Bank News : 1 से ज्यादा बैंक अकाउंट वाले हो जाएं सावधान, हो सकता है बड़ा नुकसान
Bank Account Maintenance Charges: आज के समय में बैंक में खाता तो सभी का होता है। जब से सरकार की ओर से जन धन खाता योजना की शुरूआत की गई है बैंक में खाता खुलवाना बहुत आसान हो गया है। ऐसे में कई लोग एक से ज्यादा अकाउंट (Multiple bank accounts) खुलवा लेते हैं। अगर आपके नाम पर एक से ज्यादा बैंक अकाउंट है तो सावधानी बरते की जरूरत है वरना बड़ा नुकसान हो सकता है। चलिए नीचे खबर में जानते हैं विस्तार से -
Trending Khabar tv (ब्यूरो)। डिजिटल पेमेंट का दौर तेजी से बढ़ रहा है। आजकल फोन पे, गूगल पे, UPI आदि के जरिए चुटकियों में कहीं भी पेमेंट की जा सकती है। इसके लिए बैंक में खाता होना (UPI payments) बहुत जरूरी है। वहीं, सरकारी योजनाओं का पैसा भी सीधा बैंक खाते में ही आता है। जब आप कहीं कमाने के लिए जाते हैं तो सबसे पहले बैंक अकाउंट खुलवाते हैं जिसमें (how to open a bank account) आप अपना पैसा जमा करते हैं।
कई लोग एक से ज्यादा बैंक अकाउंट खुलवा लेते हैं और फिर सभी अकाउंट को मेंटेन नहीं कर पाते हैं या फिर किसी अकाउंट (bank account rules) में लंबे समय तक कोई लेन देन नहीं करते हैं और उसे बंद करवाना भी भूल जाते हैं। जिसके चलते वह बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं अगर आपके पास भी एक या एक से अधिक अकाउंट (multiple bank accounts) है तो ये खबर जरूर पढ़ लें।
मिनिमम बैलेंस का झमेला
एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है। अपने हर अकाउंट को मेनटेन करने के लिए उसमें राशि का एक तय अमाउंट (Minimum Balance Rules) रखना ही होता है। मतलब एक से ज्यादा अकाउंट होने से आपका बड़ा अमाउंट तो बैंकों में ही फंस जाएगा। उस राशि पर आपको ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 फीसदी ही सालाना रिटर्न (Savings Bank account Interest rate) मिलता है। वहीं, अगर सेविंग अकाउंट में पैसे रखने के बजाए दूसरी योजनाओं में लगा दें तो आपको सालाना रिटर्न के तौर पर ज्यादा ब्याज मिलेगा।
लगते हैं ये एक्स्ट्रा चार्जेज
कई अकाउंट होने से आपको सालाना मेंटनेंस फीस (Bank account maintenance fee) और सर्विस चार्ज (Bank service charge) देने होते हैं। क्रेडिट (Credit card) और डेबिट कार्ड (Debit card) के अलावा अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए भी बैंक आपसे पैसे चार्ज करता है। अगर आप अकाउंट को मेनटेन नहीं रखते हैं तो बैंक मोटा चार्ज वसूल करता है तो यहां भी आपको काफी पैसों का नुकसान उठाना पड़ता है।
क्रेडिट स्कोर होता है खराब
एक से ज्यादा निष्क्रिय खाते होने से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी इसका खराब असर पड़ता है। आपके खाते में न्यूनतम बैलेंस मेनटेन (Minimum balance rules in India) नहीं होने से क्रेडिट स्कोर (Credit Score) खराब होता है। इसलिए कभी भी निष्क्रिय खाते को हल्के में न लें और नौकरी छोड़ने के साथ ही उस खाते को बंद करा दें।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रहती है नजर
अक्सर ऐसा देखा जाता है की एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने के कारण टैक्स जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं कागजी कार्रवाई में भी ज्यादा माथापच्ची करनी पड़ती है। साथ ही इनकम टैक्स (ITR return file) फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां भी ध्यान रखनी पड़ती है। और जब बात आती है उनके स्टेटमेंट के रिकॉर्ड जुटाने (bank account details) की तो काम काफी पेचीदा हो जाता है। सभी बैंकों की सही डीटेल ना देने पर आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर में भी आ जाते हैं।
सैलरी से सेविंग में कन्वर्ट हो जाता है अकाउंट
सैलरी अकाउंट (Salary Account) खुलवाते समय हमे कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना चाइए। दरअसल, नियमों के अनुसार जब सैलरी अकाउंट में में तीन महीने तक सैलरी नहीं आती तब वह सेविंग अकाउंट (Saving account) में कन्वर्ट हो जाता है। सेविंग अकाउंट में बदलने के बाद खाते से जुड़े नियम भी बदल जाते हैं। जिसके बाद आपका खाता सेविंग अकाउंट के रूप में ही ट्रीट किया जाता हैं। वहीं, बैंक के नियमों के अनुसार, सेविंग अकाउंट में एक न्यूनतम राशि मेनटेन (savings account minimum balance rules) करनी बेहद जरूरी है। किसी भी कारणवश इसे मेनटेन ना कर पाने पर आपको पेनल्टी भी देनी पड़ सकती है और साथ ही आपके खाते में से जमा रकम से बैंक पैसा काट सकते हैं।