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Property Dispute: प्रोपर्टी विवाद में कौन सी लगती हैं धाराएं, जानिये कैसे छुड़वा सकते हैं अपनी जमीन

Property Dispute Law : जमीनी विवाद  हर दूसरे घर की कहानी है। देश अदालतों में भी लाखों केस पेडिंग हैं। यहां तक की आपका भी कोई न कोई प्रोपर्टी विवाद (Property Dispute) होगा या फिर रहा होगा। लेकिन क्या आपका  पता है की प्रोपर्टी विवाद में कौन कौन सी धाराएं लगती हैं और इसका कानूनी पहलू (property dispute law) क्या है। 

 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : अधिकत्तर लोगों को जमीन से जुड़े विवादों के निपटान को लेकर जानकारी नहीं होती। अधिकत्तर लोग जमीन संबंधी विवादों (land disputes) से जुड़ी कानूनी धाराओं (Legal Clauses) से वाकिफ नहीं होते। आम लोगों को अक्सर इस तरह के विवादों से सामना होता रहता है। 

कई बार तो प्रोपर्टी विवाद (Property Dispute) बहुत बड़ा हो जाता है। इसी कारण जमीन से जुड़े मामलों (land related matters) से संबंधित कानूनी प्रावधान और धाराओं (Legal Provisions and Sections) की जानकारी होनी बेहद जरूरी है। जमीन या संपत्ति से जुड़े मामलों में आपराधिक और सिविल दोनों प्रकार के मामलों में कानूनी सहायता प्राप्त करने का प्रावधान है, तो चलिये आईये जानते हैं इससे जुड़े सभी काननूी पहलू....


आपराधिक मामलों से संबंधित IPC की धाराएं, सबसे पहले जानिये धारा 406 (section 406)


अक्सर लोग भरोसे का गलत फायदा उठाते हैं।  वे उन पर किए गए विश्वास और भरोसे का फायदा उठाकर जमीन या अन्य सम्पत्ति पर अपना कब्जा (land grab) कर लेते हैं।  इस धारा के अन्तर्गत पीड़ित व्यक्ति अपनी शिकायत दे सकता है।  

क्या है धारा 467 (Section 467)  


इस धारा के तहत यदि किसी की जमीन या अन्य संपत्ति को फर्जी दस्तावेज (forged document) बनाकर हथिया लिया जाता है और कब्जा स्थापित कर लिया जात है, तब इस तरह के मामले में पीड़ित IPC section 467 के अंतर्गत शिकायत दर्ज करा सकता है। 


इस तरह से जमीन या संपत्ति पर कब्जा (Possession of Land or Property) करने के मामलों की संख्या बहुत अधिक है। इस तरह के मामले एक संज्ञेय अपराध (Serious crime) होते हैं और प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के द्वारा इन पर विचार किया जाता है. यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं होता।


क्या है धारा 420 (Section 420 information)


इस धारा का संबंध अलग-अलग तरह के धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े जैसे मामलों से है।  Section 420  के तहत संपत्ति या जमीन से जुड़े विवादों में भी पीड़ित अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। 


प्रोपर्टी से संबंधित सिविल कानून (Property Dispute Civil Law)


Property Dispute का निपटान सिविल प्रक्रिया के द्वारा भी हो सकता है। हालांकि कई बार इस इसमें लंबा समय लग जाता है, लेकिन ये सस्ती और आसान प्रक्रिया है। किसी की जमीन या संपत्ति पर गैरकानूनी तरीके कब्जा (illegal possession) कर लेने पर इसके जरिए भी मामले को निपटाया जाता सकता है। इस तरह के मामले Civil Court में चलते हैं। 


क्या है स्पेसिफिक रिलीफ एक्ट, 1963 (Specific Relief Act 1963)


इस कानून को संपत्ति संबंधी मामलों में त्वरित न्याय (speedy justice) के लिए बनाया गया था।  इस Act की धारा-6 के द्वारा किसी व्यक्ति से उसकी संपत्ति को बिना किसी वैधानिक प्रक्रिया के छीन लेने या जबरदस्ती उस पर कब्जा कर लेने की स्थिति में इस धारा का इस्तेमाल किया जाता है। धारा-6 के जरिए पीड़ित व्यक्ति को आसान तरीके से जल्दी न्याय दिया जाता है, हालांकि धारा-6 से संबंधित कुछ ऐसे नियम भी हैं जिनकी आपको जानकारी होना जरूरी है। 

धारा-6 से संबंधित महत्वपूर्ण बातें


Section-6 के तहत न्यायालय के द्वारा जो भी आदेश या डिक्री पारित कर दी जाती है उसके बाद उस पर अपील नहीं की जा सकती। ये धारा उन मामलों में लागू होती है जिनमें पीड़ित की जमीन से उसका कब्जा 6 महीने के भीतर छीना हो। अगर इस 6 महीने के बाद मामला दर्ज कराया जाता है तो फिर इसमें धारा 6 के तहत न्याय न मिलकर सामान्य सिविल प्रक्रिया के जरिए इसका समाधान किया जाता है।  


लेकिन इस धारा के तहत सरकार के विरुद्ध मामला लेकर नहीं आया जा सकता है। इसके तहत संपत्ति का मालिक (Property Owner), किराएदार या पट्टेदार (tenant or lessee) कोई भी मामला दाखिल कर सकता है ।