7th Pay Commisison: इन सरकारी कर्मचारियों को लगा तगड़ा झटका, यूपी सरकार ने रोकी सैलेरी, जाने वजह
Trending Khabar tv (ब्यूरो)। सरकार समय-समय देश में सुचारु कार्य व्यवस्था के लिए नए-नए नियम लागू करती रहती है। हाल ही में इसी के चलते यूपी सरकार ने भी एक बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, यूपी सरकार ने अपने कर्मचारियों पर सख्ती दिखाई है।आपकी जानकारी के लिए बता दें, संपत्तियों का ब्योरा न देने वाले निकाय कर्मियों का वेतन (UP Employee salary Hold) रोकने का विभागीय आदेश जारी कर दिया गया है। अपर निदेशक स्थानीय निकाय ऋतु सुहास ने नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को भेजे निर्देश में कहा है कि कार्मिक विभाग द्वारा जारी आदेश के आधार पर सभी कर्मियों को चल अचल संपत्तियों का ब्योरा (UP employee data) देना अनिवार्य है।
इसी के साथ सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि 30 सितंबर तक संपत्तियों का ब्यौरा मानव संपदा पोर्टल पर ऑनलाइन (UP employee salary news) न करने वालों के वेतन पर तुरंत रोक लगायी जाएं। अपर निदेशक स्थानीय निकाय ने नगर आयुक्तों व अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि संपत्तियों का ब्योरा न देने वालों का सितंबर माह का वेतन नहीं दिया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से पालन किया जाएगा और निदेशालय को यह भी बताया जाएगा कि कितने कर्मियों का वेतन रोका गया है।
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अगस्त की भी सैलेरी रोकने का आदेश जारी
दरअसल, पिछले अगस्त महीने में भी इससे पहले योगी सरकार इस तरह का आदेश भी दे चुकी है। बता दें, यूपी सरकार द्वारा 31 अगस्त तक सभी कर्मचारियों से चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा मांगा (UP news) था। और ऐसा ना करने पर कर्मियों की सैलेरी रोकने के भी आदेश जारी हुए थे। दरअसल यूपी में कर्मियों की संख्या 17 लाख 88 हजार 429 है। इसमें से करीब 26 फीसदी ने ही ब्योरा ऑनलाइन दिया है। योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार ने आईएएस और पीसीएस के बाद सभी वर्ग के अधिकारियों और कर्मियों के लिए चल-अचल संपत्ति का ऑनलाइन ब्योरा देना अनिवार्य किया है।
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इस वजह से लिया फैसला
आपकी जानकारी के लिए बता दें, कार्मिक विभाग की तरफ से जारी निर्देशों के मुताबिक पहले 30 जून तक इसे अनिवार्य किया गया था। साथ ही इसमें ये भी कहा गया था कि संपत्तियों का ब्योरा ना देने वालों को पदोन्नति (UP Government guidelines) नहीं दी जाएगी। जिसकी डेडलाइन बाद में बढ़ाकर 31 जुलाई कर दी गई। इसके बाद मुख्य सचिव ने मानव संपदा पोर्टल की समीक्षा की। जिसें पता चला कि निर्देशों के बाद भी सभी कर्मियों ने संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया है। यह असंतोषजनक स्थिति है। कार्मिक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मानव संपदा पोर्टल (Manav Sampada Portal) पर पंजीकृत कुल अधिकारियों और कर्मचारियों में से सिर्फ 26 प्रतिशत ने ही ब्योरा दिया है।