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Union Budget 2024: मिडिल क्लास वालों को बजट में क्या मिलेगी राहत, इन चीजों पर रहेगी नजर

Union Budget 2024: इस बजट से नौकरी पेशा कर्मचारियों (employees) को उम्मीद है कि सरकार आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने पर विचार करेगी। साल 2014-15 से यह 1.5 लाख रुपये पर स्थिर बनी हुई है। साथ ही आइए नीचे खबर में जान लेते है कि आखिर और किन चीजों पर मिल सकती है आम जनता को राहत। 

 
Union Budget 2024: मिडिल क्लास वालों को बजट में क्या मिलेगी राहत, इन चीजों पर रहेगी नजर

 Trending Khabar TV (ब्यूरो) :  इस बजट से महंगाई के बोझ से दबे नौकरी पेशा वर्ग को बड़ी उम्मीदें हैं। चर्चाएं हैं कि सरकार इस बार मिडिल क्लास को बड़ी राहत दे सकती है। दरअसल करदाता ब्याज दर में बढ़ोतरी के प्रभावों को कम करने के लिए कम आयकर दर की उम्मीद कर रहे हैं। देखना होगा कि सरकार क्या फैसला लेती है, लेकिन माना जा रहा है कि नौकरी पेशा वर्ग को इन पांच मामलों में राहत मिल सकती है।

टैक्स स्लैब में बदलाव-

मिडिल क्लास को उम्मीद है कि सरकार टैक्स स्लैब रेट्स (tax slab rates) में संशोधन करेगी। इससे मिडिल इनकम ग्रुप पर टैक्स का बोझ कम होगा। नई टैक्स व्यवस्था के तहत अधिकतम अधिभार दर वर्तमान में 25 प्रतिशत तय की गई है, जो पिछले टैक्स स्ट्रक्चर में 37 प्रतिशत से काफी कम है। संभव है कि नई टैक्स व्यवस्था में दिए गए लाभों को पुरानी टैक्स व्यवस्था में शामिल किया जा सकता है।

80सी के तहत कटौती सीमा-

नौकरी पेशा कर्मचारियों (employees) को उम्मीद है कि सरकार आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती सीमा को बढ़ाने पर विचार करेगी। साल 2014-15 से यह 1.5 लाख रुपये पर स्थिर बनी हुई है। उम्मीद है कि इस बजट में इसे बढ़ाकर 2 लाख रुपये किया जा सकता है।

स्टैंडर्ड डिडक्शन में बढ़ोत्तरी-

मोदी सरकार ने 2018 में प्रति वर्ष 40 हजार रुपये की स्टैंडर्ड कटौती का प्रावधान फिर से शुरू किया था। इसके बाद 2019 में इसे बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया था। पिछले पांच साल से यह सीमा स्थिर है। माना जा रहा है कि सरकार इसे बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर सकती है।

पुरानी कर व्यवस्था-

माना जा रहा है कि मोदी 3.0 के पहले पूर्ण बजट में पुरानी टैक्स व्यवस्था को लेकर बड़ा बदलाव हो सकता है। इसमें आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर 5 लाख की जा सकती है। इसके साथ ही टैक्स स्लैब (tax slab) को सरल बनाने के साथ दरों को कम किए जाने की संभावना है।

HRA में जुड़ेंगे नए शहर!

हाउस रेंट अलाउंस (HRA) सैलरी का अहम हिस्सा है। इससे नौकरी पेशा लोगों को टैक्स बेनेफिट भी मिलता है। जो लोग किराए पर रहते हैं। वे टैक्स छूट का लाभ उठाते हैं। बजट 2024 में एचआरए नियमों को संशोधित किये जाने की उम्मीद है। ताकि वेतन के 50 प्रतिशत के आधार पर एचआरए छूट के लिए कुछ अन्य शहरों को शामिल किया जा सकता है।