Movie prime

Milk Side Effects : जरूरत से ज्यादा दूध पीना भी सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान, जानिए एक दिन में कितना पीना सही 

Excess Milk Consumption Side Effects:जैसा कि आप जानते हैं कि दूध हमारी सेहत के लिए बेहद जरूरी है।दूध में कैल्शियम के साथ-साथ कई अन्य पोषक तत्व भी मौजुद है। ऐसे में क्या आप जानते हैं कि इसका लाभ लेने के लिए भी सही मात्रा में इसे पीना जरूरी है। कई बार ज्यादा दूध पीना खतरे का कारण बन जाता है। आइए इस खबर के माध्यम से जानते हैं कि एक दिन में कितना दूध पीना सही होता है।
 
 
Milk Side Effects : जरूरत से ज्यादा दूध पीना भी सेहत को पहुंचा सकता है नुकसान, जानिए एक दिन में कितना पीना सही 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) :दूध पीना सेहत के ल‍िए फायदेमंद है। बच्चों और बढ़ते बच्चों के लिए खासतौर पर दूध को बेहद फायदेमंद कहा गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शरीर को दूध की कितनी जरूरत है। लोगो का मानना है कि (too much milk side effects)जितना ज्यादा दूध पिएंगे, बॉडी को उतना ज्यादा फायदा होगा। लेकिन आज हम आपको इस खबर में बताएंगे कि ज्‍यादा दूध पीने के क्‍या क्‍या नुकसान हैं। 


250 मिलीलीटर दूध काफी 


बता दें कि जो लोग रोजाना पनीर या दही खाते हैं उनके लिए हर दिन लगभग 250 मिलीलीटर दूध काफी है। 19 से 60 से ज्‍यादा उम्र के हर वयस्क को रोजाना तीन कप दूध पीना चाह‍िए।लेकिन अगर आपकी कभी हड्डी टूटी है या वर्तमान में भी हड्डी(Jyada dudh pine ke nuksan) की किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो आपको भी डॉक्‍टर से सलाह जरूर लें। 


हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा 


एक रिपोर्ट में बताया गया है कि हर दिन तीन या उससे अधिक गिलास दूध पीने से (side effects of too much milk)महिलाओं में हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। जो लोग दिन में तीन से चार बात दुध का सेवन करते है।उनमें हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा 16 प्रतिशत बढ़ जाता है। 

हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ावा


एक अन्य अध्ययन के अनुसार, वृद्धों में ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियों के फ्रैक्चर की घटनाएं उन देशों में अधिक होती हैं, जहां डेयरी, पशु प्रोटीन और कैल्शियम का सबसे अधिक उपभोग होता है। डेयरी उत्पादों में फुल क्रीम फैट वाले गाय के दूध और(Din me kitna Dudh Pina hai sahi) पनीर में संतृप्त वसा होती है, जो इंफ्लेमेशन को बढ़ा सकती है। इसका ज्यादा सेवन कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ा सकती है और हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकती है।