{"vars":{"id": "115072:4816"}}

8th Pay Commission : कर्मचारियों के आठवें वेतन आयोग पर केंद्र सरकार का बदला मूड

8th Pay Commission Latest Update - सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। जुलाई का महीना करीब आ रहा है और ऐसे में वित्त मंत्री निर्मला सितारमण बजट पेश करेंगी। इसके बाद कर्मचारियों को डबल तोहफा मिलने के चांस है। सबसे पहले तो कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (DA Hike) में तगड़ा उछाल आएगा।  दसूरी और आठवें वेतन आयोग को लागू करने को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। 

 

Trending Khabar TV (ब्यूरो)। बजट 2024 (Budget 2024) से पहले सरकारी कर्मचारियों को गुड न्यूज है। 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेज दिया गया है। इससे वेतन आयोग कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन,पेंशन और अन्य भत्तों की समीक्षा करेगा।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)  के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट जुलाई के तीसरे सप्ताह में पेश हो सकता है। ऐसे में उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) बजट में 8वें वेतन आयोग के प्रस्ताव का जिक्र कर सकती हैं।


8वें वेतन आयोग का प्रस्ताव


नेशनल काउंसिल (स्टाफ साइड, जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लॉईज) के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कैबिनेट सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने आठवें वेतन आयोग (8th Pay Commission update) का गठन करने की मांग की है। इसमें निवेदन किया है कि 8वें वेतन आयोग के गठन को प्राथमिकता दी जाएं।

बता दें हर दस वर्ष में केंद्रीय वेतन आयोग (New Pay Commission) का गठन होता है। यह सरकारी कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों की समीक्षा करता है और इजाफे की सिफारिश करता है।


कब आया था 7वां वेतन आयोग?


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह फरवरी 2014 में 7वां वेतन आयोग (7th Pay Commission) लाए थे। आयोग की सिफारिश 1 जनवरी 2016 से लागू हुई थी। मोदी सरकार के कार्यकाल में पहली बार नए वेतन आयोग का गठन होगा।

साल 2026 में 8वां वेतन आयोग का प्रस्ताव


यदि 10 वर्ष के अंतराल से देखें तो 8वां वेतन आयोग (8th Pay Commission) 2026 से शुरू होने का प्रस्ताव है। हालांकि सरकार ने इसके औपचारिक गठन की जानकारी नहीं दी है। पीएम मोदी (PM Modi) के तीसरी बार वापसी के साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 8वें वेतन आयोग पर अपडेट का इंतजार हैं।

शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि पहले मुद्रास्फीति 4 से 7 फीसदी के आसपास थी। कोरोना काल के बाद बढ़कर एवरेज 5.5 फीसदी हो गई। कोविड के बाद मुद्रास्फीति कोरोना से पहले ज्यादा है। उन्होंने कहा, 2016-2023 तक दैनिक जीवन के लिए आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में 80 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।