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KCC : किसानों की लगी लॉटरी, अब बिना गारंटी 3 लाख नहीं 5 लाख रुपये मिलेगा लोन

KCC : केंद्र सरकार 23 जुलाई को बजट पेश करने जा रही है। यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा। चर्चा ये है कि बजट में सरकार का फोकस एक बार फिर कृषि सेक्टर (agriculture sector) पर अधिक देखने को मिल सकता है। बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड पर लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख हो सकती है....

 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) :  केंद्र सरकार 23 जुलाई को बजट पेश करने जा रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minsiter Nirmala Sitharaman) बजट की आखिरी दौर की तैयारी में लगी हैं. यह बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा. इसलिए सभी सेक्टर सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं.

अब खबर ये आ रही है कि बजट में सरकार का फोकस एक बार फिर कृषि सेक्टर (agriculture sector) पर अधिक देखने को मिल सकता है. सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन शुरू कर सकती है. साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड लोन 3 लाख से बढ़कर 5 लाख किया जा सकता है.

सरकार बढ़ा सकती है फोकस-

बजट में कृषि को बढ़ावा देने वाले कदम उठाए जा सकते हैं. सरकार कृषि सेक्टर को एक बार फिर से प्राथमिकता दे सकती है. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) के तीसरे टर्म में फिर से किसानों पर फोकस बढ़ सकता है. बता दें कि सरकार में आने के बाद पीएम मोदी ने पहली फाइल किसानों को फंड देने की ही साइन की थी. सरकार डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन की शुरुआत करेगी.

हो सकते हैं ये बड़े ऐलान-

किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज की सीमा बढ़ सकती है.

किसान क्रेडिट कार्ड पर लिमिट 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख हो सकती है.

बिना किसी सिक्योरिटी के लोन 1,60,000 से बढ़कर 2, 60,000 किया जा सकता है.

नेशनल ऑयल सीड मिशन के लिए फंडिंग का प्रावधान किया जा सकता है.

री-साइलेंट फसलों को बढ़ावा देने वाले कदम भी उठाए जा सकते हैं.

एग्री मंडियों के मॉर्डनाइजेशन के लिए फंड की व्यवस्था की जा सकती है.

सरकार फसलों के डायवर्सिफिकेशन को बढ़ावा देगी.

PM-AASHA स्कीम के लिए अतिरिक्त बजट का ऐलान हो सकता है.

इन सेक्टर्स की है ये डिमांड-

आगामी बजट (Budget 2024) में वित्त मंत्री से विभिन्न क्षेत्रों की अलग-अलग अपेक्षाएं हैं. शिक्षा क्षेत्र डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्रमम के लिए अधिक फंड चाहता है. रियल एस्टेट सेक्टर टैक्स इन्सेन्टिव और अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए समर्थन की उम्मीद करता है. हेल्थ केयर पब्लिक हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और मेडिकल रिसर्च के लिए अधिक बजट एलोकेशन चाहता है.

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए टैक्स छूट और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट चाहता है. कृषि क्षेत्र सब्सिडी और आधुनिक खेती के समर्थन की उम्मीद करता है. एमएसएमई क्षेत्र लोन तक आसान पहुंच और अप्लायंसेज के बोझ से छुटकारा की उम्मीद करता है. कुल मिलाकर सभी सेक्टर ऐसी नीतियां चाहते हैं जो विकास को बढ़ावा दें, रोजगार पैदा करें और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करें.