दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण को देख supreme court ने कहीं बड़ी बात
Supreme Court on Pollution : देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली एनसीआर में चल रही जहरीली हवा को लेकर बड़ा अपडेट जारी किया है तथा कई सवाल भी पूछे हैं। आइए खबर में जानते हैं सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी हुए इस अपडेट के बारे में विस्तार से।
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : प्रदूषण में खतरनाक बढ़ोतरी के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी में ग्रैप के चरण-4 के कार्यान्वयन में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज दिल्ली सरकार से सवाल किया। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा। जस्टिस अभय एस ओक और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह ग्रैप के चरण-4 के तहत उठाए जाने वाले निवारक कदमों में कटौती की अनुमति नहीं देगा, भले ही एक्यूआई 450 से नीचे आ जाए। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण से निपटने के लिए उठाए जाने वाले निवारक कदमों में कटौती करने के लिए अदालत की पूर्व अनुमति लेनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहासुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि ट्रकों का दिल्ली मे प्रवेश कौन रोकेगा और कैसे पता चलेगा कि ट्रक आवश्यक सामान ले जा रहा है। इस पर वकील ने कहा कि इसकी जांच ट्रैफिक पुलिस करती है और उसके पास जरूरी वस्तुओं की लिस्ट होती है। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि कंस्ट्रक्शन की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, इसकी निगरानी कौन कर रहा है। क्या कोई साइट पर जाकर जांच कर रहा है।
वकील ने कोर्ट को बताया कि अभी भी सुप्रीम कोर्ट के अंदर निर्माण कार्य चल रहा है। पत्थर तोड़े जा रहे हैं, और हवा में धूल उड़ रही है। जस्टिस ओका ने इसपर गंभीरता दिखाते हुए सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को तलब किया। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि 450 AQI को हमने कब पार किया। केंद्र ने कहा कि 13 नवंबर को। शाम 4 बजे तक AQI 418 था।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम राज्यों को कमेटी गठित कर यह सुनिश्चित करने का निर्देश देंगे कि कोई निर्माण कार्य न हो। दिल्ली सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि कक्षा 5 तक की कक्षाएं बंद कर दी गई हैं। कक्षा 5 से 9 तक केवल ऑनलाइन कक्षाएं चलेगी। 10वीं और 12वीं के लिए स्कूल खुले रहेंगे क्योंकि वे बोर्ड के छात्र हैं।
दिल्ली सरकार के वकील ने मामले की सुनवाई की शुरुआत में पीठ से कहा कि ग्रैप का चौथा चरण सोमवार से लागू कर दिया गया है और भारी वाहनों के राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस पर पीठ ने वकील से कहा, जैसे ही एक्यूआई 300 से 400 के बीच पहुंचता है, तो चौथा चरण लागू करना पड़ता है। आप ग्रैप के चौथे चरण को लागू करने में देरी करके इन मामलों में जोखिम कैसे उठा सकते हैं। पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि अदालत जानना चाहती है कि उसने प्रदूषण के स्तर में खतरनाक वृद्धि को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं।
पीठ ने कहा, अगर वायु गुणवत्ता सूचकांक 450 से नीचे चला जाता है, तब भी हम चौथे चरण के तहत उठाए जाने वाले निवारक उपायों में ढील नहीं आने देंगे। चौथा चरण तब तक लागू रहेगा, जब तक न्यायालय इसमें ढील की अनुमति नहीं देता। पीठ ने कहा कि वह दिन के कामकाज के अंत में मामले पर विस्तार से सुनवाई करेगी। केंद्र की वायु गुणवत्ता समिति ने ग्रैप के चौथे चरण के तहत दिल्ली-एनसीआर के लिए कड़े प्रदूषण नियंत्रण उपायों की रविवार को घोषणा की, जो सोमवार सुबह आठ बजे से प्रभावी हो गए। ग्रैप के चौथे चरण के तहत ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध और सार्वजनिक निर्माण परियोजनाओं पर अस्थायी रोक शामिल है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने यह आदेश तब जारी किया, जब दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली में एक्यूआई शाम चार बजे 441 दर्ज किया गया, जो प्रतिकूल मौसम के कारण शाम सात बजे तक बढ़कर 457 हो गया। आदेश के मुताबिक, आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले या स्वच्छ ईंधन (एलएनजी/सीएनजी/बीएस-VI डीजल/इलेक्ट्रिक) का उपयोग करने वाले ट्रकों को छोड़कर किसी भी ट्रक को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
आदेश के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), सीएनजी वाहनों और बीएस-VI डीजल वाले वाहनों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहन भी प्रतिबंध के दायरे में होंगे। आदेश के मुताबिक, राजमार्ग, सड़क, पुल और अन्य सार्वजनिक परियोजनाओं सहित सभी निर्माण गतिविधियों पर अस्थायी रोक रहेगी।
सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बातें
दिल्ली में ग्रेप 3 और ग्रेप 4 लागू करने में कमीशन की ओर से देरी की गई।
12 नवंबर को AQI चार सौ से ऊपर पहुंच गया लेकिन ग्रेप-3, 14 नवंबर को लागू हुआ। ग्रेप-4 भी आज सुबह लागू हो पाया।
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने ग्रेप लागू करने में देरी की है, कमीशन ने गलती की है। कमीशन AQI सुधरने के इंतजार में नहीं बैठा रहा सकता।
NCR के अंतर्गत आने वाले सभी राज्यों से कहा है कि वो ग्रेप-4 के तहत लगी पाबंदियों पर अमल सुनिश्चित करें।
सभी राज्यों से इस बारे में निगरानी रखने के लिए कमेटी बनाने को कहा।
कोर्ट ने दिल्ली सरकार और बाकी राज्यों से कहा है कि लोगो की शिकायत दूर करने/ दर्ज करने के लिए सिस्टम बनाएं।
कोर्ट ने साफ किया कि अगर AQI सुधरता भी है तो भी बिना कोर्ट की इजाजत के ग्रेप 4 नहीं हटेगा।
कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र सरकार से गुरुवार तक हलफनामा दाखिल करने को कहा।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी बनती है कि प्रदूषण मुक्त वातावरण उपलब्ध कराए।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों से कहा कि 12वीं तक के सभी स्कूलों को बंद किया जाए, पढ़ाई ऑनलाइन मोड में हो।
राज्य सरकारों को लगाई थी फटकार
14 नवंबर को एमाइकस ने दिल्ली मे खतरनाक होते प्रदूषण को लेकर अदालत से जल्द सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि आज हम गंभीर स्थिति में हैं। पिछली सुनवाई में बढ़ते प्रदूषण पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को फटकार लगाते हुए कहा था कि प्रदूषण से जुड़े मामले में जबतक कठोर फैसला नहीं लिया जाएगा, कुछ नहीं होने वाला।