Income Tax : गोल्ड बेचने वाले हो जाओ अलर्ट, अब लगेगा इतना इनकम टैक्स
gold and silver sales tax - आजकल वैसे तो बाजार में निवेश के बहुत से विकल्प मौजूद हैं। लेकिन ज्यादातर लोग गोल्ड में निवेश करना पसंद करते हैं। क्योंकि पिछले काफी समय से तेजी से गोल्ड के रेट उपर की ओर दौड़ रहे हैं। ऐसे में अगर आपने सोना और चांदी बेचकर मुनाफा कमाया है तो ये खबर आपके काम की है जानकारी के लिए बता दें कि गोल्ड बेचकर मुनाफा कमाना इनकम टैक्स के दायरे में आता है। जिसके चलते आपको टैक्स देना होता है। आइए नीचे खबर में जानते हैं गोल्ड पर कितना टैक्स देना होगा।
Trending Khabar TV (ब्यूरो)। इनकम टैक्स रिटर्न (income tax return) फाइल करने में अभी कुछ ही दिन बचे हैं। 31 जुलाई आखिरी तारीख है। अगर आपने पिछले साल यानी 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 के बीच सोना या चांदी (gold or silver tax) बेची है, तो उसे अपने ITR में दिखाना होगा। अगर टैक्स देनदारी बनती है तो उसे चुकाना भी पड़ेगा। दरअसल, सोना, चांदी आदि जैसी धातु को बेचने पर जो मुनाफा होता है, वह टैक्स (TAX) के दायरे में आता है। इन पर टैक्स कितना चुकाना होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने खरीदे गए सोना या चांदी को कितने समय बाद बेचा है।
इस समय काफी लोग फिजिकल गोल्ड के अलावा डिजिटल गोल्ड और पेपर गोल्ड में भी निवेश करते हैं। यहां पेपर गोल्ड (paper gold) से मतलब है कि ऐसी सरकारी स्कीम जिनमें फिजिकल सोना नहीं खरीदना पड़ता। इसमें गोल्ड म्यूचुअल फंड, ETF, सॉवरेन बॉन्ड आदि शामिल हैं। साथ ही डिजिटल गोल्ड से मतलब है कि ऑनलाइन ऐप जैसे गूगलपे, पेटीएम, फोनपे आदि जैसे प्लेटफॉर्म से खरीदना।
इनका फायदा होता है कि आप यहां से 100 रुपये का भी गोल्ड खरीद सकते हैं। जब आप इसे बेचेंगे तो मुनाफा इनकम टैक्स (Income Tax) के दायरे में आएगा। हालांकि सॉवरेन बॉन्ड स्कीम में मैच्योरिटी पर इनकम टैक्स नहीं देना होता है। यह 8 साल की होती है।
बेचने पर पूरी रकम पर नहीं लगता इनकम टैक्स?
काफी लोगों को लगता है कि सोना या चांदी बेचने पर जो रकम मिलेगी, उस रकम पर टैक्स (gold and silver tax exempt) चुकाना होगा। ऐसा नहीं है। बता दें कि इन्हें बेचने पर आपको जो फायदा होगा, उसी पर टैक्स चुकाना पड़ेगा। हालांकि टैक्स देना ही पड़ेगा यह जरूरी भी नहीं है। टैक्स तभी देना होगा जब टैक्स की देनदारी बनेगी। मान लीजिए आपने कुछ साल पहले 2 लाख रुपये का सोना खरीदा था। अब उसकी कीमत बढ़ गई और उसे 3 लाख रुपये में बेच दिया। ऐसे में आपको एक लाख रुपये का लाभ हुआ। ऐसे में टैक्स सिर्फ प्रॉफिट यानी एक लाख रुपये तक लगेगा न कि 3 लाख रुपये पर।
कितना चुकाना होगा टैक्स?
सोना या चांदी बेचने से हुई कमाई पर इनकम टैक्स (gold and silver tax rate in gst) दो तरह से लगता है। पहला शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स और दूसरा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स। दोनों की टैक्स कैलकुलेशन अलग-अलग तरीके से होती है। इसलिए इनकम टैक्स भी अलग-अलग लगता है।
1. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स
काफी लोग सोना खरीदने के कुछ ही साल के भीतर इसे बेच देते हैं। अगर आप खरीदे गए सोने को 3 साल के भीतर बेचते हैं तो इस पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होता है। इस स्थिति में सोना (Gold Rate) बेचने पर जो भी मुनाफा होता है, उसे आपकी कुल कमाई में जोड़ दिया जाता है। ऐसे में आपकी कुल कमाई इनकम टैक्स के जिस स्लैब में आएगी उसी के अनुसार टैक्स चुकाना होगा। अगर कमाई इनकम टैक्स स्लैब के दायरे में नहीं आती है तो टैक्स नहीं देना होगा।
2. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स
वहीं अगर आप खरीदे गए सोने को 3 साल बाद बेचते हैं तो इस पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (Long Term Capital Gains) लगता है। यह टैक्स 20 फीसदी की दर से चुकाना होता है। इसमें आपको 4 फीसदी सेस टैक्स भी देना होता है जो 20 फीसदी पर लगता है। ऐसे में आपको कुल 20.80 फीसदी टैक्स चुकाना होता है।