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Salary Account पर नहीं मिलती जीरो बैलेंस की सुविधा, आप भी ये गलतफहमी कर लें दूर

Salary Account benefits : भारत देश के कई कंपनी अपने कर्मचारी के लिए सैलरी अकाउंट खुलवाते हैं। आपके जिस अकाउंट में हर महीने सैलरी आती है वह आपका अकाउंट सैलरी अकाउंट कहलाता है। यह खाता एक तरह से सेविंग अकाउंट ही होता है। लेकिन इस अकाउंट में सामान्य सेविंग अकाउंट (saving account) के अलावा कई और सुविधाएं दी जाती है। लेकिन ये सुविधाएं आपको लगातार मिलती रहे ये जरूरी नही है। Salary Account पर कुछ शर्तो पर जीरो बैलेंस की सुविधा मिलती है। आइए आप भी जान लें...
 
Salary Account पर नहीं मिलती जीरो बैलेंस की सुविधा, आप भी ये गलतफहमी कर लें दूर

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : अगर आप एक नौकरीपेशा व्यक्ति है तो आपको सैलरी अकाउंट और उसके रूल्स के बारे में जरूर पता होगा। लेकिन अगर आप इस बारे में नही जानते है तो आपको बता दें कि सैलरी अकाउंट (Salary Account benefits) उस अकाउंट को कहते हैं, जिसमें हर महीने आपकी सैलरी क्रेडिट होकर आती है। अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपका भी एक सैलरी अकाउंट होगा। सैलरी अकाउंट भी सेविंग्‍स अकाउंट ही होता है, लेकिन इस पर कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं, इन्‍हीं में से एक सुविधा जीरो बैलेंस की सुविधा। यानी अगर आप अपने सैलरी अकाउंट में जीरो बैलेंस (Zero balance in salary account) भी रखें तो आप पर किसी तरह की पेनल्‍टी नहीं लगेगी, जबकि अन्‍य सेविंग्‍स अकाउंट में मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी होता है। 


अगर मिनिमम बैलेंस न हो, तो बैंक को पेनल्‍टी देनी होती है। लेकिन सैलरी अकाउंट पर हमेशा जीरो बैलेंस की सुविधा (Zero balance facility) नहीं मिलती है। अगर आपको भी इस तरह की कोई गलतफहमी है, तो बैंक का नियम आपको जरूर जान लेना चाहिए। 

जान लें क्या है बैंक का नियम?

सैलरी अकाउंट (salary account rules) के बारे में अगर आपको जानकारी नही है तो हम आपको बता दें कि सैलरी अकाउंट पर जीरो बैलेंस समेत जो भी सुविधाएं मिलती हैं, उन पर आपसे कोई एक्‍सट्रा चार्ज नहीं लिया जाता है, लेकिन ये नियम तब तक ही लागू है, जब तक आपकी सैलरी अकाउंट में क्रेडिट होती रहती है। अगर  अगर आपके बैंक में 3 महीने तक सैलरी क्रेडिट न हो, तो आपका सैलरी अकाउंट नॉर्मल सेविंग्‍स अकाउंट में तब्‍दील हो जाता है। ऐसे में आप पर भी बैंक अकाउंट में मिनिमम बैलेंस (Minimum balance in bank account) रखने का नियम लागू हो जाता है। साथ ही सैलरी अकाउंट पर मिलने वाली सभी सुविधाओं को वापस ले लिया जाता है।

0 बैलेंस के अलावा सैलरी अकाउंट पर आपको मिलती हैं ये-ये सुविधाएं


अगर आपका सैलरी खाता है तो आपके सैलरी अकाउंट पर फ्री में चेकबुक, पासबुक, नेटबैंकिंग की सुविधा मुफ्त में मिलती (free facilities on salary account) है। इसके अलावा सैलरी क्रेडिट होने का भी जो एसएमएस आता है, उसका कोई चार्ज नहीं लिया जाता।

इसके अलावा आपको पर्सनल लोन, कार लोन या होम लोन  वगैरह आसानी से मिल जाते (ease of taking loan) हैं क्‍योंकि बैंक स्‍टेटमेंट के जरिए आपकी आमदनी का पुख्‍ता सबूत बैंक के पास होता है। ऐसे में बैंक आश्‍वस्‍त होते हैं और रिस्‍क कम रहता है। इसके लिए डॉक्‍यूमेंट्स का सत्‍यापन भी आसानी से हो जाता है।

इतना ही नही 2 साल या इससे ज्‍यादा समय वाले सैलरी अकाउंट पर ओवरड्राफ्ट की सुविधा (Overdraft facility on salary account) भी मिलती है। ओवरड्राफ्ट रकम की लिमिट 2 महीने के बेसिक सैलरी जितनी होती है। ओवरड्राफ्ट की सुविधा के तहत अगर आपके बैंक अकाउंट में कोई बैलेंस नहीं है, तो भी आप एक तय लिमिट तक पैसे निकाल सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अधिकतर बैंक सैलरी अकाउंट पर फ्री एटीएम ट्रांजैक्‍शन की सुविधा (Free ATM transaction facility on salary account) देते हैं। इसमें एसबीआई, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक आदि शामिल हैं। यानी आपने एटीएम से कितनी बार महीने में ट्रांजैक्‍शन किया है, इसको लेकर आपको परेशान होने की जरूरत नहीं। इसके अलावा सैलरी अकाउंट के एटीएम पर सालाना किसी तरह का चार्ज नहीं लिया जाता।

और यदि आपके पास बहुत सारा पैसा है तो आप वेल्थ सैलरी अकाउंट (wealth salary account) भी खोल सकते हैं। इसके तहत बैंक आपको डेडिकेटिड वेल्थ मैनेजर देता है। यह मैनेजर आपके बैंक से जुड़े तमाम काम देखता है।