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Income Tax New Rules : विदेश जाने के लिए इनकम टैक्स विभाग की लेनी होगी परमिशन, जानिए नए नियम

Income Tax New Rules : केंद्र सरकार ने विदेश जाने के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है। जिसके तहत किसी भी भारतीय नागरिक को देश छोड़ने से पहले सभी बकाया कर का भुगतान करना होगा और उन्हें टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट (Tax Clearance Certificate) लेना होगा। कहा जा रहा है कि नया प्रावधान 1 तारीख से लागू होगा....

 
Income Tax New Rules : विदेश जाने के लिए इनकम टैक्स विभाग की लेनी होगी परमिशन, जानिए नए नियम

Trending Khabar TV (ब्यूरो)- Union Budget 2024:  बजट 2024 में केंद्र सरकार ने विदेश जाने के नियमों में एक बड़ा बदलाव किया है. नया प्रावधान कहता है कि किसी भी भारतीय नागरिक को देश छोड़ने से पहले सभी बकाया कर का भुगतान करना होगा और उन्हें टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना होगा. नया प्रावधान 1 अक्तूबर 2024 से लागू होगा.

विदेश जाने के लिए इनकम टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट को अनिवार्य करने के बजट प्रस्ताव पर सोशल मीडिया में लोग नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. जिसके बाद सरकार ने रविवार को स्पष्ट किया कि प्रस्तावित संशोधन सभी के लिए नहीं है. सरकार ने कहा कि ये प्रस्ताव केवल वित्तीय अनियमितताओं के आरोपियों या बड़े बकायदारों के लिए है और उन्हें ही इस तरह की मंजूरी लेनी होगी. 

सरकार ने नियमों में किया बदलाव-

वित्त मंत्रालय ने वित्त विधेयक 2024 में काला धन अधिनियम, 2015 का संदर्भ उन अधिनियमों की सूची में जोड़ने का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत किसी भी व्यक्ति को टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट हासिल करने के लिए अपनी देनदारियों को चुकाना होगा. 

सोशल मीडिया पर मचे बवाल के बाद वित्त मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा है, "प्रस्तावित संशोधन में सभी निवासियों को कर चुकता प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 230 के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति को कर चुकता प्रमाणपत्र हासिल करने की जरूरत नहीं है. केवल कुछ व्यक्तियों के मामले में ही ऐसा करना जरूरी है."

टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट सभी के लिए जरूरी नहीं-

मंत्रालय ने आगे कहा है कि आयकर विभाग ने 2004 की अधिसूचना के जरिये स्पष्ट किया है कि टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट केवल कुछ परिस्थितियों में भारत में रहने वाले व्यक्तियों को लेना होगा. ऐसे मामलों में जहां व्यक्ति गंभीर वित्तीय अनियमितताओं में शामिल है और आयकर अधिनियम या संपत्ति कर अधिनियम के तहत मामलों की जांच में उसकी उपस्थिति जरूरी है और संभव है कि उसके खिलाफ कर की मांग उठाई जाएगी उन्हें टैक्स क्लियरेंस सर्टिफिकेट लेना होगा. इसके अलावा जहां व्यक्ति के पास 10 लाख रुपये से अधिक का प्रत्यक्ष कर बकाया है, जिसपर किसी भी प्राधिकरण ने रोक नहीं लगाई है, वहां भी ये प्रस्ताव लागू होंगे.