Saving अकाउंट और Current अकाउंट को लेकर RBI का नियम, हर किसी के लिए जानना जरूरी
RBI Latest Updates - रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank Of India) के रेगुलेशन के मुताबिक कोई व्यक्ति सेविंग अकाउंट (saving account) को करंट अकाउंट (Current Account) में तब्दील नहीं करा सकता। न ही करंट अकाउंट को सेविंग खाते में बदलवाया जा सकता है। हर किसी को जान लेना चाहिए आरबीआई का ये नियम।
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI latest updates) के रेगुलेशन के मुताबिक कोई व्यक्ति सेविंग अकाउंट को करंट अकाउंट में तब्दील नहीं करा सकता। न ही करंट अकाउंट को सेविंग खाते में बदलवाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर अब सुरभि के सामने दो ही रास्ते हैं। एक तो वह सेविंग खाते को बंद कर दे और दूसरा नया करंट अकाउंट (new current account) शुरू कर दे। उसके बाद सेविंग खाते के पूरे फंड को करंट अकाउंट में ट्रांसफर (bank account latest updates) करा लिया जाए। अब सुरकभि को तय करना है कि वह कौन सा रास्ता अख्तियार करती है जिसमें उसे फायदा हो।
सेविंग और करंट अकाउंट चलाना सही- (saving and current account)
उस जानकार ने यह भी बताया कि सुरभि चाहे तो दोनों खाते चला सकती है क्योंकि इससे फायदा छोड़कर घाटा नहीं है। सेविंग खाते का उपयोग फाइनेंशियल प्लानिंग, सेविंग और इनवेस्टमेंट के लिए कर सकते हैं। इससे सुरभि को अपने खर्च का हिसाब रखने और सेविंग जुटाने में आसानी होगी। पैसा जमा रखने पर ब्याज मिलेगा।
साथ ही सुरभि चाहे तो सेविंग अकाउंट में जमा पैसे को इमरजेंसी फंड के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। इसमें पैसा सुरक्षित रहता है और बराबर ब्याज भी मिलता रहता है। सेविंग अकाउंट के साथ डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग की सुविधा मिलती है, इसलिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपयोग कर सकते हैं।
करंट अकाउंट का फायदा- (benefits of current account)
दूसरी तरफ करंट अकाउंट के भी अपने अलग तरह के फायदे हैं। करंट अकाउंट में ट्रांजेक्शन की लिमिट नहीं होती। अगर सुरभि अपने सेविंग खाते पर महीने में फिक्स ट्रांजेक्शन लिमिट को पार कर जाए तो हर कैश निकासी पर अलग से चार्ज देना होगा। करंट अकाउंट पर लोन लेने की सुविधा मिलती है। इमरजेंसी में सुरभि को पैसे की जरूरत पड़े तो वह उधार ले सकती है। उसका काम जब और तेजी से बढ़ेगा, कर्मचारी-स्टाफ जुड़ेंगे तो सैलरी देने के लिए करंट अकाउंट की जरूरत होगी। इससे उसके बिजनेस की सेहत सुधरेगी, खर्च सुधारने में मदद मिलेगी। खर्च बचने से टैक्स का बोझ भी कम होगा।