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Success Story of IAS : ट्रेन हादसे के बाद भी नहीं टूटा हौसला, व्हील चेयर पर ही तैयारी कर क्लियर किया यूपीएससी का एग्जाम

Success Story of IAS Mainpuri Suraj : चुनौतियां सबके सामने आती है। लेकिन उससे वही जीत पाता है, जो डट कर मुकाबला करता है। ऐसी ही एक कहानी आगरा के सूरज (UPSC success story) तिवारी की है। इन्होंने गंभीर परिस्थिति में भी हार नहीं मानी और कड़ी मेहनत के दम पर यूपीएससी की परीक्षा को पास किया और IAS का पद हासिल किया। ये आज के समय कई लोगों के लिए प्रेरणा के रुप में सामने आए है।
 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : यूपीएससी को भारत की सबसे कठिन परीक्षा में से एक माना जाता है। ऐसे में इस परीक्षा को क्लियर करने के लिए लोग कई तरह के प्रयास करते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे भी (UPSC aspirant success story) होते हैं जोकि गंभीर परिस्थि के होने के बावजूद भी यूपीएससी की परीक्षा को क्लियर करते हैं। आज हम आपको सूरज तिवारी के बारे में बताने जा रहे हैं। सूरज तिवारी को न केवल आथिक बल्कि शारीरिक मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा था किंतु उन्होंने बिना रुके तैयारी की और परीक्षा को पास कर आइएएस अफ्सर बन गए। 

हादसे की वजह से करना पड़ा मुश्किलों का सामना


आपको बता दें कि सूरज तिवारी मैनपुरी के रहने वाले है।  सूरज तिवारी एक बेहद ही गरीब घर से संबध रखते हैं। इसके पिता राजेश तिवारी एक दर्जी हैं। इन्होंने अपने बचपन से ही आर्थिक तंगी का सामना किया था। इसके अलावा सूरज की 24 जनवरी, 2017 को गाजियाबाद की ट्रेन हादसे में घुटनों से दोनों पैर, दाएं हाथ की कोहनी और बाएं हाथ की दो उंगलिया कट गई थीं। जिसकी वजह से इनका जीवन बुरी तरीके से प्रभावित हो गया था। हादसे ने सूरज के जीवन को तहस-नहस कर दिया। इतना बड़ा हादसा होने के बावजूद भी सूरज (suraj from mainpuri cleared UPSC) ने हिम्मत नहीं हारी। वहीं कुछ समय के बाद ही में इन्होंने अपने भाई को भी खो दिया था। जिसकी वजह उनके घर की हालत भी और खराब होने लगी। एक के बाद एक बुरी घटनाओं की वजह से सूरज के परीवार को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। सूरज ने बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करके और अपनी तैयारी को जारी रखे और इस परीक्षा में सफलता हासिल की।
 


917वीं रैंक हासिल कर बने आइएएस


सूरज ने यूपीएससी की परीक्षा को पास करने के लिए किसी भी तरह की कोचिंग को जोइंन नहीं किया था। इन्होंने आपने घर से ही सेल्फ स्टडी की थी। वहीं सूरज ने अपने साथ हुए इतने बड़े हादसे को स्वीकार किया और आगे बढ़े। वहीं 2021 में सूरज में दिल्ली के JNU से BA की डिग्री को प्राप्त की (Mainpuri suraj handicapped cleared UPSC) थी। जिसके बाद उन्होंने MA की डिग्री को पूरा किया। उसके बाद उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी। सुरेश ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल कर लीं। साल 2022 में उनका फाइनल रिजल्ट आया और वे 917वीं रैंक हासिल की और अपने जज्बे के दम पर एक नया मुकाम हासिल किया
 


18 से 20 घंटे तक रेगुलर करते थे पढ़ाई

 

सूरज पढ़ाई में शुरू से ही काफी होशियार थे।  सूरज ने अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मन में जज्बा और सहनशक्ति को बनाए रखा। वहीं इन्होंने कड़ी मेहनत कर अपने माता पिता का नाम रोशन किया। सूरज ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय दृष्टि आईएएस के संस्थापक (UPSC exam) विकास दिव्यकीर्ति सर को दिया हैं। वहीं सूरज ने बताया कि वह यूट्यूब पर विकास दिव्यकीर्ति कर के लेक्चर से ही अपनी तैयारी करते थे। उन्होंने परीक्षा की तैयारी के लिए नोट्स बनाए थे।  जिनका फायदा उन्हें इंटरव्यू के दौरान हुआ। वह 18 से 20 घंटे तक रेगुलर पढ़ाई किया करते थे।