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ITR Filing: फर्जी Rent Receipt ऐसे पकड़ता है आयकर विभाग, अगर आपने की ये गलती तो  पड़ जाएंगे लेने के देने 
 

ITR Filing Mistakes to avoid 2024: जुलाई का महीना जैसे ही ख़त्म हो जाएगा इनकम टैक्स फाइल करने की डेडलाइन भी साथ ही ख़त्म हो जाएगी। आपको बता दें, लोग इनकम टैक्स फाइल करते समय ज्यादा से ज्यादा टैक्स बचने (Tax Saving Tips) की कोशिश करते है। ऐसे में  अधिकतर लोग तो सही रास्ते पर चलते हैं, लेकिन कुछ लोग अक्सर गलत रास्ता भी चुन लेते हैं। कई बार तो ऐसा भी देखा जाता है की लोग फर्जी रेंट रिसीप्ट (Fake Rent Receipt) का इस्तेमाल करते हुए टैक्स बचाने की कोशिश करते हैं। आइए खबर में से जानते है ऐसा करने क्या होंगे बड़े नुकसान-
 
ITR Filing: फर्जी Rent Receipt ऐसे पकड़ता है आयकर विभाग, अगर आपने की ये गलती तो  पड़ जाएंगे लेने के देने 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) :  इनकम टैक्स बचाने के लिए अधिकतर लोग तो सही रास्ते पर चलते हैं, लेकिन कुछ लोग गलत रास्ता चुन लेते हैं। ऐसे लोग फर्जी रेंट रिसीप्ट (Fake Rent Receipt) का इस्तेमाल करते हुए टैक्स बचाने की कोशिश करते हैं। पिछले कई सालों से तमाम लोग इस तरह से टैक्स बचाते (Tax Saving Tips) आ रहे हैं। आयकर विभाग को भी ये सब दिखता है और अब ऐसे लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया गया है। हाल ही में आयकर विभाग ने ऐसा करने वालों का एक फर्जीवाड़ा पकड़ा भी था। 

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई (ITR Filing Last Date 2024) तेजी से नजदीक आ रही है। ऐसे में फर्जी रेंट रिसीप्ट  का इस्तेमाल और ज्यादा बढ़ जाता है। जो लोग फर्जी रेंट रिसीप्ट लगाकर टैक्स डिडक्शन क्लेम करते हैं, आयकर विभाग की तरफ से उन्हें लगातार नोटिस (Income Tax Notice) भेजे जाते हैं। आइए जानते हैं आखिर कैसे आयकर विभाग फर्जी रेंट रिसीप्ट वाले आईटीआर को पकड़ रहा है और नोटिस भेज रहा है? 

 

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ऐसे पकड़े जाते हैं फर्जीवाड़े

 

आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस यानी एआई (AI) के जमाने में इनकम टैक्स विभाग भी एआई का इस्तेमाल कर रहा है। एआई के जरिए ही इनकम टैक्स विभाग फर्जी रेंट रिसीप्ट को पकड़ रहा है। इसके लिए आयकर विभाग फॉर्म-16 का एआईएस फॉर्म और फॉर्म-26एएस के (Fake HRA Receipt) साथ मिलान करता है। बता दें कि इन फॉर्म में पैन कार्ड से जुड़े तमाम ट्रांजेक्शन दर्ज होते हैं। जब करदाता रेंट रिसीप्ट के जरिए हाउस रेंट अलाउंस (HRA fraud) का दावा करता है तो आयकर विभाग उसके दावे का मिलान इन फॉर्म से करते हैं और अंतर होता है तो तुरंत दिख जाता है। यह सारी प्रक्रिया एआई से अपने आप और चुटकी में हो जाती है।

हाउस रेंट अलाउंस के क्या हैं नियम

 

हाउस रेंट अलाउंस से जुड़ा एक नियम है कि वह एचआरए का डिडक्शन तभी क्लेम कर (HRA Claim) सकता है, जब उसे कंपनी की तरफ से एचआरए मिल रहा हो। वहीं अगर कर्मचारी 1 लाख रुपये से अधिक किराया चुकाता है तो उसे अपने मकान मालिक का पैन नंबर भी देना होगा। इससे आयकर विभाग आपके एचआरए के तहत क्लेम किए गए अमाउंट को (Fake HRA Claim) आपके मकान मालिक के पैन नंबर पर भेजे गए अमाउंट से मिलाता है। बता दें कि पैन से जुड़ी सारी ट्रांजेक्शन एआईएस फॉर्म में लिखी होती हैं। अगर दोनों में अंतर पाया जाता है तो आयकर विभाग की तरफ से आपको नोटिस भेज दिया जाता है।

 

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अगर आपकी कंपनी एचआरए देती है और आप 1 लाख रुपये से कम सालाना रेंट क्लेम (Annual rent claim) कर रहे हैं तो आपको अपने मकान मालिक का पैन नहीं देना होगा। यानी इस स्थिति में आप 1 लाख रुपये तक का एचआरए क्लेम कर सकते हैं, जिसे आयकर विभाग की तरफ से चेक नहीं किया जाएगा कि वह सही है या फर्जी। 

क्यों होता है एचआरए फर्जीवाड़ा?

 

एचआरए को लेकर फर्जीवाड़ा होने की सबसे बड़ी वजह ये है कि इससे बहुत सारी कमाई पर टैक्स बचता है। मान लीजिए आपने अपने (ITR Filing tips) घर का किराया 20 हजार रुपये महीना यानी 2।40 लाख रुपये सालाना दिखाया तो करीब इतने रुपये पर आपका टैक्स नहीं लगेगा। ऐसे में बहुत से लोग सोचते हैं कि फर्जी रेंट रिसीप्ट बनाकर टैक्स (How to save Income Tax) बचाया जाए, लेकिन अब आयकर विभाग इन फर्जीवाड़ों को पकड़ रहा है और नोटिस भेज रहा है।