Mutual Funds में निवेश करते समय खा गए यहां मात तो घट जाएगा आपका मुनाफा
Trending Khabar tv (ब्यूरो) : आज के समय में म्यूचुअल फंड्स काफी पॉपुलर स्कीम मानी जाती है। इसमें SIP के जरिए आप हर महीने एक निश्चित अमाउंट निवेश कर सकते हैं। इसमें आपको रिटर्न भी अच्छा खासा मिलता है। लेकिन कई निवेशक एक्सपेंस रेश्यो पर ध्यान(expense ratio Kya hai) नहीं देते हैं। अगर फंड का एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा है तो इससे निवेशकों के असली रिटर्न पर असर पड़ता है।आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में खबर के माध्यम से।
असल रिटर्न पर कितना पड़ता है फर्क
जैसें कि मान लों कि आपने किसी फंड में 10 हजार रुपये निवेश किया है। तो इसका एक्सपेंस रेश्यो 1.60 प्रतिशत है। अगर आपको एक साल में 15 प्रतिशत रिटर्न मिलता है तो यह 10,000 रुपये होगा। लेकिन वहीं, आपके रिटर्न में से 1.60 (mutual fund investment)फीसदी एक्सपेंस रेश्यो भी कट जाएगा। इस तरह असल (mutual funds schemes)रिटर्न 13.4 फीसदी होगा। वहीं अगर एक्सपेंस रेश्यो 1 प्रतिशत होता तो आपका असल रिटर्न 14 प्रतिशत होता।
एक्सपेंस रेश्यो क्या है
आपको बता दें कि म्यूचुअल फंड्स को एसेट मैनेजमेंट कंपनीज (AMC) मैनेज करती हैं। ये एएमसी डिस्ट्रीब्यूशन, मार्केटिंग, ट्रांसफर कस्टोडियन, लीगल और ऑडिटिंग जैसे खर्च उठाती है। ये खर्च म्यूच्युअल फंड की यूनिट खरीदने वाले निवेशकों से वसूले जाते हैं। इन खर्चों को एएमसी एक्सपेंस(expense ratio in mutual fund) रेश्यो के रूप में वसूलती है। एक्सपेंस रेश्यो यह जांचता है कि फंड में निवेश करना सस्ता पड़ेगा या महंगा। किसी फंड का एक्सपेंस रेश्यो ज्यादा होता है तो किसी का कम होता है।
रिटर्न की गारंटी
म्यूचुअल फंड निवेशकों को इस बात पर गौर करना चाहिए कि कम या ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो (expense ratio can affact)से रिटर्न की गारंटी नहीं मिलती है। ओर हां आपको बता दें कि कई बार ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो वाले म्यूचुअल फंड कम एक्सपेंस रेश्यो वाले फंड की तुलना में ज्यादा मुनाफा देते हैं।