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Indian Currency: पैसा छापने में कुल इतना खर्चा करती है सरकार, अमाउंट जानकार आप रह जाएंगे हैरान 

Cost of Printing Indian Currency: जेब में रखे नोट अक्सर लोग धड़ल्‍ले से खर्च करते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन नोटों को छापने में कुल कितना खर्चा (Note Printing Cost in India) आता होगा। आपको बता दें, रिजर्व बैंक सिक्‍कों और नोट को छापने का काम करता है। और अलग-अलग नोट को छापने में खर्चा भी अलग-अलग आता है। आइए खबर में विस्तार से जानते है इसके बारे में-
 
Indian Currency: पैसा छापने में कुल इतना खर्चा करती है सरकार, अमाउंट जानकार आप रह जाएंगे हैरान 

 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : भारतीय बाजार में नोट का चलन सिक्कों के मुकाबले ज्यादा है। यही वजह है की भारत सरकार भी सिक्कों के मुकाबले नोटों की छपाई पर ज्यादा जोर (cost of printing notes) देती है। चलिए आज आपको इस आर्टिकल में बताते हैं कि आखिर भारत के 10, 20, 50, 100, 200 और 500 के नोट छापने में आरबीआई को कितना पैसा खर्च करना पड़ता है।

RBI छाप सकता है कितने नोट ?

ऐसा नहीं है कि कोई भी सरकार या रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया जितने चाहे उतने नोट छाप ले। नोट कितने छापे जा सकते हैं, इसके लिए भी (note printing cost in India) एक नियम है। दरअसल, RBI भारत में कितने नोट छाप सकता है ये न्यूनतम आरक्षित प्रणाली के आधार पर तय किया जाता है।

यह सिस्टम भारत में 1957 से काम कर रहा है। इस सिस्टम के अनुसार, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को 200 करोड़ रुपये की संपत्ति (how may rupees note print in one year) अपने पास रखनी होगी। जिसमें 115 करोड़ रुपये का स्वर्ण भंडार और 85 करोड़ रुपये मूल्य की विदेशी मुद्रा शामिल है।  इतना पैसा स्टोर करने के बाद ही आरबीआई अर्थव्यवस्था की आवश्यकता के अनुसार, अनिश्चित काल तक मुद्रा छापने के लिए स्वतंत्र हो जाती है।

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10, 20 और 50 के नोट में आता है कितना खर्च 

भारतीय रिजर्व बैंक नोट मुद्रण लिमिटेड (BRBNML) से आरटीआई के जरिए जब इस पर जवाब मांगा गया तो उधर से मिली जानकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 (FY22) में 10 रुपये के 1 हजार नोट छापने पर 960 रुपये खर्च करने पड़े थे। इस हिसाब से देखें तो एक 10 का नोट (cost for printing 10 rupees note) छापने के लिए सरकार को 96 पैसा खर्च करना पड़ा था।

इसी वर्ष 20 रुपये के एक हजार नोट छापने पर 950 रुपये खर्च करने पड़े थे। यानी एक 20 रुपये के नोट को छापने में 95 पैसे का खर्च आया। जबकि, साल 2021-22 में 50 रुपये के एक हजार नोट छापने में 1,130 रुपये खर्च करने पड़े थे। यानी एक 50 रुपये के नोट को छापने में 1 रुपये 13 पैसे आरबीआई को खर्च करने पड़ते हैं।

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100, 200 और 500 के नोट का भी समझिए गणित 

इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि आरबीआई को 100 रुपये के एक हजार नोट छापने में कुल 1770 रुपये खर्च करने पड़े थे। यानी 100 का एक नोट  (cost for printing 100 rupees note) छापने में आरबीआई को 1.77 रुपये खर्च करने पड़े।

200 के नोट की बात करें तो इसी वित्त वर्ष में 200 के एक हजार नोट छापने में आरबीआई को 2370 रुपये खर्च करने पड़े। यानी एक 200 का नोट छापने में आरबीआई को 2.37 रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

500 के नोट की बात करें तो आरबीआई को 500 के एक हजार नोट छापने में 2021-22 में 2290 रुपये खर्च  (cost for printing 500 rupees note) करने पड़े थे। यानी एक 500 का नोट छापने में आरबीआई को 2.29 पैसे खर्च करने पड़े थे।