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home loan लेने का क्या है गणित, जानिए पूरी कैलकुलेशन

Home Loan Tips : अक्सर आपने देखा होगा कि खुद का घर खरीदना आजकल हर किसी का सपना बन गया है। ऐसे में पैसे की आर्थिक तंगी के चलते ज्यादातर लोग लोन का सहारा लेना बेहद सही मानते हैं। अगर आप भी होम लोन लेने का प्लान कर रहे थे यह खबर आपके लिए बड़े काम की है क्योंकि आज की स्कोर में हम आपको बताने जा रहे हैं होम लोन से जुड़े पूरी कैलकुलेशन के बारे में विस्तार से।
 

Trending Khabar TV (ब्यूरो)। घर खरीदना (Buying Home) तो हर किसी का सपना होता है, लेकिन एक घर खरीदना कोई आसान काम नहीं। एक मिडिल क्लास आदमी तो अपनी सारी जमा पूंजी ही घर खरीदने में (tips for home loan)लगा देता है। उसके बाद भी पैसे कम पड़ते हैं और उसके लिए होम लोन (Home Loan) लेना पड़ता है। ऐसे में एक बड़ा सवाल ये उठता है कि आखिर किसी शख्स को कब घर(caculation for home loan) खरीदना चाहिए? ये भी सवाल है कि कैसा यानी कितने रुपये का घर खरीदना चाहिए? आइए कैलकुलेशन से समझते हैं कब आपको ये मानना चाहिए कि आप घर खरीदने (dream home) के लिए तैयार हैं।


पहले करें डाउन पेमेंट का इंतजाम(down payment for home loan)


आप जितने रुपये का भी घर खरीदने जा रहे हैं, आपके पास  उसका करीब 30 फीसदी कैश डाउन पेमेंट के लिए होना चाहिए। इसमें से 20 फीसदी तो आप डाउन पेमेंट दे सकते हैं और बचे हुए पैसों से घर खरीदने पर उसकी रजिस्ट्री, कुछ छोटे-मोटे खर्चे वगैरह का भुगतान करना होगा। वहीं बची हुई 80 फीसदी रकम आपको होम लोन के जरिए मिल जाएगी।


क्या आप कम ब्याज दर पर होम लोन लेने के योग्य हैं? (benefits of home loan)


इसके बाद आपको ये चेक करना होगा कि क्या आप सस्ती ब्याज दर पर होम लोन लेने के लिए योग्य हैं। जब आप होम लोन लें तो आपका सबसे बड़ा मकसद ये होना चाहिए कि आप लोन पर लगने वाली ब्याज दर को कम से कम करने की कोशिश करें। ये तब मुमकिन होगा, जब आपको क्रेडिट स्कोर बहुत अच्छा होगा। बता दें कि अच्छ क्रेडिट स्कोर के लिए आपकी अच्छी क्रेडिट हिस्ट्री(credit history)  होनी चाहिए। 


चेक करें की लंबी अवधि का निवेश करने के लिए तैयार हैं? (long time investment)


घर खरीदने का मतलब है कि आप उसे 2-4 या 10 साल में बेचकर दूसरा घर नहीं खरीदेंगे। ऐसे में घर खरीदने का फैसला एक लंबी अवधि का फैसला होता है। अगर आपने 30 साल की ईएमआई बनवा ली तो इसका मतलब हुआ कि आप अपनी आधी जिंदगी तो होम लोन चुकाने (home loan tips) में ही निकाल देंगे। तो घर खरीदने से पहले ये देखें कि आपके ऊपर कौन-कौन सी जिम्मेदारियां हैं और आने वाले सालों में आपको किन-किन जिम्मेदारियों को निभाना (calculation for home loan)पड़ सकता है। उसके हिसाब से आप ये तय कर सकते हैं कि आपको घर खरीदना चाहिए या नहीं।


सैलरी के हिसाब से देखें ईएमआई(best formula for home loan EMI)


वैसे तो ऐसा कोई नियम नहीं है कि आप अपनी सैलरी के हिसाब से कितनी ईएमआई रखें, लेकिन अगर आमतौर पर देखा जाए तो आपको होम लोन की ईएमआई 20-25 फीसदी से अधिक नहीं रखनी चाहिए। मान लीजिए कि आपकी सैलरी 60 हजार रुपये इन हैंड है तो आपके होम लोन की ईएमआई 12-15 हजार या अधिक से अधिक 20 हजार होनी चाहिए। 


ऐसा इसलिए क्योंकि बचे हुए 45 हजार रुपयों में आपको घर मेंटेनेंस चुकाना होगा, बिजली-पानी का बिल देना होगा, बच्चे की स्कूल फीस, कैब का चार्ज, घर का राशन, पेट्रोल का खर्च, कपड़ों और कहीं बाहर खाने-पीने का खर्च सब शामिल होगा। इतना ही नहीं आपको उसी सैलरी में से अपने बुढ़ापे के लिए पैसे बचाने होंगे और बच्चे की पढ़ाई और शादी के लिए भी पैसे रखने होंगे। इन सबके अलावा आपको कुछ पैसे इमरजेंसी फंड (emergency tis)की तरह भी रखने होंगे।


इस तरह आपको घर खरीदते वक्त सबसे पहले ये देखना होगा कि घर की कीमत कितनी है। उसके बाद चेक करना होगा कि उसका डाउन पेमेंट करने जितना कैश आपके पास है या नहीं। उसके बाद ये भी देखना होगा कि आपकी ईएमआई (home loan EMI tips)कितनी बन रही है और यह आपकी सैलरी के 20-25 फीसदी से अधिक तो नहीं हो रही है। अगर आप इन सभी पैमानों पर खरे उतरते हैं तो आप घर खरीदने के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर इनमें से कोई एक भी ऐसा है, जिस पैमाने पर आप खरे नहीं उतर रहे हैं तो आपको घर खरीदने के लिए इंतजार करना चाहिए।