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OPS vs NPS : सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना पर आया बड़ा अपडेट, व‍ित्‍त सच‍िव ने कही ये बात

OPS vs NPS : कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे है। इस बीच वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम (Old Pension Scheme) को बहाल करना वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है। इसे लाना देश के ऐसे नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं। इस अपडेट से जुड़ी पूरी जानकारी जानने के लिए खबर को पूरा पढ़ लें। 

 

Trending Khabar TV (ब्यूरो) : New Pension Scheme: केंद्र और राज्‍य सरकार के तहत काम करने वाले कर्मचारी लंबे समय से ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम (Old Pension Scheme) को लागू करने की मांग कर रहे हैं. ह‍िमाचल प्रदेश, पंजाब, छत्‍तीसगढ़, राजस्‍थान और झारखंड में प‍िछले द‍िनों कर्मचार‍ियों के व‍िरोध को देखने हुए पुरानी पेंशन को बहाल करने का फैसला क‍िया गया था.

इसके बाद केंद्रीय कर्मचार‍ियों (central employees) को पेंशन से जुड़ी गारंटी देने के मकसद से व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अध्‍यक्षता में कमेटी गठ‍ित की थी. इस कमेटी का मकसद अलग-अलग देशों और आंध्र प्रदेश सरकार सरकार के पेंशन मॉडल का अध्‍ययन करना था.

ओपीएस को बहाल करना वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं-

अब वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि ओल्‍ड पेंशन स्‍कीम (Old Pension Scheme) को बहाल करना वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है. इसे लाना देश के ऐसे नागिरकों के लिए नुकसानदेह होगा, जो सरकारी नौकरी में नहीं हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एनपीएस (NPS) को लेकर कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों से कुछ सार्थक बातचीत हुई है. सोमनाथन ने कहा कि सरकार देश में युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के मकसद से उन्हें कंपनियों में ट्रेन‍िंग की सुविधा के अलावा 1000 आईटीआई को आधुनिक रूप भी देगी.

NPS पर बनी समिति का काम अभी पूरा नहीं हुआ-
सोमनाथन ने पीटीआई से बातचीत में कहा, ‘एनपीएस पर बनी समिति का काम अभी पूरा नहीं हुआ है. हमने इस बारे में कर्मचारी संगठनों और राज्य सरकारों से बातचीत की है. इसमें कुछ प्रगति हुई है.’ उन्होंने कहा, कर्मचारियों की कुछ चिंताएं हैं. पहला, उनका कहना है कि यह नई योजना है.

एनपीएस शेयर बाजार से जुड़ा है, हमें उतार-चढ़ाव नहीं चाहिए. उनका कहना है कि यह साफ हो क‍ि कितनी पेंशन मिलेगी. दूसरा, उन्हें र‍िटायरमेंट के बाद जो भी पेंशन मिले उसमें महंगाई से निपटने का भी कुछ प्रावधान यानी डीए (DA) जैसी कोई व्यवस्था चाहिए. ऐसा नहीं होने पर पेंशन का वास्तविक मूल्य घटता जाएगा.

न्यूनतम पेंशन तय करने की मांग-
कर्मचार‍ियों का तीसरा सवाल यह है क‍ि अगर किसी ने पूरी नौकरी यानी 30 साल तक काम नहीं किया है, उसके लिए कुछ न्यूनतम पेंशन तय की जाए. ये ऐसे मामले हैं, जिस पर हमें फैसला लेना है.’ उन्होंने कहा, लेकिन एक बात साफ है कि ओल्‍ड पेंशन बहाल करना वित्तीय रूप से मुमकिन नहीं है. वित्त मंत्रालय (Finance Minister) ने पिछले साल सरकारी कर्मचारियों के लिए पेंशन योजना की समीक्षा करने और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली में जरूरत के हिसाब से बदलाव का सुझाव देने के लिए वित्त सचिव की अगुवाई में समिति का गठन किया था.

1000 आईटीआई को आधुनिक बनाने का प्‍लान-
एक सवाल के जवाब में सोमनाथन ने कहा, ‘बजट में महत्वपूर्ण रोजगार पर जोर देना है. एक तरफ जहां वित्तीय सहायता के जरिये रोजगार सृजन पर जोर है वहीं दूसरी तरफ रोजगार गहन क्षेत्र एमएसएमई और कौशल विकास के लिए कदम उठाये गये हैं. कौशल विकास के तहत हम देश में युवाओं को रोजगार के काबिल बनाने के मकसद से उन्हें कंपनियों में प्रशिक्षण देने की सुविधा के अलावा 1,000 आईटीआई को आधुनिक बनाएंगे.’ इस बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, ‘कौशल विकास के तहत केंद्र, राज्य और उद्योग के सहयोग से आईटीआई को आधुनिक रूप दिया जाएगा. उद्योग में जो आधुनिक मशीनरी, कामकाज का तरीका है उसे आईटीआई में शामिल किया जाएगा. अच्छे प्रशिक्षकों को भी जोड़ा जाएगा. इसका मकसद बेहतर प्रशिक्षण देना है.’

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में संगठित क्षेत्र में आने वाले नये कामगारों के लिए EPFO के जरिये तीन योजनाओं की घोषणा की. रोजगार को बढ़ावा देने के मकसद से लाई गईं योजनाओं के लिए कुल 1.07 लाख करोड़ रुपये का फैसला किया गया है. इससे अगले पांच साल में 2.90 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा, एक करोड़ युवाओं को कंपनियों में प्रशिक्षण और 20 लाख को आईआईटी में प्रशिक्षण देने की भी घोषणा की गयी है. बजट में नई पीढ़ी के सुधारों और राज्यों के सहयोग से जुड़े सवाल के जवाब में वित्त सचिव ने कहा, ‘सुधारों को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा. इसके अलावा राजकोषीय उपायों के जरिये उन्हें प्रोत्साहित किया जाएगा.’