Sawan Shivratri के दिन ऐसे करें रुद्राभिषेक, महादेव प्रसन्न होकर देंगे मनचाहा अर्शिवाद
Rudrabhishek Vidhi : सावन शिवरात्री के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन आपको कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। हर शिवभक्त (Sawan Shivratri puja) शिवरात्री के दिन रुद्राभिषेक करता है। ऐसे में आपको रुद्राभिषेक कराने के सही तरीके के बारे में पता होना चाहिए। आइए जानते हैं रुद्राभिषेक के सही तरीके के बारे में।
Aug 1, 2024, 16:17 IST

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए (Sawan Shivratri puja method) सावन की शिवरात्रि में शिव की आराधना करना उत्तम माना जाता है। इस दिन भक्तों पर शिव की विशेष कृपा बरसती है। आपको (Sawan Shivratri Shubh Yog) सावन शिवरात्री के दिन रुद्राभिषेक करने से पहले कुछ बातों के बारे में जरूर से पता होना चाहिए। आज हम आपको इन्हीं चीजों के बारे में (Sawan Shivratri auspicious time) बताने जा रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं इस बारे में।
इस समय में कर सकते हैं शिवजी का रुद्राभिषेक
- वैदिक पंचांग के मुताबिक 2 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर सावन शिवरात्रि तिथि शुरू हो जाएगी और जो कि 3 अगस्त को दोपहर 3 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी।
- रात के समय प्रथम प्रहर की पूजा 2 अगस्त को शाम 07 बजकर 11 मिनट से शुरू होगी और 09 बजकर 49 मिनट तक होगी।
- रात के समय दूसरे प्रहर की पूजा का समय रात 09 बजकर 49 मिनट से 3 अगस्त की सुबह 12 बजकर 27 मिनट कर रहेगा।
- तीसरे प्रहर की पूजा का समय 12 बजकर 27 मिनट से 03 बजकर 06 मिनट तक रहेगा।
- चौथे प्रहर की पूजा का समय सुबह 3 बजकर 06 मिनट से 05 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।
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- शिवरात्रि व्रत पारण 3 अगस्त को 5 बजकर 44 मिनट से दोपहर 3 बजकर 49 मिनट कर सकते हैं।
- निशिता काल पूजा का समय 3 अगस्त को 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
- भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने के लिए लोगों को सिर्फ 42 मिनट का ही समय मिलेगा।
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इस विधि से करें सावन शिवरात्री के दिन रुद्राभिषेक
- सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के लिए सबसे पहले आपको स्नान आदि से निवृत होकर सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करना चाहिए। ऐसा आपको 2 अगस्त की शाम को करना है।
- इसके बाद आपको भगवान शिव, पार्वती सहित सभी देवता और नौ ग्रहों का ध्यान कर रुद्राभिषेक करने का संकल्प लेना है।
- फिर मिट्टी का शिवलिंग तैयार करें। फिर उत्तर दिशा में एक चौकी पर स्थापित करें। बता दें कि रुद्राभिषेक करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए।
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- इसके लिए सबसे पहले शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं। इसके बाद गन्ने के रस, गाय के कच्चे दूध, शहद, घी और मिश्री से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- इसके बाद ध्यान रखें की हर सामग्री से अभिषेक करने से पहले और बाद में पवित्र जल या गंगाजल अवश्य चढ़ाएं।
- फिर प्रभु शिव पर बिल्व पत्र, सफेद चंदन, अक्षत, काला तिल, भांग, धतूरा, आंक, शमी पुष्प व पत्र, कनेर, कलावा, फल, मिष्ठान और सफेद फूल अर्पित करें।
- शिव परिवार सहित समस्त देवी-देवताओं की पूजा करें। प्रभु को भोग लगाएं। अंत में पूरी श्रद्धा के साथ शिव जी की आरती करें। अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
- रुद्राभिषेक के दौरान अर्पित किया जाने वाला जल या अन्य द्रव्यों को इकट्ठा कर घर के सभी कोनों और सभी लोगों पर छिड़के और इसे प्रसाद स्वरूप में भी ग्रहण कर सकते हैं।