8th Pay Commission Update : आठवें वेतन आयोग से जुड़ा अपडेट जारी, कर ले कंफ्यूजन दूर
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : 8वें वेतन आयोग के गठन को लेकर चर्चा जोरों पर है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों (central employees latest updates) को उम्मीद है कि इसका गठन जल्द हो जाएगा लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर ऐलान नहीं हुआ है।
इसी बीच नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के सचिव (कर्मचारी पक्ष) शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि हम कम से कम 2.86 का फिटमेंट फैक्टर की मांग करेंगे। जानिए यह क्या है।
कब होगा 8वें वेतन आयोग का गठन?
केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग के गठन का ऐलान जल्द हो सकता है। उम्मीदों के बीच कर्मचारी यूनियनों की नजर फिटमेंट फैक्टर (fitment factor)पर है। फिटमेंट फैक्टर वह गुणक यूनिट है जिसका उपयोग सरकारी कर्मचारियों और रिटायर कर्मचारियों के मूल वेतन और पेंशन को संशोधित करने के लिए किया जाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) के सचिव (कर्मचारी पक्ष) शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि वेतन और पेंशन में संशोधन के अगले सेट के लिए "कम से कम 2.86" का फिटमेंट फैक्टर अपेक्षित है।
2.86 के फिटमेंट फैक्टर की मांग
रिपोर्ट के मुताबिक मिश्रा ने बताया कि हम कम से कम 2.86 के फिटमेंट फैक्टर पर विचार कर रहे हैं, क्योंकि इस तरह का संशोधन 10 साल में एक बार ही होता है। 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद हम यही मांग करेंगे। यह बयान इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मिश्रा JCM की राष्ट्रीय परिषद के कर्मचारी पक्ष के चीफ हैं।
नेशनल काउंसिल ऑफ जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) नौकरशाहों और कर्मचारी संघ के नेताओं का एक आधिकारिक प्लेटफॉर्म है। केंद्रीय सचिव की अध्यक्षता में NC-JCM का उद्देश्य सरकार और कर्मचारियों के बीच सभी विवादों को बातचीत के जरिये हल करना है।
बढ़कर 51,451 रुपये हो सकता है न्यूनतम वेतन
मिश्रा ने कहा कि महंगाई दर की स्पीड को देखते हुए, हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि 8वें वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित फिटमेंट फैक्टर पिछले वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित फिटमेंट फैक्टर से अधिक होगा। 7वें वेतन आयोग ने 2.57 के फिटमेंट फैक्टर की सिफारिश की थी।
इससे केंद्र सरकार के कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 7,000 रुपये से बढ़कर 17,990 रुपये हो गया। अगर 8वें वेतन आयोग द्वारा फिटमेंट फैक्टर के रूप में 2.86 की सिफारिश की जाती है, तो कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 17,990 रुपये से बढ़कर 51,451 रुपये हो जाएगा।
न्यूनतम वेतन 35,000 की बात निराधार
न्यूनतम वेतन को 34,000-35,000 रुपये तक बढ़ाने का दावा करने वाली खबरों पर टिप्पणी करते हुए मिश्रा ने कहा कि ऐसे दावों का कोई आधार नहीं है। ये कुछ ट्रेड यूनियनों की व्यक्तिगत मांग हो सकती है, लेकिन जहां तक NC-JCM के कर्मचारी पक्ष की बात है, हम एक निश्चित फिटमेंट फैक्टर की मांग करेंगे। और यह 2.86 से कम नहीं होगा।
गठन की तारीख पर स्पष्टता नहीं
8वें वेतन आयोग के गठन पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। आम तौर पर वेतन पैनल का गठन 10 साल में एक बार केंद्र सरकार के कर्मचारियों और रिटायर लोगों के वेतन और पेंशन को संशोधित करने के लिए किया जाता है।
आखिरी वेतन पैनल 7वां वेतन आयोग फरवरी 2014 में तत्कालीन मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा गठित किया गया था। इसकी सिफारिशें जनवरी 2016 से लागू हुईं। वेतन आयोग के गठन को कर्मचारियों के मूल वेतन में संशोधन की दिशा में पहला ठोस कदम माना जाता है। आयोग के गठन के बाद इसे सभी हितधारकों से मिलने और सरकार के समक्ष एक रिपोर्ट पेश करने का काम सौंपा जाता है।
गठन से ज्यादा लागू होने की तारीख महत्वपूर्ण
7वें वेतन आयोग की तुलना में 8वें वेतन आयोग के गठन की तारीख में पहले ही देरी हो चुकी है। मिश्रा से जब पूछा गया कि क्या 8वें वेतन आयोग के गठन में काफी देरी हुई है, तो उन्होंने कहा कि इसके लागू होने की तारीख, आयोग के गठन की तारीख से अधिक महत्वपूर्ण होगी।
कहा कि जहां तक मुझे पता है, कोई भी सरकार 10 साल बाद वेतन में संशोधन से इनकार नहीं कर सकती। पिछली वेतन वृद्धि 1 जनवरी 2016 को लागू हुई थी। मुझे विश्वास है कि अगला संशोधन 1 जनवरी, 2026 से लागू होगा। मिश्रा ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन के महासचिव भी हैं।