National Pension Scheme से जुड़े बदल गए ये 6 बड़े नियम, लाभार्थियों पर पड़ेगा तगड़ा असर
Trending Khabar tv (ब्यूरो)। राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (National Pension System) की शुरुआत 1 जनवरी, 2004 से की गयी थी। आपको बता दें, ये योजना भारत के रिटायमेंट प्लानिंग सेक्टर में एक गेम-चेंजिंग स्कीम साबित हुई है। दरअसल, इस योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों को अपने कामकाजी वर्षों के दौरान अपने पेंशन फंड में नियमित रूप से कंट्रीब्यूशन करने के लिए प्रेरित करना है, ताकि रिटायमेंट (retirement planning) के बाद एक सुरक्षित और सेफ फाइनेंशियल प्लानिंग सुनिश्चित हो सके।
आपकी जानकारी के लिए बता दें, सरकार और पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) द्वारा ये योजना संयुक्त रूप से संचालित की जाती है। हालाँकि, योजना पूर्व निर्धारित पेंशन राशि का वादा नहीं करती है, लेकिन बेहतर निवेश लाभ की संभावना प्रदान करती है। NPS परिसंपत्तियों ने 37% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) हासिल की है, जो 2.76 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जिसका मुख्य कारण 58 लाख गैर सरकारी कस्टमर हैं, जिन्होंने इस बढ़ोतरी (NPS rule change) में योगदान दिया है। आइए नीचे विस्तार से जानते हैं एनपीएस के नए बदलावों के बारे में-
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1. कितनी हुई टैक्स कटौती सीमा
केंद्रीय बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने नियोक्ता योगदान के लिए टैक्स कटौती सीमा में महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की। इस समायोजन ने नियोक्ता योगदान बेंचमार्क को कर्मचारी के वेतन के 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया। नतीजतन, कर्मचारी अब NPS (NPS news rule change) में नियोक्ता योगदान के संबंध में अपने मूल वेतन के 4% के बराबर अतिरिक्त कटौती पा सकेंगे। उदाहरण के लिए, ₹1 लाख का मूल मासिक वेतन पाने वाला कर्मचारी अब हर महीने ₹4,000 की अतिरिक्त कटौती का लाभ उठा सकता है।
2. एनपीएस विड्रॉल के क्या बदलें नियम
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) से अंतिम निकासी के नियमों को 2024 में संशोधित किया गया है। अब सब्सक्राइबर को अपनी कुल राशि का 60% टैक्स फ्री एकमुश्त राशि के रूप में निकालने की अनुमति है। बाकी 40% का उपयोग एन्युटी प्लान खरीदने (NPS Withdrawal Rules) के लिए किया जाना चाहिए, जिस पर विड्रॉल पर टैक्स नहीं लगता है, लेकिन एन्युटी पेमेंट चरण के दौरान टैक्स लगाया जाएगा।
यदि सेवानिवृत्ति पर कुल राशि 5 लाख रुपये से अधिक है, तो NPS कॉर्पस का 40% एन्युटी प्लान खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए, इस हिस्से पर कोई टैक्स प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, एन्युटी भुगतान व्यक्ति के आयकर ब्रैकेट के आधार पर टैक्सेशन के तहत होगा।
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3. एनपीएस इन्वेस्टमेंट अलोकेशन में क्या संशोधन
NPS के भीतर निवेश आवंटन (NPS Investment Allocation) दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है। नियम अब यह निर्धारित करता है कि व्यक्ति 60 वर्ष की आयु तक अधिकतम 75% इक्विटी जोखिम बनाए रख सकते हैं। यह कस्टमर्स को उनके रोजगार के साल के दौरान निवेश बढ़ोतरी के अवसरों का लाभ उठाने की अनुमति देता है।
4. एनपीएस अकाउंट में इक्विटी आवंटन
सरकार ने टियर-2 NPS अकाउंट होल्डर्स के लिए इक्विटी आवंटन सीमा को 75% से बढ़ाकर 100 फीसदी टैक्स दिया है। यह समायोजन निवेशकों को अपने टियर-2 NPS अकाउंट के भीतर इक्विटी में अपना निवेश (NPS account benefit) बढ़ाने में सक्षम बनाता है, जिससे संभावित रूप से बढ़ोतरी की संभावना बढ़ जाती है।
5. डायरेक्ट रेमिटेंश (डी-रेमिट) सर्विस
डायरेक्ट रेमिटेंस (डी-रेमिट) सुविधा की शुरुआत से अब NPS सब्सक्राइबर अपने निवेश के लिए उसी दिन NVA तक पहुंच सकते हैं। अपने बैंक अकाउंट से जुड़े वर्चुअल अकाउंट नंबर के लिए साइन अप करके, निवेशक डी-रेमिट प्रॉसेस के माध्यम से अपने कंट्रीब्यूशन पर तत्काल NVA का लाभ उठा सकते हैं। यह सुविधा NPS निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करती है।
6. व्यवस्थित एकमुश्त निकासी
फरवरी 2024 से, NPS ग्राहकों के पास विभिन्न उद्देश्यों के लिए आंशिक निकासी करने का विकल्प था, जैसे कि अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए धन जुटाना, आवासीय संपत्ति खरीदना या बनाना, और मेडिकल खर्च को कवर करना। ग्राहक 60 से 75 वर्ष की आयु के बीच समय-समय पर अपने NPS फंड (NPS account application) का 60% तक निकालने के लिए व्यवस्थित एकमुश्त निकासी (SLW) का विकल्प चुन सकते हैं। बाकी अमाउंट का उपयोग एन्युटी योजना के लिए कर सकते हैं।