Property Rights: अगर महिलाओं ने नहीं बनवाया है इंपॉर्टेंट डॉक्यूमेंट तो हाथ से जा सकती है प्रॉपर्टी
Important property documents: पिछले दो तीन सालों में प्रॉपर्टी रेट्स में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है। इतना ही नहीं आज के ज़माने में जमीन-जायदाद खरीदने (property buying) के लिए एक व्यक्ति के जीवनभर की कमाई लग जाती है। ऐसे में अगर आप एक महिला है तो सिर्फ एक सर्टिफिकेट (marriage certificate) नहीं होने की वजह से आपको अपनी संपत्ति के अधिकार को खोना पड़ सकता है। आइए खबर में विस्तार से जानते है इस जरुरी दस्तावेज के बारे में-
Trending Khabar tv (ब्यूरो)। आजकल के जमाने में महंगाई इतनी हो गयी है की जमीन-जायदाद जोड़ना बेहद मुश्किल हो गया है। अक्सर बस एक घर बनाए या खरीदने में लोगों की पूरे जीवनभर की कमाई लग जाती है । आजकल पैसे से साथ साथ डाक्यूमेंट्स (Important property documents)की भी उतनी ही अहमियत हो गयी है। ऐसे में अगर आज के जमाने में भी महिलाओं के पास अगर ये जरुरी कागजात नहीं होगा, तो उनकों संपत्ति से भी हाथ धोना पड़ सकता है।
इतना ही नहीं इसके अलावा बैंकिंग से लेकर जीवन के अन्य क्षेत्रों तक में काफी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है। इसलिए शादीशुदा महिलाओं को तो ये सर्टिफिकेट (marriage registration) जरूर बनवा लेना चाहिए। यहां बात हो रही है मैरिज सर्टिफिकेट की। भले आपकी शादी किसी भी धर्म के रीति-रिवाज से हुई हो। आपको अपनी मैरिज रजिस्टर जरूर कराना चाहिए। मैरिज सर्टिफिकेट (marriage certificate) जहां आपकी प्रॉपर्टी से जुड़ी दिक्कतों को दूर करता है, वहीं आपको कई और फायदे भी पहुंंचाता है।
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मैरिज सर्टिफिकेट की क्यों है जरूरत?
अगर आपकी शादी हो चुकी है और आप एक महिला हैं और किसी भी कारण आपके पास मैरेज सर्टिफिकेट नहीं है। तो आपको ये दस्तावेज जल्द से जल्द इसे बनवा लेना चाहिए। अगर आपके पास ये सर्टिफिकेट ( hindu marriage registration) नहीं है, तो पति की मौत के बाद संपत्ति का हक मांगने में आपको समस्या हो सकती है। कई बार ससुराल वाले शादी का सर्टिफिकेट न होने का फायदा उठा सकते हैं। वह शादी को अवैध बताकर महिला से उसके हक की संपत्ति से उसे बाहर भी कर सकते हैं।
भारत देश में शादी को एक पवन और पवित्र बंधन माना गया है। लेकिन इसके बावजूद मैरिज सर्टिफिकेट आपकी शादी को स्थायी कानूनी मान्यता देता है जिसके लिए इसकी विशेष जरुरत होती है। देश के ज्यादातर नए शादीशुदा जोड़े आजकल शादी का प्रमाणपत्र ( benefits of marriage certificate) बनवा रहे हैं। जबकि देश की एक बड़ी महिला आबादी को इसके फायदे और अन्य प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी नहीं है। शादी का प्रमाणपत्र उन महिलाओं के लिए बेहद जरूरी है, जो शादी के बाद अपना सरनेम नहीं बदलती हैं।
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हिंदू मैरेज एक्ट- 1955 की धारा-8 के मुताबिक (hindu marriage act) हिंदू शादी का रजिस्ट्रेशन हो सकता है। हालांकि हर राज्य में यह जरूरी नहीं है और धारा-8 के मुताबिक बिना रजिस्ट्रेशन के भी शादी वैध मानी जाती है, क्योंकि हिंदू शादी की वैधता उनके रस्मों और रिवाज़ों से होती है। इसमें सात फेरे लेना, मंगलसूत्र पहनना इत्यादि शामिल है।
मैरिज सर्टिफिकेट ना होने पर ये नुकसान
एक रिपोर्ट के मुताबिक अगर किसी भी वजह से आपके पास मैरिज रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट नहीं है, तो इससे आपकी शादी की वैधता पर लगभग कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इससे आपको बाकी कई नुकसान हो सकते हैं। जैसे घरेलू हिंसा, अत्याचार या वैवाहिक बलात्कार (property rights and marriage certificate) इत्यादि के मामले में केस दर्ज कराने को लेकर मुश्किल पेश आ सकती है। वहीं पासपोर्ट बनवाने, विदेश में बसने और यात्रा करने के दौरान भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।