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EMI वालों को कब मिलेगी राहत, RBI से है ये आश

EMI - बजट 2024 के ऐलानों में इनकम टैक्स को लेकर कोई बड़ा ऐलान न होने की वजह से मिडिल क्लास में निराशा है। बजट से निराश हुआ मिडिल क्लास अब भारतीय रिजर्व बैंक की ओर आस की उम्मीदों से देख रहा है। दरअससल आपको बता दें कि . भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक 6 अगस्त से शुरू हो रही है और नतीजों का ऐलान 8 अगस्त को रिजर्व बैंक के गवर्नर के द्वारा किया जाएगा....  

 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) - RBI Repo Rate: बजट 2024 के ऐलानों में इनकम टैक्स को लेकर कोई बड़े ऐलान नहीं होने से मिडिल क्लास को निराशा हाथ लगी है. बजट से निराश हुआ मिडिल क्लास अब आरबीआई की ओर आस की उम्मीदों से देख रहा है. उसे उम्मीद है कि इस बार भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से रेपो रेट में कटौती कर उन्हें ऊंची ब्याज दरों से कुछ राहत दी जाएगी.

हालांकि एक्सपर्ट्स को उम्मीद कम है कि RBI इस बार भी कोई राहत दे सकता है. हालांकि राहत मिलेगी या नहीं इसका पता तो 8 अगस्त को ही चलेगा. भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा बैठक 6 अगस्त से शुरू हो रही है और नतीजों का ऐलान 8 अगस्त को रिजर्व बैंक के गवर्नर के द्वारा किया जाएगा.  

RBI की मौद्रिक समीक्षा बैठक-  

 आरबीआई (Reserve Bank Of India) बृहस्पतिवार को प्रमुख नीतिगत दर रेपो को एक बार फिर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रख सकता है. विशेषज्ञों ने यह अनुमान जताते हुए कहा है कि केंद्रीय बैंक (central bank) दर में कटौती करने से पहले अधिक व्यापक आर्थिक आंकड़ों का इंतजार कर सकता है.अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने फिलहाल अपनी ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखने का फैसला किया है और संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में मौद्रिक नीति में ढील दी जा सकती है. 


8 अगस्त को उठेगा ब्याज दरों से पर्दा-

विशेषज्ञों ने कहा कि महंगाई का दबाव बने रहने के बीच RBI ब्याज दर पर अपना रुख बदलने से पहले अमेरिकी मौद्रिक नीति पर बारीकी से नजर रखेगा. मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) भी दर में कटौती से परहेज कर सकती है, क्योंकि भले ही ब्याज दर 6.5 प्रतिशत (रेपो दर) तक बढ़ा दी गई हो, आर्थिक वृद्धि अच्छी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की बैठक 6-8 अगस्त के बीच होनी है.

दास आठ अगस्त (बृहस्पतिवार) को दर निर्धारण समिति के फैसले की घोषणा करेंगे. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि आगामी नीतिगत समीक्षा में आरबीआई यथास्थिति बनाए रखेगा. मुद्रास्फीति आज भी 5.1 प्रतिशत के उच्चस्तर पर बनी हुई है और आने वाले महीनों में इसमें संख्यात्मक रूप से कमी आएगी, लेकिन आधार प्रभाव के कारण यह अधिक बनी रहेगी.  

क्या है जानकारों की राय- 

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 4.9 प्रतिशत की मुद्रास्फीति के साथ मिलकर यथास्थिति बनाए रखने के पक्ष में रुख बना रही है. उन्होंने कहा कि अगस्त, 2024 की बैठक में रुख में बदलाव या दर में कटौती की गुंजाइश नहीं लग रही है.

उन्होंने कहा कि अच्छे मानसून और वैश्विक या घरेलू झटकों की अनुपस्थिति में खाद्य मुद्रास्फीति अनुकूल हो जाती है, तो अक्टूबर, 2024 में रुख में बदलाव संभव है। इसके बाद दिसंबर, 2024 और फरवरी, 2025 में ब्याज दरों में 0.25-0.25 प्रतिशत की कटौती हो सकती है.सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) के संस्थापक और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने भी कहा कि केंद्रीय बैंक से ब्याज दर पर यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद है, क्योंकि खुदरा मुद्रास्फीति लगातार चुनौतियां पेश कर रही है.