Fixed Deposit: पत्नी के नाम FD करवाने के मिलते है ये जबरदस्त फायदे, ज्यादातर लोग नहीं जानते ये बात
Trending Khabar tv (ब्यूरो)। जब भी निवेश की बात आती है तो एफडी, भारतीयों की पहली पसंद मानी जाती है। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है की एफडी में पैसे डूबने का खतरा एकदम ना के बराबर (fixed Deposit on wife Name) होता है और साथ ही गारंटिड रिटर्न की वजह से निवेशक इसमें खूब पैसा लगाते हैं। दरअसल, बैंक भी समय-समय पर ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए अक्सर स्पेशल एफडी स्कीम्स (Special FD Schemes) लॉन्च करते रहते हैं।
वैसे तो आज के ज़माने में म्यूचुअल फंड्स और शेयर बाजार का क्रेज काफी बढ़ रहा है लेकिन इसके बावजूद भी एफडी का अपना अलग रुतबा बना हुआ है। देश में आज भी अधिकतर लोग आम एफडी (Fixed Deposit Interest Rate) को ही सबसे सुरक्षित निवेश मानते हैं। अगर आप भी शादीशुदा हैं और फिक्स्ड डिपॉजिट करवाने की प्लानिंग कर रहे हैं तो ये खबर सिर्फ आपके लिए ही है।
एफडी के ब्याज पर चुकाना पड़ता है TDS
आपकी जानकारी के लिए बता दें, एफडी यानी फिक्स्ड डिपाजिट पर मिलने वाले ब्याज पर आपको अक्सर टीडीएस (TDS on FD) चुकाना होता है। ऐसी स्थिति में एफडी से होने वाली कमाई, आपकी कुल कमाई के साथ जुड़ जाती है। लिहाजा, आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा। अब बहुत कम लोग इस बात पर गौर करते हैं कि अगर वे अपनी पत्नी के नाम से एफडी (FD Interest Rate) कराएं तो वे काफी टैक्स बचा सकते हैं।
पत्नी के नाम पर एफडी करवाने के ये फायदे
भारत में ज्यादातर महिलाएं या तो लोअर टैक्स ब्रैकेट के अंतर्गत आती हैं या अधिकतर हाउसवाइफ होती हैं। बता दें, हाउसवाइफ की किसी तरह की टैक्स की देनदारी नहीं होती है। ऐसे में अगर आप अपनी पत्नी के नाम पर एफडी (wife FD Benefits) कराते हैं तो आप टीडीएस के भुगतान से बचेंगे ही, इसके साथ ही आप ज्यादा टैक्स के भुगतान से भी बच सकते हैं।
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इतने रिटर्न पर कटता है TDS
आपको बता दें, जब आपको एफडी पर मिलने वाला ब्याज एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपये से अधिक होता है तो ऐसे में आपको 10 प्रतिशत तक के टीडीएस का भुगतान करना होता है। ओर अगर आपकी पत्नी (Fixed Deposit Benefits) भी कमेटी है तो इसके बावजूद वे फॉर्म 15G भरकर टीडीएस के भुगतान से बच सकती हैं। अगर आप अपनी पत्नी के साथ जॉइंट एफडी (joint FD Benefits) कराते हैं और पत्नी को फर्स्ट होल्डर बनाते हैं तो भी आप टीडीएस के भुगतान के साथ-साथ ज्यादा टैक्स के भुगतान से भी बच सकते हैं।