Oil Price :त्योहारी मौसम में खाने का तेल होगा सस्ता, सरकार ने उठाया ये बड़ा कदम
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : त्योहारी सीजन में महंगाई बढ़ने के डर के बीच केंद्र सरकार ने बड़ी राहत देते हुए कहा है कि गेंहू, चावल से लेकर खाने के तेल तक के दाम नहीं बढ़ेंगे। सरकार के इस फैसले से देश की आम जनता पर बोझ नहीं बढ़ेगा । सरकार ने यह निर्देश दिए है कि प्रत्येक तेल का एमआरपी (Essential commodities prices not increase) आयातित खाद्य तेल स्टॉक जीरो फीसदी और 12.5 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी (BCD) उपलब्ध न होने तक बनाके रखा जाएं।
महंगाई के बोझ से बचाव
जैसा कि आप जानते हैं कि अग्रणी खाद्य तेल संघों के साथ विभाग की बैठकों में इससे पहले भी सूरजमुखी (Sunflower Oil), सोयाबीन (Soyabean Oil) और सरसों के तेल (Mustard Oil) जैसे खाद्य तेलों की एमआरपी उद्योग द्वारा कम की गई थी। ग्राहकों को महंगाई के बोझ से (crude soyabean oil)बचाने के लिए समय-समय पर उद्योग के घरेलू मूल्यों को अंतर्राष्ट्रीय मूल्यों के अनुकूल बनाने की सलाह दी गई है
तिलहन मूल्यों का समर्थन
इसके अलावा केंद्र सरकार ने घरेलू तिलहन मूल्यों का समर्थन करने के लिए विभिन्न खाद्य तेलों पर बेसिक कस्टम ड्यूटी में बढ़ोतरी लागू की है। 14 सितंबर, 2024 से कच्चे सोयाबीन तेल, कच्चे पाम तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर मूल सीमा शुल्क जीरो प्रतिशत से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है,(oil ki kimat) जिससे कच्चे तेल पर प्रभावी शुल्क 27।5 प्रतिशत हो गया है। इतना ही नहीं रिफाइंड पाम तेल, रिफाइंड सूरजमुखी तेल(Edible Oil Price) और रिफाइंड सोयाबीन तेल पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 12।5 फीसदी से बढ़ाकर 32।5 फीसदी कर दिया गया है, जिससे रिफाइंड तेलों पर प्रभावी शुल्क 35।75 फीसदी हो गया है।
तिलहन की कीमतों में बढ़ोतरी
सरकार का यह फैसला व्यापक विचार-विमर्श का पालन करता है। यह कई कारकों से प्रभावित होता है, जैसे- सोयाबीन, तेल ताड़ और अन्य तिलहनों के वैश्विक उत्पादन में बढ़ोतरी; पिछले वर्ष की तुलना में खाद्य तेलों के वैश्विक स्तर पर अधिक स्टॉक और अधिक उत्पादन के कारण वैश्विक कीमतों में(MRP Edible Oil) गिरावट। इन कंडिशन्स की वजह से सस्ते तेलों के आयात में बढ़ोतरी हुई है। इनका उद्देशय घरेलू तिलहन की कीमतों में बढ़ोतरी करना, उत्पादन में बढ़ोतरी का समर्थन करना और यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनकी उपज का उचित मुआवजा मिले।