Movie prime

indian railway: यह रेलवे लाइन साल भर रहती हैं बंद, भगत सिंह की याद में सिर्फ एक बार चलती हैं ट्रेन

आपको बात दें कि कल यानी 28 सितंबर को भगत सिंह की 117वीं जयंती थी। इसी के चलते हम आपको इससे जुडे एक रेलवे स्टेशन के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं दरअसल, देश में एक ऐसी रेलवे लाइन हैं जहां पुरी साल ट्रेन नहीं चलती बल्कि साल में एक बार भगत सिंह की याद में ट्रेन चलाई जाती हैं आइए जानते हैं विस्तार से...
 
indian railway: यह रेलवे लाइन साल भर रहती हैं बंद, भगत सिंह की याद में सिर्फ एक बार चलती हैं ट्रेन

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : indian railway: भारतीय रेलवे पुरे देश में फेमस सबसे विख्यात साधन हैं। इसी के चलते हम आपको इस खबर के माध्यम से रेलवे से जुडे कुछ रोचक तथ्य बताने जा रहे हैं। जिनके बारे में बहुत से लोग अनजान हैं। आइए जानते हैं इसकी पुरी डिटेल


भगत सिंह का जन्मदिन -
शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आज 117वीं जयंती है. भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले (अब पाकिस्तान) के बंगा गांव में हुआ था. 


हुसैनीवाला गांव में किया गया था अंतिम संस्कार -
भगत सिंह 23 साल की उम्र में साल 1931 में फांसी के फंदे में झूल गए थे. उनका अंतिम संस्कार पंजाब के हुसैनीवाला गांव में किया गया था. यहां पर उनकी समाधी भी बनाई गई. हालांकि, बंटवारे के वक्त ये जगह पाकिस्तान में चली गई थी.


पाकिस्तान को दिया था समाधी स्थल -
फाजिल्का के 12 गांव व सुलेमान की हेड वर्क्स पाकिस्तान को देने के बाद समाधी स्थल को भारत से जोड़ा गया था


लाहौर तक जाती थी रेल लाइन -
फिरोजपुर की रेल लाइन हुसैनीवाला से पहले लाहौर तक जाती थी. हालांकि, पाकिस्तान से युद्ध के बाद इस रेल लाइन को बंद कर दिया.  1965 और 1971 की जंग के बाद स्टेशन नष्ट हो गया.


साल में दो बार चलती है ट्रेन -
सालभर में केवल दो बार फिरोजपुर से हुसैनीवाला बॉर्डर के लिए ट्रेन चलती है. एक बार बैसाखी के मौके पर. दूसरी बार 23 मार्च भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की पुण्यतिथि के दिन.


हुसैनीवाला बॉर्डर में खत्म हो जाती है रेलवे लाइन -
23 मार्च को भगत सिंह की समाधि स्थल पर हर साल मेला लगता है. फिरोजपुर से हुसैनीवाला तक रेल लाइन खत्म हो जाती है. रेलवे ट्रैक भी ब्लॉक कर दिया है. इसमें लिखा है- 'The end of northern railways'