋण ट्रांसफर करते हैं तो 3 से 5 प्रतिशत तक का शुल्क लिया जाता है। 
विदेशी लेनदेन शुल्क: क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता विदेशी मुद्राओं में भुगतान किए गए लेनदेन पर शुल्क देते हैं, जो 1 से 3 प्रतिशत तक होता है।
विलंब शुल्क: यदि क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता नियत तिथि तक न्यूनतम राशि का भुगतान करने में विफल रहता है तो बैंक विलंब शुल्क लगाते हैं। हालांकि, बैंक इस शुल्क पर कुछ रियायतें देते हैं। यह 14 से 40 प्रतिशत के बीच होता है।