Inverter को रखने की यह होती है सबसे सेफ जगह, जानिए कब कितना डालना चाहिए Battery में पानी
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : इन्वर्टर, घर का एक जरूरी हिस्सा बनता जा रहा है। खासतौर पर गर्मी के मौसम में बिजली की कटौती (power cut) काफी बढ़ जाती है। ऐसे में इन्वर्टर से सहारा रहता है। जब पहले इन्वर्टर नहीं हुआ करता था तो लोग घंटों बिना बिजली के भी बिता देते थे, लेकिन अब इन्वर्टर के होने से लाइट चली भी जाए तो पंखा, बत्ती, फोन चार्जिंग आराम से हो जाती है। यही वजह है कि अगर आपके पास इन्वर्टर हो और लाइट लंबे समय के लिए चली भी जाए तो उतना पता नहीं चलता है।
इन्वर्टर ठीक से चलता रहे, इसके लिए जरूरी है कि आप इसकी बैटरी का खास ख्याल रखें। तो अगर आप इसकी ठीक से देखभाल नहीं करते हैं तो ये बहुत जल्दी खराब हो सकता है।
एक चीज़ है जिसपर लोग बिलकुल ध्यान नहीं देते हैं वह है इन्वर्टर की लोकेशन। इन्वर्टर अच्छे से चलता रहे, इसके लिए जरूरी है कि आप ये ध्यान रखे कि इसे घर में कहां रखना सही होता है।
अगर यहां रखा तो समझ लो इन्वर्टर बर्बाद!
इन्वर्टर कहां रखा जा रहा है, ये चीज़ बैटरी की लाइफ और खराबी तय कर सकती है। सुनिश्चित करें कि इन्वर्टर और बैटरी ऐसी जगह पर रखा जाएगा, जहां उसे साफ हवा लग रही हो, हवा के सर्कूलेशन के लिए वहां पर पर्याप्त जगह होना बहुत जरूरी है। खास ख्याल ये रखना होगा कि बैटरी के आसपास खारा पानी, अत्यधिक गर्मी या संक्षारक तत्व (गैर-सीलबंद बैटरी गैसिंग) जैसी कोई चीज़ न हो।
सबसे जरूरी बात यह है कि इन्वर्टर को हमेशा छायादार जगह पर होना चाहिए। अगर इसे सीधी धूप लगेगी तो धीरे-धीरे इसकी लाइफ कम हो जाएगी।
इसके अलावा वोल्टेज ड्रॉप को कम करने के लिए इंस्टॉल करने वाले इन्वर्टर को मीटर के करीब रखने का कोशिश करना चाहिए।
इन्वर्टर बैटरी की देखभाल के टिप्स (Inverter Battery Care Tips)
रेगुलर चार्जिंग: बैटरी को नियमित रूप से चार्ज करते रहें। पूरी तरह से डिस्चार्ज होने पर बैटरी को चार्ज करना शुरू करें।
डीप साइकलिंग से बचें: बैटरी को पूरी तरह से डिस्चार्ज होने से बचाएं। डीप साइकलिंग बैटरी की लाइफ को कम कर सकती है।
अच्छी क्वालिटी का इन्वर्टर: एक अच्छी क्वालिटी का इन्वर्टर खरीदे। एक अच्छा इन्वर्टर बैटरी को सही तरीके से चार्ज और डिस्चार्ज करेगा।
वोल्टेज की जांच: समय-समय पर बैटरी के वोल्टेज की जांच करते रहें। अगर वोल्टेज कम है तो बैटरी को बदलने की जरूरत हो सकती है।
ओवरलोडिंग से बचें: इन्वर्टर को ओवरलोड न करें। इससे बैटरी पर अधिक दबाव पड़ता है और इसकी उम्र कम हो जाती है।
सफाई: बैटरी को समय-समय पर साफ करते रहें। धूल और गंदगी बैटरी की परफॉर्मेंस को प्रभावित कर सकती है।
पेशेवर की मदद लें: अगर आपको इन्वर्टर बैटरी के बारे में कोई समस्या हो तो किसी पेशेवर से संपर्क करें।
हम में से ज्यादातर लोग पावर बैकअप के लिए अपने घर या ऑफिस में इन्वर्टर का यूज करते हैं। क्या आप भी उन्हीं में से एक हैं? अगर हां, तो आप ये बात भी अच्छे से जानते ही होंगे की कुछ समय बाद इनवर्टर की बैटरी में पानी डालना पड़ता है। हालांकि इसका एक सही समय होता है, अगर आप इसका ध्यान रखते हैं तो आप बैटरी से अच्छा बैकअप भी ले सकते हैं। तो बैटरी में कब पानी डालना चाहिए? और कौन से वाटर का यूज करें? चलिए इसके बारे में जानें…
कब डालें इनवर्टर में पानी? (Inverter Battery Water Change Time)
कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवर्टर की बैटरी का पानी आपको रेगुलर बदलते रहना चाहिए। इससे बैटरी की लाइफ बेहतर हो जाती है और ये पहले से भी अच्छे ढंग से काम करती है। हालांकि बहुत से लोगों के मन में ये सवाल है बना रहता है कि बैटरी में पानी बदलने का सही समय क्या है और कितने वक्त बाद इसे बदलना चाहिए। हालांकि ये बात पूरी तरह से आपके बैटरी टाइप पर डिपेंड करता है और आप इसे कैसे यूज कर रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि हर 45 दिन में आपको इन्वर्टर बैटरी के पानी का लेवल चेक करना चाहिए और इस बात का खास ख्याल रखें कि पानी मिनिमम लेवल पर हो। ऐसा देखा गया है कि हेवी यूज होने वाली इनवर्टर बैटरी का पानी 3 महीने में कम होने लगता है। जबकि कम यूज होने वाली बैटरी का वाटर लेवल 4 से 5 महीने तक कम होता है।
इनवर्टर बैटरी में कौन-सा वाटर करें यूज? (Inverter Battery Water)
जो लोग नहीं जानते उन्हें बता दें कि इनवर्टर की बैटरी में आपको सिर्फ डिस्टिल्ड वाटर का इस्तेमाल करना चाहिए। गलती से भी इसमें आपको नल या RO वाटर का यूज नहीं करना चाहिए। इससे बैटरी खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। डिस्टिल्ड वॉटर आप चाहें तो ऑनलाइन या फिर ऑफलाइन मार्केट से खरीद सकते हैं। ये आपको हर जगह आसानी से मिल जाएगा।