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EPFO Pension: ईपीएफओ देता हैं 7 तरह की पेंशन, प्राइवेट सेक्टर के अधिकतर लोग हैं इससे अनजान

EPFO Pension: आपको बता दें कि जो कर्मचारी अपने पीएफ के आधार पर 10 वर्षों तक ईपीएफओ में योगदान करता है तो वो पेंशन पाने का अधिकारी हो जाता है. इसी के चलते हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्राइवेट सेक्टर के कुछ लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती आइए जानते हैं इससे जुडा अपडेट...
 
EPFO Pension: ईपीएफओ देता हैं 7 तरह की पेंशन, प्राइवेट सेक्टर के अधिकतर लोग हैं इससे अनजान

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : pf account: आमतौर पर ईपीएफओ से 58 वर्ष की उम्र से पेंशन मिलना शुरू होता है. लेकिन तमाम दूसरी कंडीशंस भी हैं, जिसमें ईपीएफओ मेंबर या उसके परिवार को पेंशन दी जाती है. ईपीएफओ ने पेंशन को 7 श्रेणियों में बांटा है. अगर आप भी प्राइवेट सेक्‍टर में काम करते हैं और EPFO Member हैं तो आपको ये जानकारी जरूर होनी चाहिए.


अर्ली पेंशन -
आमतौर पर ईपीएफओ 58 साल की उम्र से पेंशन देता है, लेकिन अगर कोई मेंबर पेंशन का हकदार है और 58 की उम्र से पहले पेंशन लेना चाहता है तो 50 साल की उम्र के बाद क्‍लेम कर सकता है. ईपीएफओ ने  Early Pension का प्रावधान भी किया हुआ है. हालांकि अर्ली पेंशन में ईपीएफओ मेंबर्स को हर साल 4 फीसदी के हिसाब से पेंशन घटाकर दी जाती है. मतलब अगर किसी को 58 साल पर 10,000 रुपए पेंशन मिलनी है तो 57 साल की उम्र पर क्‍लेम करने पर 4% घटकर यानी 9,600 रुपए मिलेंगे और 56 साल की उम्र पर 8% घटकर यानी 9,200 रुपए पेंशन के तौर पर मिलेंगे. 


रिटायरमेंट पेंशन -
रिटायरमेंट पेंशन वो पेंशन है जो आपको 58 साल के होने के बाद ईपीएफओ की ओर से दी जाती है. पेंशन कितनी बनेगी ये आपके पेंशन फंड में कुल योगदान पर निर्भर करता है. आप चाहें तो 58 साल के बाद 60 साल तक पेंशन के लिए क्‍लेम कर सकते हैं. ऐसे में ईपीएफओ मेंबर्स को हर साल 4 फीसदी के पेंशन बढ़ाकर देता है.  


विकलांग पेंशन -
सर्विस के दौरान अस्थायी या स्‍थायी रूप से विकलांग होने पर ये पेंशन दी जाती है. इसके लिए उम्र और 10 साल तक पेंशन फंड में योगदान की शर्त लागू नहीं होती. अगर किसी सब्सक्राइबर ने दो साल भी ईपीएस में योगदान दिया है तो वह इस पेंशन का हकदार है.


विधवा या बाल पेंशन -
ईपीएफओ सब्सक्राइबर की मौत के बाद उसकी पत्‍नी व 25 साल से कम उम्र वाले दो बच्‍चे पेंशन पाने के हकदार होते हैं. तीसरा बच्चा भी पेंशन का हकदार है, लेकिन पहले बच्चे की पेंशन 25 की उम्र पर जब बंद हो जाएगी, तब तीसरे बच्चे की शुरू हो जाएगी. ईपीएफओ सब्सक्राइबर मृत्‍यु की स्थिति में भी पेंशन का 10 साल का नियम लागू नहीं होता है. अगर किसी सब्सक्राइबर ने एक साल भी योगदान दिया है तो उसकी मौत होने पर उसकी विधवा और बच्चे पेंशन के हकदार होंगे.  


अनाथ पेंशन -
ईपीएफओ सब्सक्राइबर की मौत होने के साथ उसकी पत्नी की भी मौत हो जाती है तो ऐसे में 25 साल से कम उम्र के दो बच्‍चे पेंशन के हकदार होते हैं. ऐसी स्थिति के लिए ईपीएफओ के पास अनाथ पेंशन का प्रावधान है. लेकिन ये पेंशन बच्‍चों को 25 साल की उम्र तक ही मिलेगी.  


नॉमिनी पेंशन -
ईपीएफओ सदस्य का कोई जीवनसाथी या बच्चा न होने की स्थिति में ईपीएफओ मेंबर की मृत्यु होने पर उसके द्वारा बनाए गए नॉमिनी को ये पेंशन मिलती है. अगर ईपीएफओ सदस्य ने अपने माता और पिता दोनों को नॉमिनी बनाया है तो ऐसी स्थिति में तय हिस्से के हिसाब से पेंशन की रकम दोनों को मिलेगी. वहीं किसी एक को नॉमिनी बनाया है तो पूरी रकम नॉमिनी को मिलेगी.