ये है भारत की सबसे ज्यादा बीकने वाली गाड़ी जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
Trending Khabar TV (ब्यूरो) : भारतीय लोगो के बीच इन कारों का काफी क्रेज देखने को मिलता है ऐसा ही नही प्रीमियम कारों को लोग खूब पसंद भी करते हैं। इन प्रीमियम कारों को महिलाएं भी आसानी से चला सकती है ।इन कारों में तेल की खपत भी कम होती हैं । ये कारें चलने में भी आपको बेहद शानदार हाती है।
इलेक्ट्रिक कारों का क्रेज हुआ कम
भारत के सर्वेक्षण के अनुसार, 40 फीसदी लोग अब हाइब्रिड(electric cars sale) वाहनों को प्राथमिकता देते हैं, जबकि केवल 17 फीसदी इलेक्ट्रिक कारों को प्राथमिकता देते हैं। लगभग 34 फीसदी अभी भी पेट्रोल वाहनों को खरीदना पसंद करते हैं। भारत के पार्टनर और ऑटो और ईवी इंडस्ट्री लीडर साकेत मेहरा के अनुसार, त्योहारी सीजन आमतौर पर वार्षिक बिक्री का 30-40 फीसदी होता है। यह समय भारतीय ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिए बेहद अहम है।
हाइब्रिड वाहनों पर भी बढ़ा फोकस
हाइब्रिड वाहनों के बढ़ते चलन के साथ उनसे एक ब्रिज के रूप में कार्य करने की उम्मीद की जा रही है। जहां वे अल्टरनेटिव टेक्नॉलजी के साथ उपभोक्ताओं के कंफर्ट का ध्यान रखें। इस तरह लोगों को भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में तेजी लाने की उम्मीद की जा रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह ट्रेंड वाहन निर्माताओं के लिए हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक दोनों पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत को दिखाता है, ताकि ग्राहकों की बदलती अपेक्षाओं को पूरा किया जा सके और एक सस्टेनेबल ऑटोमोटिव भविष्य की तैयारी की जा सके।
फेस्टिवल सीजन में बढ़ सकती है बिक्री
हम आपको बता दें की आने वाले वर्ष 2025 की पहली छमाही में कुल घरेलू बिक्री में मात्र 0.5 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। यह एसयूवी और यूवी की लगातार (most demanding cars in india)मांग अलग-अलग तरह के वाहनों के लिए ग्राहकों की बढ़ती पसंद को दिखाता है। मेहरा ने कहा कि ऑटो निर्माताओं के पास पर्याप्त त्योहारी छूट के माध्यम से बढ़ती उपभोक्ता मांग को पूरा करने का अवसर है, लगभग 90 फीसदी लोगों को इस कार (new car lunching)को पेश करने की उम्मीद की जा रही है।
ऑनलाइन मीडियम पर सर्च भी काफी ज्यादा बढ़ा
हम आपको बता दें कि कुछ लोग डिजिटल प्लैटफॉर्म कार खरीदनें की (hybrid car demand in india)प्रक्रिया में अहम भूमिका निभा रहे हैं। 74 फीसदी उपभोक्ता रिसर्च के लिए सोशल मीडिया और कार वेबसाइटों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो दो साल पहले 56 फीसदी था। हालांकि, अंतिम खरीदारी बड़े पैमाने पर ऑफलाइन ही होती है।