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8th Pay Commission : सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, आठवें वेतन आयोग का ऐलान करेगी सरकार

8th Pay Commission : केंद्रीय कर्मचारी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे है। ऐसे में केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन ने मोदी सरकार के कैबिनेट सचिव को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें वेतन आयोग की मांग भी शामिल है... सामान्यतया हर 10 साल में केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाता है। आइए खबर में जानते हैं आठवें वेतन आयोग को लेकर जारी हुए इस अपडेट के बारे में विस्तार से।
 
8th Pay Commission : सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले, आठवें वेतन आयोग का ऐलान करेगी सरकार

Trending Khabar tv (ब्यूरो)।  देश में अब आठवें वेतन आयोग की चर्चा शुरू हो गई है। केंद्रीय कर्मचारियों के संगठन ने मोदी सरकार के कैबिनेट सचिव को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें वेतन आयोग की मांग भी शामिल है। केंद्रीय कर्मियों की मांग है कि 8वें वेतन आयोग को लागू किया जाए, जिसमें पहले ही काफी देरी हो चुकी है। कर्मचारी संघ ने पत्र में लिखा है कि 8वां वेतन आयोग लागू करने में पहले ही काफी देरी हो चुकी है।

 


उम्‍मीद की जा रही है कि सरकार 8 वें वेतन आयोग के लिए सरकार 1.92 फिटमेंट लागू कर सकती है। इससे न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये से बढ़कर 34 हजार 560 रुपये तक पहुंच सकता है। साथ ही न्यूनतम पेंशन भी 17,280 रुपये तक हो सकता है। इसके साथ ही अधिकतम सैलरी और पेंशन में भी बढ़ोतरी हो सकती है। वेतन आयोग के तहत केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) की सैलरी और पेंशन के अलावा मूल वेतन, भत्ते, पेंशन और अन्य लाभों की समीक्षा की जाती है। 


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय परिषद कर्मचारी के सलाहकार की ओर से यह पत्र लिखा गया है। सामान्यतया हर 10 साल में केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाता है। यह खाद्य महंगाई, शहरी खर्च, आवासीय सुविधाओं और अन्य को देखकर समीक्षा करता है औऱ नए स्लैब की सिफारिश करता है। इसमें वेतन पुनर्गठन, आवासीय भत्ते और अन्य लाभों को शामिल किया जाता है। 


यूपीए सरकार में प्राइम मिनिस्टर मनमोहन सिंह की सरकार में 28 फऱवरी 2014 को सातवां वेतन आयोग का प्रस्ताव लाया गया था। इसकी सिफारिशों को एक जनवरी 2016 से लागू किया गया था। तब से दस साल हो चुके हैं। ऐसे में 2016 से दस साल बाद यानी जनवरी 2026 तक आठवां केंद्रीय वेतन आयोग (8th pay commission) लागू करने की अवधि है, लेकिन इसके लिए कवायद पहले ही शुरू करनी पड़ती है। पूरी समिति बनाई जाती है।