Traffic Jam: ये था दुनिया का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम, पूरे 12 दिनों तक टस से मस नहीं हुई गाड़ियां
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : दिल्ली-एनसीआर हो, बेंगलुरु में लोगों को ट्रैफिक जाम लगना आम बात है। ऑफिस के लिए निकलना हो तो लोग एक्सट्रा टाइम लेकर चलते हैं। घर से बाहर निकलने नहीं कि गाड़ियों की रफ्तार थम जाती है। ट्रैफिक में फंसते ही घुटन सी लगने लगती है। मन में बस एक ही इच्छा रहती है (traffic jam Update) कि किसी भी तरह से बस इस जाम से निकल जाएं। जाम में फंसने के बाद लगता है मानो पूरे जिंदगी का समय यहीं खराब हो रहा हो। जिस जाम में आप कुछ मिनटों तक फंसने के बाद ये सब सोचने लगते हैं जरा सोचिए अगर वहीं जाम 12 दिनों तक लगा रह जाए (Traffic jam biggest) तो कैसा महसूस होगा। सोच कर भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन ऐसा सच में हुआ है। 12 दिन तक लोग जाम में फंसे रहे, गाड़ियां जस से मस तक नहीं हुई।
कहां लगा ये सबसे लंबा जाम
चीन की राजधानी बीजिंग में लोगों को दुनिया के सबसे लंबे ट्रैफिक जाम से गुजरना पड़ा। बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेस वे (China National Highway 110) पर, ऐसा ट्रैफिक जाम लगा कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा था। लगभग 100 किलोमीटर तक लंबा जाम लग गया। 12 दिनों तक गाड़ियां और गाड़ी में बैठे लोग सड़क पर फंसे रह गए। यह जाम पूरी दुनिया के इतिहास (longest traffic jam) में अब तक का सबसे लंबा जाम है। जहां तक निजर जा रही थी, वहां सिर्फ गाड़ियां ही गाड़ियां दिख रही थी।
कैसे लगा यह जाम
14 अगस्त 2010 को बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेस वे पर दुनिया का सबसे लंबा जाम फंसा था। जाम इतना लंबा था कि 12 दिनों तक लोग गाड़ियों में फंसे रह गए। वहीं पर खाया, वहीं पिया और ट्रैफिक जाम में ही सोना भी पड़ा। ये ट्रैफिक जाम मंगोलिया से बीजिंग तक कोयला और निर्माण सामग्री ले जा रहे ट्रकों की वजह से लगा था। उस वक्त बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे निर्माणाधीन था। इसलिए वाहन नहीं निकल पा रहे थे। एक्सप्रेस वे चल रहे काम की वजह से ट्रैफिक (traffic jam latest Update) को वनवे कर दिया गया था। जो ट्रक मंगोलिया से बीजिंग के लिए निर्माण सामग्री ले जा रहे थे, उन्होंने बीजिंग के बाहर निकलने का रास्ता रोक दिया था। देखते ही देखते जाम इतना लंबा हो गया कि जाम को खुलवाने में प्रशासन को 12 दिन का वक्त लग गया
इस वजह से लगा जाम
एक्सप्रेस वे बन ही रहा था,मंगोलिया से कोयला लाने वाले ट्रकों का काफिला रास्ते से निकल नहीं पाया। कई वाहन भी खराब हो गए थे, जिसकी वजह से रास्ता ब्लॉक हो गया था। जाम ऐसा था कि वहां फंसे वाहन दिनभर में सिर्फ 1 किलोमीटर की दूरी ही तय कर पा रहे थे।
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लोगों को वहीं बनाना पड़ा था घर
जाम इतना लंबा खिंच गया कि कार और छोटे वाहनों से चलने वालों के लिए एक्सप्रेसवे के किनारे अस्थायी घर बनाए गए।गाड़ियों का मेला देखकर वहां खाने-पीने की चीजों की दुकानें खोल दी गई। स्नैक्स, कोल्डड्रिंक, नूडल्स और खाने-पीने की चीजें चार गुना दामों पर बेचा जाने लगा। लोगों को 10गुने रेट पर पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
कैसे और कब खुला जाम
जाम को खुलवाने के लिए प्रशासन ने इस रूट पर मिलने वाले सभी रास्तों को रोक दिया। जाम में फंसे ट्रकों को सबसे पहले निकाला गया। वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए दिन रात एक कर दिया गया, कब जाकर 26 अगस्त 2010 को जाकर दुनिया का सबसे बड़ा जाम खत्म हुआ।