Movie prime

Property Registration Charges : प्रोपर्टी रजिस्ट्री कराने का कितना खर्चा, जानिये कौन कौन से लगते हैं चार्जेज

What is the cost of property registration : अगर आप घर या जमीन खरीदने का प्लान बना रहे हैं तो ऐसे में आपको प्रॉपर्टी रजिस्ट्री कराने पर लगने वाले चार्ज के बारे में पता होना बहुत जरूरी है। रजिस्ट्री का मतलब है कि एक व्यक्ति घर या जमीन किसी दूसरे व्यक्ति के नाम करने जा रहा है। भारत में रजिस्ट्री (property registration) पर लगने वाला चार्ज सरकार द्वारा तय किया जाता है। चलिए नीचे खबर मं जानते हैं रजिस्ट्री करवाते समय कौन कौन से चार्जेज लगते हैं- 
 
Property Registration Charges : प्रोपर्टी रजिस्ट्री कराने का कितना खर्चा, जानिये कौन कौन से लगते हैं चार्जेज

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : जब भी आप कोई जमीन या मकान खरीदते हैं तो उसकी रजिस्ट्री कराना बेहद जरूरी होता है। रजिस्ट्री के लिए विभिन्न प्रकार के दस्तावेज सरकार द्वारा मांगे जाते है जिसे दोनों पक्षों को देने होते हैं। रजिस्ट्री चार्ज भी सरकार द्वारा तय किये जाते हैं। ये चार्ज जगह व संपत्ति के प्रकार के आधार पर तय होते हैं। बता दें कि जमीन का रजिस्ट्रेशन एक क़ानूनी प्रक्रिया है जिसके तहत एक व्यक्ति की जमीन किसी दुसरे व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर की जाती है।


सरकार तय करती है रजिस्ट्री पर लगने वाला चार्ज- (registry charges)


भारत में जमीन की रजिस्ट्री (Property Registration) सरकार द्वारा सुनिश्चित की जाती है। इस रजिस्ट्री पर सरकार का निर्धारित शुल्क भी लगता है जिसे जमीन के कीमत के अनुसार लगाया जाता है। यदि आपको रजिस्ट्री चार्जेस के बारे में न पता हो तो आप ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग कर पता कर सकते है। जमीन की रजिस्ट्री को लेकर आज भी बहुत से लोगों के पूरी जानकारी नहीं होती हैं। जिसके चलते कई बार लोगों से ज्यादा पैसे भी ऐंठ लिए जाते हैं।


कैसे तय होता है रजिस्ट्री का पैसा


जमीन की रजिस्ट्री में लगने वाले पैसे (money spent on land registry) में मुख्य होता है, स्टांप ड्यूटी चार्ज। यानी जमीन की रजिस्ट्री में जो खर्च आता है, उसे सरकार स्टांप के जरिये आपसे लेती है। अलग-अलग जमीन के अनुसार अलग-अलग स्टांप ड्यूटी लगाई जाती है। जैसे गांव में जमीन खरीदने पर कम चार्ज लगता है और शहर में जमीन खरीदने पर ज्यादा चार्ज देना होगा। ये स्टांप ड्यूटी चार्ज उस जमीन की सर्किल रेट या जमीन का सरकारी रेट के अनुसार देना होता है।


स्टांप शुल्क दरें राज्य सरकार द्वारा तय की जाती हैं और इसलिए वे देश भर में भिन्न-भिन्न होती हैं। जो संपत्ति मूल्य के 3% से 10% तक होती हैं। संपत्ति पर स्टांप शुल्क के अलावा, आपको पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होगा, जो आमतौर पर केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है और राज्य भर में तय किया जाता है। आम तौर पर, संपत्ति के कुल बाजार मूल्य का 1% पंजीकरण शुल्क के रूप में लिया जाता है।


उदाहरण से समझें कैल्कुलेशन


उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति दिल्ली में 60 लाख रुपये की संपत्ति खरीदना चाहता है, जहां स्टांप शुल्क दर 6% है, तो उसे स्टांप शुल्क के रूप में 3.6 लाख रुपये और पंजीकरण शुल्क के रूप में 60,000 रुपये का भुगतान करना होगा। वहीं अगर कोई महिला पंजीकरण कराती है तो उसे पुरुष के मुकाबले कम शुक्ल देना होता है।