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जरूरी बात: Paytm या PhonePe पर आसानी से हो रहा हेल्थ बीमा, लेकिन इसके नुक्सान से हैं सब अनजान

Health Insurance Policy Buying tips: आप जानते हैं कि आज के समय में ऑनलाइन पैमेंट ऐप के चलते स्मॉल लोन व बीमा लेना आसान हो गया हैं। इसी के चलते हम आपको बताने जा रहे हैं कि यदि आप भी Paytm या PhonePe से हेल्थ बीमा करवाने जा रहे हैं तो पहले इससे जुडी ये 3 बातें जरूर जान लें...
 
जरूरी बात: Paytm या PhonePe पर आसानी से हो रहा हेल्थ बीमा, लेकिन इसके नुक्सान से हैं सब अनजान

Trending Khabar TV (ब्यूरो): Health Insurance Policy Buying tips: अक्सर जब हम हेल्थ इंश्योरेंस (Health Insurance ) लेने की सोचते हैं तो मन में पहला सवाल ये ही रहता है कि क्या जरूरत पड़ने पर ये कंपनी क्लेम देगी? कहीं बाद में किसी धोखाधड़ी के शिकार हो गए हैं तो? या फिर जिस कंपनी से बीमा कर रहे हैं वो विश्वसनीय है या नहीं? अपना या अपने परिवार का हेल्थ बीमा करवाने से पहले हम कई बातों का ध्यान रखते हैं, लेकिन जब सस्ते के चक्कर में Paytm या PhonePe को अपनाते हैं तो पहले कुछ चीजों की जानकारी क्यों नहीं रखते हैं?

जी हां, आजकल PhonePe, पेटीएम, बैंक समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर हेल्थ इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन असल में क्या सस्ते में मिलने वाले बीमा हमारे लिए फायदेमंद हो सकते हैं? अगर मन में ऐसे सवाल आते हैं या आप फोनपे समेत पेटीएम जैसे ऐप्स से बीमा (insurance through apps) लेने की सोच रहे हैं, तो हेल्थ बीमा लेने से पहले कुछ बातें जान लीजिए।

Paytm और PhonePe क्यों देता है सस्ते में हेल्थ बीमा?
फोनपे, पेटीएम या फिर किसी अन्य मोबाइल ऐप्स के माध्यम से सस्ते में हेल्थ इंश्योरेंस की वजह आमतौर पर ग्रुप प्लान्स को बताया जाता है। ये प्लान्स खासतौर पर एक ग्रुप के सदस्य जैसे- बैंक अकाउंट्स या केवाईसी अप्रूव्ड यूजर्स के लिए उपलब्ध होते हैं। अगर आपको हेल्थ बीमा सस्ते प्लानों के साथ मिल रहा है तो वो आपके लिए एक फायदे का सौदा हो सकता है लेकिन इनकी लिमिट्स और कुछ कमियों को गौर करना भी आपके लिए जरूरी है। हो सकता है कि इन कमियों के कारण आपके लिए बाद में समस्या खड़ी हो जाए और आपको चूना लग जाए।


संभावित कमियों के बारे में जागरूक होना जरूरी?
1. लिमिटेड टर्म कॉन्ट्रैक्ट (limited term contract)- ग्रुप प्लान के तहत पॉलिसी को आमतौर पर 1 साल की अवधि के लिए जारी किया जाता है। साल के आखिरी में पॉलिसी टाइम पूरा हो जाने पर बीमाकर्ता दावों के अनुभव के आधार पर पॉलिसी प्लान में बदलाव कर सकता है। उदाहरण के लिए हेल्थ बीमा के दौरान आपकी सेहत ज्यादा सही नहीं रही या आपको कोई समस्या हुई जिसका क्लेम भी लिया गया हो, तो ऐसे में बीमाकर्ता एक साल के बाद पॉलिसी की समीक्षा करने के बाद कवरेज और प्रीमियम में बदलाव कर सकता है। हो सकता है कि जो प्लान पहले आपके लिए सस्ता रहा एक साल के बाद उसकी कीमत अधिक हो जाए और बीमाकर्ता की ओर से इसे आपके लिए महंगा कर दिया जाए।

2. ग्रुप मेंबरशिप से जुड़ा कवरेज (Coverage related to group membership)- फोनपे, पेटीएम या बैंकिंग मोबाइल ऐप से लिया गया बीमा आपके तब नुकसानदायक हो सकता है जब वो ग्रुप मेंबरशिप से जुड़े कवरेज के साथ हो। दरअसल, ग्रुप मेंबरशिप से जुड़ा कवरेज का लाभ आपको बैंक या बीमाकर्ता की ओर से देना बंद हो सकता है। उदाहरण के लिए आप ने फोनपे या पेटीएम से इंश्योरेंस लिया जो ग्रुप मेंबरशिप के तहत मिला यानी आपके बैंक खाते या केवाईसी के बदौलत मिला तो ऐसे में जरूरी है कि आप ऐप का यूज करें। अगर आप ऐप का इस्तेमाल करना बंद कर देते हैं तो ऑटोमेटिकली आपका कवरेज भी समाप्त हो जाएगा। ठीक ऐसे ही आपने बैंक से बीमा लिया जो आपके बैंक खाते से जुड़ा हुआ था और फिर बाद में बैंक अकाउंट बंद कर दिया तो ऐसी स्थिति में भी आपको बीमा का लाभ नहीं मिल सकेगा।


3. कैंसिलेशन का खतरा (threat of cancellation)- किसी मोबाइल ऐप से बीमा लेने का एक नुकसान और भी है। ग्रुप पॉलिसी को अगर बीमाकर्ता वापस ले लेता है तो आपकी पॉलिसी बंद हो सकती है। इसके अलावा एक नुकसान ये भी है कि अगर बैंक या फिर फोनपे, पेटीएम जैसे ऐप्स ने अपने प्लान को बंद कर दिया या ऐप ही बंद हो गया तब भी आपकी पॉलिसी बंद हो सकती है। इसलिए इन प्लेटफार्म से कैंसिलेशन का खतरा बना रहता है। बीमा करवाने से पहले आपका सावधान रहना जरूरी है क्योंकि हेल्थ बीमा भविष्य में सेहत से संबंधित आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए करवाया जाता है।