RBI: महंगाई कंट्रोल में होने के बाद भी कीमतों को लेकर आरबीआई सतर्क, जानें क्या कहती हैं रिपोर्ट
Food Inflation:आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार अब महंगाई की दरों पर काफी हद तक कंट्रोल पा लिया गया हैं। महंगाई एक ऐसा शब्द है, जिसकी मार से आम आदमी से लेकर खास आदमी तक सब परेशान हैं। इसपर आरबीआई की लेटेस्ट रिपोर्ट में सही जानकारी मिल गई है।आइए जानते हैं इस बारे में खबर के माध्यम से।
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : आपको बता दें कि महंगाई के मोर्चे पर कुछ राहत मिलने की उम्मीद दिख रही है।बेशक, कुछ महीनों में खाद्य पदार्थों की कीमत में(Food Inflation) काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है लेकिन इसे लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) सतर्क है। आइए जानते हैं इस(Reserve Bank of India) बारे में खबर के माध्यम ये विस्तार में।
महंगाई दर को भी कंट्रोल
डिप्टी गवर्नर का कहना हैं कि अगर फूड इंफ्लेशन (Food Inflation) अगर ऐसे ही बना रहता है तो मौद्रिक नीति बनाते समय भी सतर्क रुख अपनाना पड़ेगा। अगर फूड इंफ्लेशन की स्थिति बिगड़ती है तो महंगाई दर को भी कंट्रोल में रखना आसान नहीं होगा। उनका कहना हैं कि इकोनॉमी (inflation is in control )को आगे बढ़ाने और महंगाई को कंट्रोल में रखने में मॉनेट्री पॉलिसी अहम रोल निभाती है। रिपोर्ट के अनुसार मौद्रिक नीति में जरूरी बदलाव करके हम फूड इंफ्लेशन के प्रभाव को कम कर सकते हैं।
फूड इंफ्लेशन का आंकड़ा
रिपोर्ट के अनुसार जून, 2020 से जून, 2024 के बीच आश्चर्यजनक रूप से 57 प्रतिशत महीनों में फूड इंफ्लेशन 6 प्रतिशत या उससे ऊपर थी। इससे पता चलता हैं कि फूड इंफ्लेशन का आंकड़ा तेजी से आगे जा रहा है। पिछले कुछ महीनों में भीषण गर्मी और बरसात के चलते सब्जियों और फलों के दाम तेजी से बढ़े हैं। (Monetary policy report)लेकिन महंगाई में कुछ समय से कमी देखी गई हैं। फूड इंफ्लेशन से आम आदमी को परेशानी झेलनी पड़ती है।
जलवायु परिवर्तन
रिपोर्ट के अनुसार, मानसून में बदलाव और तेज गर्मी जलवायु परिवर्तन का नतीजा है।ऐसा साल 2020 के बाद कई बार हो चुका है। आपको बता दें कि साल 2020 के दौरान फूड इंफ्लेशन औसतन 6।3 प्रतिशत था। जबकि साल 2016 से 2020 के बीच यह आंकड़ा केवल 2।9 प्रतिशत था। ऐसे में हमें आगामी मौद्रिक नीति(RBI monetary policy) में इस बारे में गंभीरता से विचार करना होगा