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Tips For Landlord : मकान किराए पर देने से पहले ध्यान रखें ये जरूरी बातें, वरना चली जाएगी जीवनभर की कमाई

Rent Agreement Tips : बदलते कामकाज के चलते लोग अक्सर एक शहर से दूसरे शहर में जाते हैं। जिसकी वजह से उन्हें घर किराये पर चाहिए होता है। अक्सर मकान मालिक (renting property) किसी भी अनजान व्यक्ति को अपना घर दे देते हैं, जो बिल्कुल भी सही नहीं है। आपको हमेशा ही अपने घर को किराये पर देते समय कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए। आइए जानते हैं इस बारे में। 
 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : आज के समय में अधिकतर लोग अपना घर किराये पर देते हैं। ऐसे में कई बार न चाहते हुए भी गलत किरायेदार अपके घर में आ जाते हैं, जिसकी वजह से आपको काफी (tips for tenancy) मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए घर को किराए पर देने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए, ताकि आपको कोई बड़ा नुकसान न हो। 


प्रॉपटी एजेंट के द्वारा करें किरायेदारों का चयन


जानकारी के मुताबिक आपको अपना घर किराए पर जान-पहचान अथवा प्रॉपर्टी एजेंट के जरिए ही देना चाहिए। क्योंकि प्रॉपर्टी एजेंट के पास कई लोग जाते हैं। जिसको घर की जरूरत होती है। ऐसे में प्रॉपर्टी एजेंट बीच में कुछ कमीशन जरूर लेते हैं। किंतु वह आपको कागजी कारवाही है मुक्त करा सकता (Rent Agreement tips to house owner) है। साथ ही में आप ऑनलाइन एप्स के जरिये भी अपने घर को किराये पर दें सकते हैं। ऐसा करने से भी आपको कोई नुकसान नहीं होगा और जेनुअन किरायेदार आपके पास आएंगे। 

 


ऐसे करें घर का उचित किराया तय


अक्सर देखा जाता है कि मकान मालिक को किरायेदार जल्दी नहीं मिल पाते हैं। जिसकी वजह से वो अपने घर का तय किराया कम कर देते हैं। किंतु ऐसा करने से आपको (what is Lease and License) काफी परेशानी हो सकती है। आपको हमेशा ही अपने घर में मौजूद सुविधा और साहूलियत को मध्यनजर रखते हुए ही किराये को तय करना चाहिए। अगर आपको सही किराया र्निधारित करने में परेशानी हो रही है तो आप अपने इलाके में चल रहे किराये की जानकारी लेकर उसमें 2 से 5 फीसदी अंतर पर किराया ले सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए बेहतर होगा। 

 


इस तरीके से तैयार कराएं रेंट अग्रीमेंट 


आपको अपने घर को किराये पर देने से पहले कुछ बातों का ध्यान देना चाहिए। जिसमें आपको कानूनी का ध्यान जरूर रखना होगा। वरना आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आपको हमेशा किरायेदार को रखने से पहले नियम बना लेने चाहिए। इसके साथ ही में रेंट (रेंट एग्रीमेंट क्‍या है) अग्रीमेंट बनवाना काफी ज्यादा जरूरी है। जानकारी के लिए बता दें कि एक रेंट अग्रीमेंट में ग्यारह महीने का कॉन्टेक्ट साइन होता है। 

 


यदि कोई किरायेदार इससे ज्यादा अवधि के लिए रहते हैं तो उन्हें अस रेंट अग्रीमेंट का पंजीकरण कराना जरूरी हो जाता है। यदि आप 12 माह या उससे भी ज्यादा समय का कोई रेंट (ghar ko kiray par dety samay kin batoan ka dhyan de) अग्रीमेंट बनवाते हैं, उस पर आपके राज्य की सरकार कुछ दायरे तय करती है। आपको बता दें कि रेंट  अग्रीमेंट में लीज की तारीख, सिक्योरिटी डिपॉजिट, पेमेंट का समय, किराए की आखिरी तारीख, देर से किराया देने का जुर्माना, घर खाली कराने के नियम व शर्तें और अन्य जानकारी शामिल होती है।