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बैंकों में लावारिस पड़ा 78000 करोड़ से ज्यादा पैसा, RBI ने दी बड़ी जानकारी

RBI News : भारत के केंद्रीय बैंक के द्वारा सभी बैंकों की कार्यप्रणाली (functioning of banks) को नियंत्रित किया जाता है। हाल ही में आरबीआई ने जानकारी देते हुए ये बताया है कि देश के बैंको में लगभग 78000 करोड़ रूपये बिना दावेदारी के पड़े है। ऐसा होने के पीछे कई कारण हो सकते है। तो अगर आप ये देखना चाहते है कि कहीं ये लावारिस पड़ा पैसा आपका तो नही तो ये जानने के लिए इस खबर को अंत तक पढ़ें। 
 
बैंकों में लावारिस पड़ा 78000 करोड़ से ज्यादा पैसा, RBI ने दी बड़ी जानकारी्र

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : भारत में आजकल हर दूसरे व्यक्ति का बैंक में खाता है। कुछ लोग इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करते है तो कुछ मल्टीपल खातों के चलते कई बार अपने खातों के बारे में भूल ही जाते है। आज देश के अलग-अलग बैंकों (bank news) में आज भी हजारों करोड़ रुपए लावारिस जमा हैं। उन पैसों का मालिक कौन है? और जो लोग उन पैसों के असल हकदार हैं उन्हें वह कैसे अपने अकाउंट में ट्रांसफर या निकासी कर सकते हैं। आज हम आपको स्टेप-बाई-स्टेप बताने वाले हैं। आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों में दावा न किए गए जमा राशि में पिछले साल की तुलना में 26 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो मार्च 2024 के अंत तक 78,213 करोड़ रुपए हो गई।

मार्च 2023 के अंत तक डिपॉजिटर एजुकेशन और अवेयरनेस फंड (Awareness Fund) में जमा राशि 62,225 करोड़ रुपए थी। बता दें कि सहकारी बैंकों सहित बैंक खाताधारकों की 10 या उससे अधिक वर्षों से उनके खातों में पड़ी दावा न की गई जमा राशियों को आरबीआई के डिपॉजिटर एजुकेशन और अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर (Transfer to Depositor Education and Awareness Fund of RBI) करते हैं।

जान लें डिपॉजिटर एजुकेशन और अवेयरनेस फंड के बारे में


रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने साल 2014 में Depositor Education and Awareness Fund (DEAF) की स्थापना की थी। असल में बैंकों के पास ऐसी रकम हमेशा से चिंता का कारण रही हैं, जिनका कोई दावेदार नहीं है। लोग पैसा जमा किये और भूल गए। परिवार में किसी को बताया नहीं और असमय दुनिया से चले गए। ऐसी रकम बैंक इस इंतजार में अपने पास रखते कि न जाने कब कौन दावेदार आ (RBI News) जाए।

बता दें कि इस फंड की स्थापना से सार्वजनिक और निजी, दोनों ही क्षेत्र के बैंकों (bank) की इस समस्या का समाधान हो गया। उन्हें अपने पास पैसा रखने की मजबूरी नहीं है। वे केंद्रीय बैंक की ओर से तय गाइड लाइन (RBI guidelines) के मुताबिक लावारिस रकम इस फंड में जमा कर रहे हैं और जब भी जरूरत हो रही है, मतलब दावेदार के सामने आने पर उसे वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दे रहे हैं।


अपने लावारिस पड़े पैसों को कैसे करें क्लेम? (how to claim unclaimed money)


सभी बैंक को नाम और पते के साथ निष्क्रिय खातों और दावा न किए गए खाते की सूची जारी करने की आवश्यकता है।
किसी भी सूची में आपका नाम है या नहीं। यह जानने के लिए हर बैंक की वेबसाइट देखें।
यदि आपको अपना, या किसी रिश्तेदार का नाम मिलता है, तो बैंक की निकटतम शाखा में जाएं और इसे भरें, हस्ताक्षर करें और क्लेम फॉर्म जमा करें।
केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
यदि खाताधारक की मृत्यु हो गई है और कोई पंजीकृत नामांकित व्यक्ति नहीं है, या यदि पंजीकृत नामांकित व्यक्ति की भी मृत्यु हो गई है, तो लाभार्थी द्वारा वसीयत के अनुसार या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र या प्रोबेट, और नोटरीकृत मृत्यु प्रमाण पत्र प्रदान करके क्लेम किया जा सकता है।


यदि राशि बड़ी है, तो कुछ बैंकों को परिवार के सभी सदस्यों से अनापत्ति प्रमाण पत्र की भी आवश्यकता हो सकती है।
बैंक द्वारा सभी दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद, राशि, ब्याज सहित, यदि कोई हो, दावेदार को ट्रांसफर कर दी जाएगी।
क्लेम करने की कोई समय सीमा नहीं है, लेकिन बैंकों को ऐसे दावों के अनुरोधों को सभी सहायक दस्तावेजों के साथ दायर किए जाने के 15 दिनों के भीतर निपटान करना आवश्यक है।