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Income Tax Notice : सिर्फ 1 रुपये की गड़बड़ी में आ गया इनकम टैक्स का नोटिस, 50 हजार का लगा फटका

Income Tax Notice :  इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई 2024 है। ऐसे में टैक्सपेयर्स तेजी से अपना रिटर्न फाइल कर रहे हैं। दरअसल आपको बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न भरने में कोई गड़बड़ी होने पर डिपार्टमेंट की ओर से टैक्सपेयर्स (taxpayers) को नोटिस भेजा जाता है।

 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) :  जैसे-जैसे 31 जुलाई की डेडलाइन करीब आ रही है, टैक्सपेयर्स तेजी से अपना रिटर्न फाइल कर रहे हैं. इनकम टैक्स रिटर्न भरने में कोई गड़बड़ी होने पर डिपार्टमेंट की ओर से टैक्सपेयर्स (taxpayers) को नोटिस भेजा जाता है. यही कारण है कि टैक्सपेयर्स को सावधानी से रिटर्न फाइल करने की सलाह दी जाती है.

इस बीच इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिलने का एक ऐसा मामला चर्चा में है, जिसमें कथित तौर पर एक टैक्सपेयर ने महज एक रुपये के विवाद के चक्कर में 50 हजार रुपये खर्च कर दिए. यह कहानी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसे संबंधित टैक्सपेयर ने खुद ही शेयर किया है. उसने इस बात को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से अपनी सख्त नाराजगी जाहिर की है.

टैक्सपेयर ने सोशल मीडिया पर शेयर किया अनुभव-

यह मामला जुड़ा है सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के एक यूजर अपूर्व जैन से. इनकम टैक्स से जुड़े एक पोस्ट पर अपूर्व ने अपना अनुभव शेयर किया है. संबंधित पोस्ट इस बारे में है कि सरकार के द्वारा अनुपालन को आसान बनाने और प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के दावों के बीच किस तरह से टैक्सपेयर्स को परेशानियां हो रही हैं.

मामूली अंतर होने पर भी मिल रहे नोटिस-

यूजर ने अपनी परेशानी बताते हुए लिखा है कि एक तो पीएफ के ब्याज पर टैक्स लगाना वेतनभोगी लोगों के ऊपर कड़ा आघात है. उसके बाद दिक्कत ये आती है कि ईपीएफओ हर बार आईटीआर की डेडलाइन निकल जाने के बाद ब्याज का भुगतान करता है. टैक्सपेयर अपने से कैलकुलेट करने के लिए काम से एक दिन की छुट्टी लेता है. उसके बाद अगर मामूली मार्जिन से भी गलती हो गई तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस भेज देता है.

सीए को फीस में दिए 50 हजार रुपये-

उसी पोस्ट के रिप्लाई में अपूर्व ने बताया कि उसे भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिला था. उसने मामले का समाधान निकालने के लिए सीए हायर किया. चार्टर्ड अकाउंटेंट को मामला सुलटाने के लिए फीस के रूप में उसने 50 हजार रुपये का भुगतान किया. बाद में पता चला कि विवाद का कारण कैलकुलेशन में सिर्फ 1 रुपये का अंतर था. मतलब सिर्फ 1 रुपये का विवाद सुलटाने में टैक्सपेयर को 50 हजार रुपये भरने पड़ गए.

डिपार्टमेंट की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल-

अपूर्व का रिप्लाई देखते-देखते एक्स पर वायरल हो गया. इंटरनेट यूजर उसके ऊपर तरह-तरह की टिप्पणियां करने लगे. मामला इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के भी संज्ञान में गया और डिपार्टमेंट ने असुविधा के लिए अफसोस जाहिर किया. वहीं अपूर्व ने डिपार्टमेंट पर नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यप्रणाली में सुधार करने की अपील की. उक्त पोस्ट पर कई टैक्सपेयर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income tax Department) के काम करने के तरीके पर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं.