{"vars":{"id": "115072:4816"}}

Onion Price Hike: प्याज के दाम पहुंचे सातवें आसमान, बढती किमतों को काबु करने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम

आंकडों के अनुसार 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की कीमत 55 रूपये प्रति किलो बताई गई थी। इसी के चलते यदि पिछले साल के आंकडे चेक किए जाए तो प्याज की किमत 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी। इसी के चलते आपको बात दें कि सरकार ने इसे लेकर एक बडा कदम उठाया हैं...
 

Trending Khabar tv (ब्यूरो)। onion price update: प्याज की बढती किमतों से राहत दिलाने के लिए सरकार ने हाल ही में निर्यात शुल्क हटाने का फैसला लिया हैं। जिसके चलते आम आदमी को बडी राहत मिलने जा रही हैं। ग्राहकों के मामले में सचिव निधि खरे ने कहा था कि हाल ही में केंद्र सरकार ने दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के बडे बाजारों में अपने स्टोर से प्याज निकालने शुरू कर दिए हैं। सरकार की योजना पूरे देश में सब्सिडी वाले प्याज की खुदरा बिक्री की है। सरकार ने 10 दिन पहले प्याज पर 550 डालर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य हटा दिया था।


खरे ने रिपोर्ट में बताया कि, 'निर्यात शुल्क हटाने के बाद हमें कीमतों में उछाल का अनुमान था। लेकिन 4.7 लाख टन के 'बफर स्टाक' और खरीफ की बुआई के बढ़े हुए रकबे के साथ हमें उम्मीद है कि प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी।' सरकार समूचे भारत में 35 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज की खुदरा बिक्री बढ़ाने की योजना बना रही है। इस योजना के चलते गावों की अपेक्षा शहरों में अधिक ध्यान दिया जा रहा हैं क्योंकि यहां किमतें राष्ट्रीय औसत से अधिक हैं।


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 22 सितंबर को दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमत 55 रुपये प्रति किलोग्राम थी, जो एक साल पहले की समान अवधि में 38 रुपये प्रति किलोग्राम थी। मुंबई तथा चेन्नई में कीमतें क्रमश: 58 रुपये और 60 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। सरकार दिल्ली और अन्य राज्यों की राजधानियों में मोबाइल वैन और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफ) तथा भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (नेफेड) की दुकानों के जरिये पांच सितंबर से 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से प्याज बेच रही है।


आयात शुल्क वृद्धि के बाद खाद्य तेलों के दाम बढ़े -
खाद्य तेलों के संबंध में उन्होंने हाल ही में आयात शुल्क वृद्धि के बाद कीमतों में बढ़ोतरी की बात को स्वीकार किया और बताया कि यह कदम घरेलू किसानों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है। सरकार ने कच्चे पाम तेल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 20 प्रतिशत और प्रोसेस्ड सूरजमुखी तेल पर 32.5 प्रतिशत कर दिया था जिसका उद्देश्य घरेलू तिलहन किसानों और प्रसंस्करणकर्ताओं को समर्थन देना था।

टमाटर के बारे में खरे ने कहा कि सरकार रुझानों पर नजर रखेगी और जरूरत पड़ने पर हस्तक्षेप करेगी। घरेलू अरहर और उड़द उत्पादन के अच्छे रहने और दालों के आयात में वृद्धि के साथ खरे को आने वाले महीनों में दलहन कीमतों में स्थिरता की उम्मीद है।