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Bank FD : एक ही एफडी में न लगाएं पैसा, ये 3 ट्रिक्‍स इस्तेमाल कर पाएं ज्यादा ब्याज
 

Fixed Deposit Rates : अगर आप बैंक में एफडी कराने का प्लान बना रहे हैं, तो आपको निवेश करने से पहले कुछ बातों के बारे में पता होना चाहिए. अगर आप स्‍मार्ट इनवेस्‍टर्स के तरीकों से पैसा लगाएंगे तो ज्‍यादा ब्‍याज के साथ आपको कई और फायदे भी होंगे.आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.
 
 
Bank FD : एक ही एफडी में न लगाएं पैसा, ये 3 ट्रिक्‍स इस्तेमाल कर पाएं ज्यादा ब्याज

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : बेहतर बचत के लिए बैंक एफडी को निवेश का सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है ज्यादा ब्‍याज, सुरक्षित रिटर्न और जब चाहें पैसा वापस पाने जैसी खूबियां शामिल हैं इसलिए फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) निवेशकों का पसंदीदा इनवेस्‍टमेंट टूल मानते है. हालांकि, अगर आप बैंक नियमों को अच्छे से समझकर स्‍मार्ट तरीके से एफडी (FD) में पैसा लगाएंगे, तो आपको ना सिर्फ ज्‍यादा रिटर्न (FD return) मिलेगा बल्कि आपके पैसे डूबने का चांस भी जीरो हो जाएगा, भले ही बैंक दिवालिया हो जाए. कुछ स्‍मार्ट इन्वेस्टर इसके लिए 3 ट्रिक्‍स का इस्‍तेमाल करते हैं और ज्‍यादा ब्‍याज व लिक्विडिटी का आनंद लेते हैं.

ऐसा नहीं है कि बैंक ने उनको कोई अलग से फैसिलिटी दी है. उन्‍होंने बस एफडी में निवेश का तरीका बदला है. वे रिजर्व बैंक द्वारा बनाए नियमों का सही फायदा उठाते हैं और रिस्‍क फ्री इनवेस्‍टमेंट करते हैं. एफडी में अपना पैसा लगाते वक्‍त अगर आप भी इन तीन स्‍मार्ट तरीकों को अपनाएंगे, तो आपको भी खूब फायदा होगा.


एक ही FD में न लगाएं सारा पैसा


आपको अपना सारा पैसा एक ही एफडी में नहीं लगाना चाहिए. आपको जितना पैसा एफडी में लगाना है, उसे बांटकर लगाइए. एक ही अवधि की फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में अपना सारा पैसा लगा देने की बजाय उन पैसों को तीन भागों में बांटिए. अपने पैसे को अलग-अलग फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट्स में लगाएं.


अलग-अलग बैंकों में कराएं FD


बैंकों के एफडी ब्‍याज दरों में भी फर्क होता है. बड़े बैंकों की बजाय छोटे बैंक आमतौर पर ज्‍यादा ब्‍याज देते हैं. इसलिए आपको एक ही बैंक में एफडी कराने की बजाय अलग-अलग बैंकों में एफडी करानी चाहिए. स्‍मॉल बैंक में आप छोटी राशि की एफडी करा सकते हैं. कई बैंकों में एफडी कराने का एक फायदा यह है कि अगर कोई बैंक डूब जाता है, तो आपका पूरा पैसा नहीं डूबता.

बैंक डिपॉजिट पर 5 लाख रुपये की सुरक्षा गारंटी मिलती है. यह गारंटी आरबीआई की सब्सिडियरी Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation (DICGC) द्वारा दी जाती है. इसका मतलब है कि किसी बैंक में आपकी चाहे जितनी ज्यादा रकम जमा हो, यदि बैंक डूबता है तो आपको केवल 5 लाख रुपये ही वापस मिलेंगे. यदि एक ही बैंक की कई ब्रांच में आपके अकाउंट हैं और उनमें जमा राशि पांच लाख से ज्यादा है तो भी सिर्फ पांच लाख रुपये ही वापस मिलेंगे. इसीलिए अलग-अलग बैंकों में एफडी कराकर आप अपना पैसा सुरक्षित कर सकते हैं.


अवधि का रखें ध्‍यान


आपने अपना पैसा एक एफडी में नहीं लगाया. कई बैंकों में एफडी अकाउंट भी खुलवा लिए. लेकिन अगर एक गलती कर दी तो आपको पूरा फायदा नहीं होगा. खासकर, ब्‍याज और लिक्विडिटी का. वह है एफडी अवधि में विविधता न लाना. आपको अलग-अलग बैंकों के साथ ही अपना पैसा अलग-अलग अवधि की एफडी में लगाना चाहिए. अगर आप 1 साल, 3 साल और 5 साल की अवधि वाली फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में पैसा लगाएंगे तो ज्‍यादा ब्‍याज मिलेगा और आपके पास निरंतर अंतराल पर पैसे भी आते रहेंगे.


अलग-अलग टैन्‍योर की एफडी की ब्‍याज दरों में अंतर होता है. इस तरीके से एफडी कराने पर आपके पैसे पर आपको तीन तरह से ब्‍याज मिलेगा और एक अवधि की एफडी में किए गए जुटाकर निवेश से मिलने वाले ब्‍याज से यह ज्‍यादा होगा. अगर हमने कई अवधि वाली एफडी में पैसा निवेश किया है, तो छोटे अंतराल पर ही हमारी कोई न कोई एफडी मैच्‍योर होती रहेगी. इससे हमें पैसे की किल्‍लत भी नहीं होगी. साथ ही अगर अचानक हमें पैसे की जरूरत होने पर एक एफडी से बीच में निकासी कर पाएंगे. क्‍योंकि हमारा पूरा फंड अलग-अलग हिस्‍सों में निवेश किया गया है, इसलिए हमें प्रीमैच्‍योर विद्ड्रॉल पर कम नुकसान होगा.