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एक ही फोन नंबर से लिंक हैं कई bank account तो जाएं सावधान, RBI कर सकती है बड़ा बदलाव

bank account - आज बैंक में खाता तो सभी का होता है। दरअसल, प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरूआत के बाद से बैंक में अकाउंट ओपन कराना आसान हो गया है। अकाउंट ओपन करवाते समय हमे कुछ डॉक्यूमेंट और पर्सनल नंबर देना होता है। ज्यादातर लोग एक ही नंबर से कई बैंक अकाउंट लिंक (Link phone number to bank account) कर लेते हैं। अगर आपने भी ऐसा किया है तो सावधान हो जाएं। क्योंकि आरबीआई बड़ा बदलाव करने जा रहा है। आइए नीचे खबर में जानते हैं -  
 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : अगर आप भी एक से ज्यादा बैंक अकाउंट (bank account)  रखते हैं? और सभी बैंक खाते एक ही नंबर से लिंक हैं तो ये खबर आपके काम की है। जब भी आप बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए जाते हैं तो आपसे एक KYC फॉर्म भरवाया जाता है।

जिसमें अकाउंट वेरिफिकेशन से जुड़ी और ग्राहकों की सभी जानकारी होती है। ऐसे में अगर आप एक से ज्यादा अकाउंट रखते हैं और उन्हें एक ही मोबाइल नंबर से लिंक किया है तो आपको सावधान होने की जरुरत है। दरअसल, RBI बैंकों के साथ मिलकर इस व्यवस्था में बदलाव ला सकती है।


RBI कर सकती है बड़ा बदलाव (Account security in banks)


बैंकों में अकाउंट की सिक्योरिटी को टाइट रखने के लिए RBI बैंकों के साथ मिलकर KYC नियमों को सख्त कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक अपने ग्राहकों की वेरिफिकेशन के लिए एक एक्स्ट्रा लेयर लगा सकते हैं।

किन पर लागू होगा नियम?


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंकों के इस नियम का असर एक ही नंबर से जॉइंट अकाउंट (joint account), मल्टीपल अकाउंट होल्डर्स पर ज्यादा होगा। उन्हें इसके लिए एक अन्य नंबर KYC फॉर्म में दर्ज करना होगा। ग्राहकों को जॉइंट अकाउंट के मामले में भी ऑलटर्नेट नंबर दर्ज करना होगा। 


वित्त सचिव के नेतृत्व में एक समिति पूरे फाइनेंशियल सेक्टर में इंटेरोपेरेबल केवाईसी मानदंडों को मानकीकृत और सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है। इस कदम का उद्देश्य फिनटेक कंपनियों द्वारा केवाईसी मानदंडों में ढील के बारे में चिंताओं को दूर करना है, जिससे ऋणदाताओं के लिए जोखिम बढ़ सकता है।

इस काम में मिलेंगे मदद


मामले की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा, जॉइंट अकाउंट के लिए पैन, आधार और यूनिक मोबाइल नंबर जैसे मल्टी-लेवल सेकेंडरी आइडेंटिफिकेशन मेथड पर भी विचार कर रहे हैं। सेकेंडरी आइडेंटिफिकेशन किसी व्यक्ति के कई खातों का पता लगाने की अनुमति देंगे यदि वे लिंक नहीं हैं और विभिन्न केवाईसी दस्तावेजों के साथ खोले गए हैं।


इससे अकाउंट एग्रीगेटर या एए नेटवर्क को संयुक्त खातों तक विस्तारित करने में भी मदद मिलेगी। वर्तमान में, एए ढांचे के तहत वित्तीय जानकारी साझा करने के लिए केवल एकल-संचालित व्यक्तिगत खातों को शामिल किया गया है। अकाउंट एग्रीगेटर ऐसी जानकारी के धारकों से ग्राहक की वित्तीय संपत्तियों से संबंधित जानकारी प्राप्त या एकत्र करता है और इसे एकत्रित, समेकित और निर्दिष्ट उपयोगकर्ताओं के सामने प्रस्तुत करता है।