पेमेंट सिस्टम को लेकर भी RBI ने जारी की गाइडलाइन, अब इन नियमों का करना होगा पालन
RBI New Rules : भारत का केंद्रीय बैंक ग्राहकों की सुविधा के लिए नए नए नियम बनाता है। अभी हाल ही में आरबीआई ने एक नई गाइडलाइन भी जारी की है। आरबीआई की इस नई गाइडलाइन के अनुसार पेमेंट सिस्टम (payment systum) को लेकर कुछ नए नियम निर्धारित किए गए है। आइए नीचे खबर में जान लें कि कया है भारत के केंद्रीय बैंक की नई गाइडलाइन....
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : भारत का केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हमेशा अपने ग्राहकों के लिए अच्छी से अच्छी सुविधा उपलब्ध कराने की कोशिश में रहता है एक बार फिर आरबीआई ने पेमेंट सिस्टम को सही करने के लिए एक नई गाइडलाइन जारी की है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा कि गैर-बैंक भुगतान तरीकों से जुड़े ऑपरेटर को संदिग्ध लेनदेन गतिविधियों की पहचान और इस बारे में सतर्क करने के लिए असली समय पर धोखाधड़ी निगरानी उपाय करनी होगी। इसके लिए आपको मास्टर गाइडलाइन (RBI new guidelines) को फॉलो करना होगा।
RBI ने मोबाईल ऐप को लेकर बनाया ये नियम
आजकल लगभग सभी लोग ऑनलाइन माध्यम का ही इस्तेमाल करते है। अगर आप भी बैंक मोबाईल ऐप का इस्तेमाल (Use of bank mobile app) करते हैं तो आपको ये पता होना चाहिए अगर ज्यादा लंबे समय तक मोबाईल ऐप का यूज नहीं करते हैं तो आपको इसकी लिए जानकारी साझा करनी होगी नहीं तो अपने आप एक समय के ये बंद हो जाएगी, और आपको इसे दोबारा लॉगिन करना पड़ेगा। आरबीआई ने इस निर्देश को मंगलवार से प्रभावी कर दिया है। आरबीआई ने पीएसओ को जरूरी अनुपालन संरचना तैयार (RBI prepares necessary compliance structure for PSOs) करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करने के मकसद से चरणबद्ध तरीके से अमल तय किया है।
किया जाएगा प्रभावित लेनदेन का समाधान
भारत के केंद्रीय बैंक (RBI) ने इस सेवा को शुरू करने का खास मकसद ये भी बताया कि साइबर मजबूती पर जोर दिया जाएगा ताकि ग्राहकों के साथ किसी भी तरह की धोकाधड़ी न हो। आरबीआई ने मोबाइल भुगतान (mobile payment) से रिलेटेड चीजों में कहा कि पीएसओ (PSO) को यह तय करना चाहिए, कि ग्राहक के साथ बातचीत के दौरान एन्क्रिप्शन प्रोटोकॉल के साथ प्रमाणित सत्र बिल्कुल तय रहे। आरबीआई ने ये भी कहा कि अगर यूजर किसी भी समय एप्लिकेशन को बंद कर देता है, तो सत्र खत्म कर दिया जाएगा और प्रभावित लेनदेन का समाधान किया जाएगा या उसे वापस कर दिया जाएगा।
इससे पहले भी RBI ने जारी की कई गाइडलाइन
RBI ने रेगुलेटेड कंपनियों को व्यक्तियों या संस्थाओं को धोखाधड़ी करने वाले फैसले में भी अलग किया था। यह जरूरत 27 मार्च, 2023 को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और दूसरे राजेश अग्रवाल और अन्य के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के बाद लागू की गई है। धोखाधड़ी का जल्द पता लगाने और रोकथाम के लिए प्रारंभिक चेतावनी संकेतों (EWS) और खातों की रेड फ्लैगिंग (RFA) के ढांचे को भी बढ़ाया गया है।
बता दें कि इसके अलावा नए नियमों में अब क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, ग्रामीण सहकारी बैंकों और आवास वित्त कंपनियों (Rural Cooperative Banks and Housing Finance Companies) पर भी लागू होंगे। इस विस्तार का उद्देश्य सभी रेगुलेटेड संस्थाओं में बेहतर धोखाधड़ी जोखिम प्रबंधन प्रणाली को बढ़ावा देना है।