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Income Tax notice: वित्त मंत्री ने आयकर विभाग को दी एक बड़ी सलाह, टैक्स नोटिस से अब नहीं होगा डर 

Income tax notice 2024: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन ख़त्म होने के बाद से ही कई लोगों को इनकम टैक्स नोटिस मिल चुकें है। अक्सर ऐसा देखा जाता है की टैक्स नोटिस मिलते ही टैक्सपेयर्स (ITR filing 2024) घबरा जाते है। हाल ही में इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर विभाग को इसपर बड़ी सलाह भी दी है। आइए खबर में विस्तार से जानते है  टैक्सपेयर्स को क्या मिलेगा इसका फायदा-

 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को टैक्स अधिकारियों से कहा कि वे टैक्सपेयर्स को भेजे जाने वाले नोटिस या पत्रों में सरल शब्दों का इस्तेमाल करें। इसके साथ ही कानून की (Income tax Department) तरफ से दी गई शक्तियों का विवेकपूर्ण ढंग से उपयोग करें। निर्मला सीतारमण ने एक कार्यक्रम में कहा कि फेसलेस व्यवस्था लागू होने के बाद टैक्स अधिकारियों को अब टैक्सपेयर्स के साथ अधिक निष्पक्ष और मैत्रीपूर्ण व्यवहार (Income tax return File) पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि टैक्स नोटिस से टैक्सपेयर्स के मन में डर की भावना नहीं पैदा होनी चाहिए। टैक्स नोटिस सरल और साफ होना चाहिए।

नोटिस को लेकर दी ये सलाह

 

मंत्री ने कहा कि नोटिस में टैक्सपेयर को यह एकदम स्पष्ट कर देना चाहिए कि उसे किस कारण से नोटिस भेजा जा रहा है। वित्त मंत्री ने टैकसपेयर्स के साथ व्यवहार में अनियमित तरीके अपनाने (income tax notice) से बचने का टैक्स अधिकारियों से आग्रह करते हुए कहा कि उनकी कार्रवाई मुद्दे के अनुपात में ही होनी चाहिए। उन्होंने टैक्सपेयर्स से यह भी कहा कि वे प्रवर्तन उपायों का उपयोग केवल अंतिम माध्यम के रूप में करें और विभाग का लक्ष्य स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देने का होना चाहिए।

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इसके साथ ही सीतारमण ने कहा कि टैक्स विभाग (ITR refund 2024) को अधिक मित्रवत और पारदर्शी होने की उनकी बात का मतलब यह नहीं है कि टैक्स अधिकारी इन सभी वर्षों में अनुचित थे। वित्त मंत्री ने टैक्स डिपार्टमेंट के साथ अपना समर्थन जताते हुए कहा कि टैक्स अधिकारियों को अपने (ITR refund process) दायित्वों का निर्वहन जारी रखना चाहिए।

 

जानें क्या बोलीं वित्त मंत्री?

 

इसके साथ ही निर्मला सीतारमण ने कहा कि आयकर रिफंड तेजी से जारी करने में सुधार की गुंजाइश है। इस बीच, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा कि आयकर अधिनियम, 1961 की समीक्षा का काम छह महीनों की निर्धारित समयसीमा में पूरा (nirmala sitharaman)  कर लिया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने वित्त वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट पेश करते हुए कहा था कि देश के प्रत्यक्ष कर कानून को सरल बनाने के लिए इसकी समीक्षा की जाएगी। उन्होंने इस काम को छह महीने (ITR filing tips)  में पूरा करने की बात कही थी।

 

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15 दिन में  इतने करोड़ रिटर्न प्रोसेसिंग

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ​​ने बुधवार को कहा कि आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 15 दिन में करीब चार करोड़ आयकर रिटर्न का प्रोसेसिंग किया है। आकलन वर्ष 2024-25 के लिए 31 जुलाई, 2024 तक 7.28 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न दाखिल (Income tax return file) किये गये हैं। कर विभाग लगभग 4.98 करोड़ आयकर रिटर्न पहले ही प्रोसेसिंग कर चुका है।