Bank Account : एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने पर होते हैं 6 बड़े नुकसान, आप भी जान लें
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : क्या आपके पास दो बैंक अकाउंट हैं? क्या आपने भी कई बैकों में अपना खाता खुलवाया है? अगर हां तो पहले समझिए कि ज्यादा बैंक अकाउंट रखने के नुकसान (Disadvantages of having more bank accounts) क्या हो सकते हैं. आप अपनी गाढ़ी कमाई से हाथ धो सकते हैं. खासकर प्रोफेशनल्स को इस बात बहुत गौर करना चाहिए. दरअसल, नौकरीपेशा अपने करियर में कई बार कंपनी बदलते हैं. कंपनी बदलने के दौरान सैलरी के लिए नए-नए बैंक में खाते भी खोले जाते हैं. नए खाते खोलने पर पुराना खाता बंद नहीं होता. एक दिन पता चलता है कि किसी एक खाते से धोखाधड़ी हो गई है. ऐसा किसी के भी साथ हो सकता है. अगर आपका भी एक से ज्यादा खाता है और वह निष्क्रिय हो गया है तो उन्हें बंद करा दीजिए. नहीं तो आने वाले समय में बड़ा नुकसान हो सकता है.
सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट हो जाता है सैलरी अकाउंट
किसी भी सैलरी अकाउंट में तीन महीने तक सैलरी नहीं आने से वह सेविंग अकाउंट में कन्वर्ट हो जाता है. सेविंग अकाउंट में तब्दील(Converted to savings account) होने से खाते को लेकर बैंक के नियम बदल जाते हैं. फिर बैंक उसे सेविंग अकाउंट के रूप में ट्रीट करते हैं. बैंक के नियम के मुताबिक(As per bank rules), सेविंग अकाउंट में एक न्यूनतम राशि मेनटेन करनी जरूरी है. अगर, आप यह मेनटेन नहीं करते हैं तो आपको पेनल्टी देनी पड़ सकती है और आपके खाते में से जमा रकम से बैंक पैसा काट सकते हैं.
नहीं मिलेगा बेहतर ब्याज
एक से ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से आपको बड़ा नुकसान हो सकता है. अपने हर अकाउंट को मेनटेन (maintain account) करने के लिए उसमें राशि का एक तय अमाउंट रखना ही होता है. यानी एक से ज्यादा अकाउंट होने से आपका बड़ा अमाउंट तो बैंकों में ही फंस जाएगा. उस राशि पर आपको ज्यादा से ज्यादा 4 से 5 फीसदी ही सालाना रिटर्न मिलता है. वहीं, अगर सेविंग अकाउंट में पैसे रखने के बजाए दूसरी योजनाओं में लगा दें तो आपको सालाना रिटर्न के तौर पर ज्यादा ब्याज मिलेगा.
क्रेडिट स्कोर होता है खराब
एक से ज्यादा निष्क्रिय खाते होने से आपके क्रेडिट स्कोर पर भी इसका खराब असर पड़ता है. आपके खाते में न्यूनतम बैलेंस मेनटेन नहीं होने से क्रेडिट स्कोर खराब होता है. इसलिए कभी भी निष्क्रिय खाते को हल्के में न लें और नौकरी छोड़ने के साथ ही उस खाते को बंद करा दें.
इनकम टैक्स फाइल करने में होती है परेशानी
ज्यादा बैंकों में अकाउंट होने से टैक्स जमा करते समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. कागजी कार्रवाई में भी अधिक माथापच्ची करनी पड़ती है. साथ ही इनकम टैक्स फाइल करते समय सभी बैंक खातों से जुड़ी जानकारियां रखनी पड़ती है. अक्सर उनके स्टेटमेंट का रिकॉर्ड (record of statement) जुटाना काफी पेचीदा काम हो जाता है.
लगते हैं ये एक्स्ट्रा चार्जेज
कई अकाउंट होने से आपको सालाना मेंटनेंस फीस और सर्विस चार्ज देने होते हैं. क्रेडिट और डेबिट कार्ड के अलावा अन्य बैंकिंग सुविधाओं के लिए भी बैंक आपसे पैसे चार्ज करता है. तो यहां भी आपको काफी पैसों का नुकसान (loss of money) उठाना पड़ता है.
फ्रॉड का खतरा
कई बैंकों में अकाउंट होना सुरक्षा के लिहाज से भी सही नहीं होता है. हर कोई अकाउंट का संचालन नेट बैंकिंग के जरिए करता है. ऐसे में सभी का पासवर्ड याद रखना बहुत ही मुश्किल काम होता है. निष्क्रिय अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करने से इसके साथ फ्रॉड या धोखाधड़ी होने का चांस बहुत अधिक होता है, क्योंकि आप लंबे समय तक इसका पासवर्ड नहीं बदलते हैं. इससे बचने के लिए अकांउट को बंद कराएं और उसके नेट बैंकिंग को डिलीट जरूर कर दें.