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Jio, Airtel, and Vodafone के ग्राहकों को एक और बड़ा झटका, दोबारा से इतना महंगा होगा रिचार्ज

Jio, Airtel, and Vodafone Idea : आजकल हर किसी के पास अपना स्मार्टफोन है। और बिना रिचार्ज के नेट से जुड़ा कोई भी काम नहीं हो पाता है. और ऐसे में लोगों के लिए रिचार्ज कराना जरूरी हो गया है. तो इस वजह से हम आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. इस बीच खबर है कि ये कंपनियां अपने यूजर्स को एक बार फिर झटका देने की तैयारी में हैं. जानिए विस्तार से-
 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) - Telecom Tariff Hike : हाल ही में जियो, एयरटेल और वोडा-आइडिया ने अपने यूजर्स को झटका देते हुए अपने टैरिफ प्लान (tariff plan) महंगे कर दिए हैं। इस बीच खबर है कि ये कंपनियां एक बार फिर अपने यूजर्स को झटका देने की तैयारी में हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टेलीकॉम कंपनियां अगले 12 महीनों में कई बार टैरिफ चार्ज बढ़ाएंगी।

और जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. केयरएज रेटिंग्स का कहना है कि इस बढ़ोतरी से टेलीकॉम कंपनियों जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया का प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व (आरपीयू) 15% बढ़कर 182 रुपये से 220 रुपये हो जाएगा।

इन कंपनियों का लक्ष्य प्रति उपयोगकर्ता औसत राजस्व 300 से ऊपर ले जाना है। भारती एंटरप्राइजेज के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल का कहना है कि अगर भारत में प्रति उपयोगकर्ता आय 300 रुपये भी हो जाए, तब भी भारत दुनिया का सबसे सस्ता टेलीकॉम बाजार बना रहेगा। 

कंपनियां इसका फायदा उठा रही हैं-

विशेषज्ञों का कहना है कि देश में डेटा खपत में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसका फायदा टेलीकॉम कंपनियां (telecom companies) उठा रही हैं. साल 2014 में देश में इंटरनेट की पहुंच सिर्फ 13.5 फीसदी थी. जबकि वर्तमान में यह बढ़कर 52.2 फीसदी हो गया है. यानी चार गुना बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा इंडस्ट्री की आय भी बढ़ी है. 2018-19 से 2022-23 के बीच टेलीकॉम इंडस्ट्री की आय 1 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है. 2016 में जब देश में 4G सर्विस शुरू हुई तो टैरिफ कम कर दिया गया.

अब उपभोक्ताओं को 5G सेवाएं मिल रही हैं.  जिसके कारण डेटा का उपयोग भी बढ़ गया है। इसका फायदा उठाकर कंपनियां टैरिफ चार्ज बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं। इसके अलावा कंपनियां टेलीकॉम बाजार में प्रतिस्पर्धियों की कमी का भी फायदा उठा रही हैं। 10 साल पहले देश में 22 टेलीकॉम कंपनियां थीं जो घटकर 5 रह गई हैं.