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Bank से Loan लेने की सोच रहे हैं तो नोट कर लें ये 5 टिप्स, कभी नहीं लगेगा चूना

Bank Loan Tips : आज हम बैंक लोन से जुड़ी उन बातों के बारे में बात करेंगे, जिनका लोन लेते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में अगर आप भी लोन लेने का प्लान कर रहे है तो यह खबर आपके लिए बड़े काम की है। आइए जानते है लोन से जुड़े इस तथ्य के बारे में विस्तार से।
 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : देश में बैंक से लोन लेने (Bank Loan Tips) वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अक्सर देखा गया है कि बैंक से कोई छोटा-मोटा लोन लेने से पहले हम किसी परिचित से सलाह-मशवरा लेते है और इन सब के बाद भी कोई न कोई चूक हो जाती हैं। इसलिए आज हम बैंक लोन से जुड़ी उन बातों (things related to bank loan) के बारे में बात करेंगे, जिनका लोन लेते समय विशेष ध्यान रखना चाहिए...


Loan से पहले अपनी वित्तीय स्थिति का करें आंकलन


बैंक लोन (Bank Loan) लेने के लिए अप्लाई करने से पहले अपनी वर्तमान वित्तीय स्थिति का मूल्यांकन करना जरूरी है। अपनी आय, हर महीने का खर्च और मौजूदा ऋण दायित्वों का आकलन करें। यह विश्लेषण आपको यह तय करने में मदद करेगा कि क्या आप अपने बजट पर दबाव डाले बिना ऋण का मासिक भुगतान उठा सकते है भी या नहीं।


इसके अलावा अपने क्रेडिट स्कोर (credit score latest updates) पर भी ध्यान दें क्योंकि यह लोन अप्रूव होने और ब्याज दरों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लोन चाहिए पर्सनल या होम लेअन हमेशा आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप होना चाहिए, जो आपकी वित्तीय स्थिरता को खतरे में नहीं डाले। मसलन ऐसा न हो कि आप अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा लोन उतारने में ही लगा रहे हो।


आपकी रेंज में होनी चाहिए EMI


लोन लेते समय दूसरी जरुरी चीज है कि मासिक भुगतान यानी EMI आपके दायरे में होनी चाहिए। ऐसा न हो कि आपकी सैलरी या कमाई एक बड़ा हिस्सा सिर्फ EMI का भुगतान में ही जा रहा है।
इसलिए कहते हैं कि एक चतुर व्यक्ति वो होता है, जो कभी भी उतना मुँह में नहीं डालेगा जितना वह खा न सकें। इसलिए हमेशा ध्यान रखें कि लोन की EMI आपके दूसरे जरूरी खर्चों पर ज्यादा प्रभाव न डाले।


और अगर आप कार लोन ले रहे है तो ध्यान रखे कि EMI नेट मंथली आमदनी का 15% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए जबकि पर्सनल लोन के मामले में EMI 10% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। सभी तरह के लोन के लिए मासिक खर्च आपकी नेट आय का 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।


loan की अवधि को छोटा रखें


आपने यह जरूर सुना होगा कि लॉन्ग टर्म अवधि (long term period) के लिए पैसा निवेश करने से कम्पाउंडिंग की पावर कैसे लगती है। खैर, लोन के मामले में यह यह बिल्कुल दूसरे तरीके से काम करता है। लोन की अवधि जितनी लंबी होगी, उधारकर्ता पर ब्याज का बोझ उतना ही ज्यादा होगा।


यदि आप 10 वर्षों के लिए 9.75% पर लोन लेते हैं, तो ब्याज मूल राशि का 57 प्रतिशत होगा। यदि अवधि 15 वर्ष है तो यह आंकड़ा 91 प्रतिशत तक पहुंच जाता है और 20 साल के लोन के मामले में यह 128 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।


मॉर्गेज लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम


जब आप कोई बड़ा बैंक (Bank Loan) लोन लेनी की सोचते हैं तो उस मामले में सबसे बुरी स्थिति का भी आंकलन करें। अगर बैंक लोन (Bank Loan) लेने वाले व्यक्ति की अचानक मौत हो जाती है तो उसके परिवार पर एक बड़ा बोझ आ जायेगा।


हालांकि, मॉर्गेज लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम जैसी बीमा पॉलिसी से आपके परिवार का ना सिर्फ बोझ घटेगा, बल्कि बैंक लोन की बाकी रकम भी बीमा कंपनी चुकाएगी। इससे आपके परिवार का भविष्य सुरक्षित बना रहेगा।


किसी भी दस्तावेज पर साइन करने से ध्यान से पढ़े;


किसी भी लोन अग्रीमेंट पर साइन (Sign loan agreement) करने से पहले बारीक अक्षरों समेत नियम और शर्तों को अच्छी तरह से पढ़ें और समझें। ब्याज दरें, पुनर्भुगतान अवधि, पूर्व भुगतान शुल्क, देर से भुगतान जुर्माना और कर्ज से जुड़े किसी भी अन्य शुल्क जैसे विवरणों पर ध्यान दें।


यदि कोई खंड या शब्दजाल है जिसे आप समझ नहीं पाते हैं, तो लोन लेने वाले बैंक से इस बारे में तस्सली से सवाल-जवाब करें। लोन के समझौते को उसकी संपूर्णता में समझना यह सुनिश्चित करता है कि आप अपने अधिकारों, जिम्मेदारियों और इसमें शामिल संभावित जोखिमों से अवगत हैं।