Saving Account में इस लिमिट से ज्यादा पैसे रखने पर घर आएगा इनकम टैक्स का नोटिस
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : वर्तमान समय में लगभग हर व्यक्ति के पास बैंक में सेविंग अकाउंट है। अकाउंट में अपनी आमदनी और बचत के हिसाब से लोग पैसे रखते हैं। आप अपने सेविंग अकाउंट को UPI से लिंक करके इंटरनेट बैंकिंग (Internet Banking) की सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। बचत खाते में आप अपना पैसा सुरक्षित रख सकते हैं और बैंक आपको इस पर ब्याज (Interest) भी प्रदान करता है। इससे आपकी अतिरिक्त आजीविका सुनिश्चित होती है।
सेविंग अकाउट में जमा की जा सकने वाली राशि की क्या कोई सीमा होती है? (money limit in saving account)
आपको बता दें, अधिकांश बैंक बचत खाते (Saving Account) में जमा की जाने वाली राशि पर कोई सीमा नहीं लगाते हैं। हालांकि, अगर आप एक निश्चित रकम से ज्यादा जमा करते हैं तो आपको इस पर टैक्स (Tax) देना पड़ सकता है।
इनकम टैक्स के क्या नियम हैं? (income tax rules)
जब आप आईटीआर फाइल (ITR File) करते हैं तो आपको अपने बचत खाते में जमा पैसे का विवरण आयकर विभाग को देना होता है। आपकी जमा राशि पर अर्जित ब्याज आपकी वार्षिक आजीविका में जुड़ जाता है।
अब एक नया अपडेट आया है। अगर आप एक वित्तीय वर्ष में अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये या उससे अधिक रखते हैं, तो आपको इसकी सूचना आयकर विभाग (Income Tax Department) को देनी होगी। ऐसा न करने पर आप पर टैक्स चोरी का आरोप लग सकता है। आपके घर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के तहत इनकम टैक्स का नोटिस (income tax notice) आ सकता है। कुल मिलाकर बात ये है एक बचत खाता आपकी मेहनत की कमाई को संग्रहीत करने का एक सुरक्षित तरीका प्रदान करता है, लेकिन अर्जित ब्याज और जमा किए गए राशि पर टैक्स को समझना भी महत्वपूर्ण है।
इनकम टैक्स रिर्टन क्या है? (ITR)
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) एक फॉर्म है जिसका इस्तेमाल आयकर विभाग को आपकी इनकम और टैक्स के बारे में जानकारी देने के लिए किया जाता है। किसी करदाता की टैक्स देनदारी की गणना उसकी इनकम के आधार पर की जाती है। अगर रिटर्न से पता चलता है कि एक वर्ष के दौरान अतिरिक्त कर का भुगतान किया गया है, तो व्यक्ति आयकर विभाग से आयकर रिफंड प्राप्त करने का पात्र होगा।
आयकर कानूनों के अनुसार, रिटर्न (Income Tax Department) हर साल उस व्यक्ति या व्यवसाय की ओर से फाइल की जानी चाहिए जो वित्तीय वर्ष के दौरान कोई आय अर्जित करता है। इनकम सैलरी, व्यावसायिक लाभ, गृह संपत्ति से इनकम या लाभांश, पूंजीगत लाभ, ब्याज या अन्य स्रोतों के माध्यम से अर्जित हो सकती है।
किसी व्यक्ति या व्यवसाय को एक तय तारीख से पहले टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है। अगर कोई करदाता समय सीमा का पालन करने में विफल रहता है, तो उसे जुर्माना देना होगा।