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Side Effects Of Tea :कच्चे दूध वाली चाय सेहत के लिए है हानिकारक, पीने से पहलें जान लें इसके नुकसान

Raw Milk Side Effects:हमारे देश में चाय या कॉफी दोनों ही सबके पसंदीदा पेय पदार्थ है। कई लोगों की तो सुबह की शुरूआत ही चाय या कॉफी से होती है। कई लोग तो दिन में कई-कई बार चाय या कॉफी पी जाते हैं। कुछ लोग खाने के बाद अपना आलस दुर करने के लिए भी चाय-कॉफी की मदद लेते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कच्चे दूध से बनी चाय के कुछ नुकसान भी होते हैं। आइए जानते हैं इसके नुकसान के बारे में खबर के माध्यम से विस्तार से।
 
 
Side Effects Of Tea : कच्चे दूध वाली चाय सेहत के लिए है हानिकारक, पीने से पहलें जान लें इसके नुकसान

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : हमारे देश में टी लवर्स की कोई कमी नहीं है। हम अकसर काम करते समय या ब्रेक लेने के लिए चाय ही सहारा बनती है। कई लोग तो ऐसे हैं जो चाय पीकर दिन की शुरुआत करते है। लेकिन एक रिपोर्ट के अनुसार आपको बता दें कि दूध वाली चाय को सेहत के लिए(best ways to use milk) खतरनाक बताया गया है। इससे सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हें इसके नुकसान के बारे में खबर के माध्यम से विस्तार से।

 

हो सकती है कई बीमारियां


गांव के लोग आज भी भैंस या गाय का दूध निकालकर इस्तेमाल में लेते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इसे सीधे कच्चे पी लेने से सेहत को कई नुकसान हो सकते हैं। बता दें कि कच्चे दूध में कीटाणु या बैक्टीरिया हो सकते हैं जिनकी वजह से गठिया, डायरिया या डिहाइड्रेशन जैसी समस्याओं के होने का(raw milk causes health problems) खतरा बढ़ जाता है।


दूध से बर्ड फ्लू का खतरा


इसके साथ ही कच्चे दूध कमें कई तरह के हार्मफुल जर्म्स होते हैं जिनमें से एक HPAI A(H5N1) भी होता है जिसकी वजह से बर्ड फ्लू हो जाता है। हालांकि,वैसे तो दूध से बर्ड फ्लू का होना बहुत ही मुश्किल है फिर भी हमें सावधानी बरतते हुए पके दूध की चाय या इससे(Chai pine ke nuksan) बनने वाली दूसरी चीजों का सेवन करना चाहिए।


एसिड और प्रोटीन 

 

दूध में कई तरह के एसिड और प्रोटीन होते हैं। अगर इसे कच्चा ही यूज में लिया (harmful bacteria in raw milk)जाए तो इस वजह से बॉडी में एसिड प्रोडक्शन बढ़ सकता है जिस कारण पेट से जुड़ी बीमारियां या समस्याएं हो सकती हैं। इस वजह से इसे हमेशा पकाकर यूज में लेना चाहिए। ध्यान रहे कि हमें हमेशा बॉडी में एसिड के लेवल को कंट्रोल में रखना चाहिए