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एक बार CIBIL Score खराब होने पर कितने साल तक नहीं मिलता लोन, जान लें ये जरूरी बात

CIBIL Score : सिबिल स्कोर के बारे में तो आपने सुना हीहोगा। अक्सर आपने देखा होगा कि जब भी सिविल स्कोर खराब होता है तो लोन मिलने में काफी परेशान नहीं होती है। ऐसे में कई लोगों के मन में सवाल होता है कि आखिर एक बार सिविल स्कोर खराब होने पर कितने समय तक नहीं मिलता है लोन...तो चलिए आइए आज जान लेते है इस खबर में इन्हीं सवालों से जुड़े कुछ जरूरी जवाब। 
 
एक बार CIBIL Score खराब होने पर कितने साल तक नहीं मिलता लोन, जान लें ये जरूरी बात

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : लोन के डिफॉल्ट (loan default) होने पर यानी कि समय पर न चुकाने पर आपका सिबिल स्कोर खराब होता है। जैसे परीक्षा में कोई बच्चा बैठता है और ठीक से पेपर नहीं देने पर मार्क्स अच्छे नहीं आते। बाद में उसी कम मार्क्स के चलते बच्चे को अच्छे कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलती।


यही हाल लोन लेने और डिफॉल्ट होने पर होता है। लोन नहीं चुकाने पर डिफॉल्ट की बदनामी मिलती है जिससे आपका सिबिल स्कोर खराब (Reasons for bad CIBIL score) हो जाता है। अगली बार कहीं भी, किसी भी बैंक में लोन लेने जाएं तो या लोन नहीं मिलेगा और मिलेगा भी तो भारी पचड़े के साथ अधिक ब्याज पर।


अब सवाल है कि सिबिल स्कोर क्या जन्म-जन्मांतर के लिए खराब हो जाता है? क्या उसमें कोई पैबंद लगने या सुधार करने की गुंजाइश नहीं होती? अगर ऐसा होता तो लोग शायद कभी लोन डिफॉल्ट नहीं करते। कुछ न कुछ गुंजाइश जरूर मिलती होगी जिससे कि आगे का रास्ता खुले, कुछ कर्ज मिले।

 

इस उदाहरण से समझें-


सिबिल स्कोर के फंडा को एक साधारण उदाहरण से समझें। मान लें आपने घर बनाने के लिए बैंक से लोन लिया। शुरू-शुरू में लोन की किस्त चुकाते रहे कि अचानक लॉकडाउन लग गया और आपका धंधा चौपट हो गया। इस परिस्थिति में आपके सामने किस्त बंद करने के अलावा कोई चारा न रहा। किस्त बंद होते ही बैंक ने आपको डिफॉल्ट की श्रेणी में डाल दिया।


बाद में आर्थिक स्थिति ठीक हुई और आपने किस्त के बाकी बचे पैसे और उस पर पनपे ब्याज को भी बैंक में चुका दिया। इससे आपको लगता होगा कि जो सिबिल स्कोर खराब हुआ होगा उसकी भरपाई हो जाएगी। आपने उम्मीद तो ठीक रखी, लेकिन जानकारों ने बताया कि सबकुछ करने के बावजूद कम से कम दो साल तक सिबिल स्कोर खराब रहता है। लंबित किस्त चुका दें या उसका ब्याज भी भर दें, दो साल तक सिबिल स्कोर नहीं सुधरता और इसका घाटा कई वित्तीय जरूरतों में देखा जाता है।


नहीं छुपती CIBIL Score  की गड़बड़ी-


सिबिल स्कोर की हवा ऐसी होती है कि उसकी लहर हर कोने तक पहुंच जाती है। अर्थात, आपके सिबिल स्कोर की निगेटिव रैंकिंग हर बैंक और फाइनेंस एजेंसियों के पास पहुंच जाती है। जब भी अगली बार लोन लेने किसी बैंक में या कार लोन लेने के लिए फाइनेंस कंपनियों के पास जाएंगे, वे आपकी निगेटिव स्कोरिंग तुरंत पता कर लेंगे। ऐसी स्थिति में या तो आपको लोन नहीं मिलेगा। अगर चिरौरी और मुरव्वत में लोन मिल भी जाए तो उसकी ब्याज दर चढ़ा-बढ़ा कर वसूली जाएगी। तब आपको सिबिल स्कोर की अहमियत (Importance of CIBIL score) के बारे में भली-भांति पता चलता है।

कैसे सुधरता है CIBIL Score -


आपके लेनदेन और क्रेडिट कार्ड या छोटे-बड़े बिलों के भुगतान को देखते हुए सिबिल स्कोर में सकारात्मकता या पॉजिटिविटी आती है। बिलों के पेमेंट में देरी न करें, समय पर बिल चुकाएं और पूरा चुकाएं। जैसे क्रेडिट कार्ड का पूरा बिल चुकाएं, न कि मिनिमम ड्यू अमाउंट। इससे सिबिल स्कोर सुधरता है। कई बार लोग लोन (latest loan news) लेने और उसे सही समय पर चुकाने के बाद बैंक (latest bank news) से एनओसी नहीं लेते जिस वजह से सिबिल स्कोर निगेटिव में चला जाता है। 


बैंक से तुरंत एनओसी लेना चाहिए जिसके बाद ही सिबिल (CIBIL Score Latest Updates)  पर आपका डेटा अपडेट होता है। यही बात क्रेडिट कार्ड के साथ भी है। क्रेडिट कार्ड बंद करते हैं तो बैंक से इसकी पूरी कागजी कार्यवाही पूरी करें। कार्ड बंद करने का प्रमाण पत्र बैंक से जरूर लें। इन सब बातों से सिबिल स्कोर सुधरता है।